तरन्नुम की चाशनी है लता की आवाज
-----------------------------------------------
डा. ध्रुव कुमार
----------------------
संगीत की शाश्वत दैव स्वरूप हैं लता :
----------------------------------------------
अनिल रश्मि
-------------------------------
मन की वेदना को हरती हैं लता के गीत : प्रभात कुमार धवन
---------------------------------------------
पटना सिटी । " जिंदगी प्यार क़ा गीत है , इसे हर दिल को गाना पड़ेगा ....।"
" तुझे औऱ क्या दूँ मैं दिल के सिवा ,
तुमको हमारी उमर लग जाए.....।
बिंदिया चमकेगी , चूड़ी खनकेगी..।
आजा सनम मधुर चांदनी में हम ..।
तुम्ही मेरी मंदिर ,तुम्हीं मेरी पूजा ...।
आज मदहोश हुआ जाए रे मेरा मन ।
हज़ारों गीतों की मलिका -ए - तरन्नुम ,
स्वर तपस्विनी ,सुर सम्रागी लता मंगेशकर की आवाज कानों में शहद का अहसास कराती हैं। ये बातें आज मानस पथ स्थित स्वराँजलि सभागार
में कार्यकम की अध्यक्षता करते हुए
( वर्चुअल ) संगीत मर्मज्ञ डा. ध्रुव कुमार नें कही।
कार्यक्रम क़ा उदघाटन (केक काटकर ) करने के बाद वरीय कवि व
गीतकार प्रभात कुमार धवन नें कहा
लता जी के गानें मन की वेदना को हर
लेतीं हैं। उन्होनें रस ,वीर ,भजनानंद औऱ सर्वप्रिय सभी पीढ़ी के लिए गाया , अपनी मधुरस आवाज से सबको दीवाना बना रखा है।
" छोड़ दे सारी दुनियाँ किसी के लिए
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए ...।
" है इसी में प्यार की आबरू
जो जफ़ा करें ,मैं वफ़ा करूं..
" हैप्पी बर्थडे टू यू ....लता जी
गाकर उन्हें जन्मदिन की बधाई
अनिल रश्मि नें दी औऱ कहा वो
संगीत शाश्वत दैव स्वरूपा हैं ,उनकी
गायिकि पर सृष्टि भी नतमस्तक हैं।
मंच संचालन नितिन कुमार वर्मा नें
किया जबकि धन्यवाद डा. सूर्य
प्रताप नें किया । इस आशय की
जानकारी मीडिया प्रभारी ऋषभ
रत्न नें दी। मौक़े पर राजा पुट्टु ,
नेक आलम , डा. करुणा निधि ,
सचिनद्र नारायण मिश्र , संजय ,
यादव , जितेंद्र पाल , डा. शीला ,
ममता , अमिता , आरती मौजूद थीं.
0 comments: