*बेलागंज स्थानीय प्रखंड के कोरियावां पंचायत का मेंन गांव दलित टोला के ग्रामीण ने आवश्यक सुविधाओं के लाभों से वंचित होकर अपने उध्दार के लिए मसीहा की तलाश में हैं।*
*गया जिला से राजेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट*
बेलागंज स्थानीय प्रखंड के कोरियावां पंचायत का मेंन गांव दलित टोला के ग्रामीण आवश्यक सुविधाओं के लाभों से वंचित होकर अपने उध्दार के लिए मसीहा की तलाश में हैं। मेन गांव के दलितों और पिछड़े और अत्यंत पिछड़ी जातियों के ग्रामीणों को टोले में आने-जाने के लिए न तो अच्छी गलियां है और नहीं नालियों के गंदगी बाहर निकलने वाले कोई स्थान।टोले की अधिकांश गलियां कच्ची हैं और जहां गलियों का पक्कीकरण कराया गया है।उसकी भी स्थिति जर्जर है।वैसे,टोले की नालियों का पक्कीकरण कराया गया है।लेकिन,निर्माण के दौरान बरते गए अनियमितता के चलते उनकी स्थिति भी जर्जर और बदहाल बनी हुई है।ग्रामीणों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नली-गली योजना से टोले में काम तो हुआ है।लेकिन,यह पर्याप्त नहीं है।सरकार गांवों और टोलों की नालियों और गलियों को चकाचक बनाने के लिए भले ही करोड़ों अरबों रुपये खर्च कर रही है।लेकिन,मेन दलित टोले में सरकार के इन योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नसीब नहीं हो पा रहा है।ग्रामीणों ने बताया कि अधिकांश घरों के नालियों के लिए जगह नहीं होने से घरों से निकलने वाले पानी और गंदगी का बहाव गलियों में करना विवशता बनीं हुईं है।घरों के पानी और गंदगी गलियों में आने से रास्ते पर कीचड़ और जल जमाव से लोगों को आवाजाही की परेशानियों से जूझना पड़ता है।टोले के ग्रामीणों ने बताया कि अधिकांश घरों के नालियों को मुख्य नाली में मिलाने के लिए और नाली की गंदगी किसी सार्वजनिक जगह गिराने के लिए न तो स्थान सुनिश्चित किया गया है और नहीं इसके लिए वर्तमान में कोई योजना है। ग्रामीणों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, जिलाधिकारी और तमाम संबंधित पदाधिकारियों से मेन दलित टोले की मौलिक समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है।



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