सवाल सरकार ,BMC से ? कंगना राणावत के ऑफीस का थोडा़ सा हिस्सा टूटे तो देश भर में बवाल ?और गरीब के झोपड़ा टूटे तो कोई पूछने वाला नही ? जी हाँ ऐसा ही नजारा मुंबई में देखने को मिल रहा है। मुंबई गोरेगांव ईस्ट में उमर शैख पाडा हिरुबाई चाल दुरदर्शन सोसायटी के पास झोपड़े में बीना नोटिस बीएमसी ने लीगल झोपड़े तोड़े।
बता दें इन दिनों पुरे देश में कोरोना वायरस की महामारी चल रही है और मुंबई में बारिश का मौसम भी लगा हुआ है। ऐसे हालात में झोपड पट्टी,
के हिरुबाई चाल के हिरुबाई वसंत पवार, पीछले 1995 से तकरीबन 25 साल से वहां झोपड पट्टी में रेह रहे हैं। ईस झोपड़ पट्टी में तकरीबन 30 से 35 झोपड़े हैं और पुरे लीगल तरीके से हैं।
जब यहां दुरदर्शन सोसायटी बनी भी नहीं थी तबसे हिरुबाई चाल के लोग उस झोपड़ पट्टी में रेह रहे हैं। और सब पेपर भी हैं उनके पास फीर भी जान बुझकर गरीब बे सहारा लोगों को हैरान किया जा रहा है। और सर के छत छीनी जा रही है। अगर कंगना राणावत के घर को तोडा जाए तो बीएमसी को उसकी भरपाई करनी पड़ती है लेकिन गरीब बे सहारा लोगों के जो दिन रात एक करके महेनत करके पसीना बहाकर कमाके दो पैसा अपना मकान बनाने में लगाते हैं उनके झोपड़े तोड ने पर कौन भरपाई करेगा। क्युं गरीब बे सहारा लोगों को परेशान किया जा रहा है। झोपड़े तुट ने बाद ईन लोगों के चुले भी नहीं जले। बच्चों को खाना भी नसीब नहीं हुआ।
घर के पुरे सामान के साथ कपड़े, बर्तन, फरनीचर के साथ झोपड़े को तोड़ा गया। गैस सिलेंडर और बाटला भी हटाने का मौका नहीं दिया बीएमसी ने,
आखीर कब प्रसाशन ईन गरीब बेसहारा लोगों की बात सुनेगी। और कब गरीब बेसहारा लोगों को न्याय मीलेगा। यहां के नगर सेवक,आमदार और पुलिस कर्मी भी दुरदर्शन सोसायटी का साथ दे रहे हैं।ग़रीबों के साथ कोई नही झोपड़ पट्टी वालों की प्रसाशन से एक ही मांग है की बारीश का पानी भर जाने की वजह से यहां थोड़ा बांधकाम करवाया गया था लेकिन बीएमसी ने उस बांधकाम के साथ झोपड़े को भी तोड़ दिया है उसे वापस रिपैर करने की अनुमति दी जाए। कुछ रसूक दार लोगों की मिली भगत से ग़रीबों के झोपडों को तोड़वाया गया है
जिनका नाम निरजा प्रभाकर मेडम और मुजिंदार, ऐसा कहना है इन झोपड़ पट्टी वालों का. सरकार इन स्भी पर कड़ी से कड़ी करवायी करें ?









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