बाँका। जल्दी उठो, काम पर चलो आदि भागदौड़ भरी जिंदगी में मेंटल स्ट्रेस लाजिमी है। मेंटल स्ट्रेस की वजह से नशों का खिंचाव और इस वजह से नेत्र ज्योति का कमजोर पड़ना भी स्वाभाविक है। ऐसे में आँखों की देखभाल हमारी जिंदगी का एक बड़ा टास्क हो जाता है।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के मुताबिक एक निश्चित आयु सीमा के बाद नेत्र ज्योति वैसे भी कमजोर पड़ने लगती है। इस नियमित समस्या से निपटने के लिए सिर्फ दवा ही नहीं बल्कि योग क्रिया इससे कहीं ज्यादा लाभकारी सिद्ध होती है। योग पद्धति में त्राटक क्रिया इस समस्या का एक उचित और कारगर समाधान है।
युवा योगगुरू अभिषेक कुमार ने बाँका शहर के यौगिक सेंटर में नेत्र ज्योति संबंरधन पर आयोजित एक विशेष साधना सत्र में नियमित साधकों को यह जानकारी दी।
इन्होंने कहा कि त्राटक क्रिया के
नियमित अभ्यास से मन की एकाग्रता
तर्क शक्ति में वृद्धि और याददास्त का संमृद्ध संबर्धन होता है।
छात्र-छात्राओं और विशेष रूप से मानसिक कामकाज करने वाले के लिए यह क्रिया खास लाभकारी है।
यौगिक सेंटर में नियमित योग साधकों को त्राटक क्रिया की सैद्धान्तिक जानकारी देते हुए उन्हें अभ्यास भी कराया गया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह क्रिया आँखों को साफ करने तथा नेत्र ज्योति को बढ़ाने में बेहद मददगार साबित होती है। त्राटक क्रिया दीप, किसी निश्चित विन्दु या अरुणोदय पर दृष्टि एकटक कायम रखकर किया जाता है।
इस मौके पर संध्या कुमारी, वैद्य राम किशोर राय, राहुल कुमार, अजय, मोनू आदि उपस्थित थे। *के पी चौहान बाँका।


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