बिते रात पूर्णिया के पंचगछिया पिछले दिनों नीलू
सिंह जी की मां का देहांत हो गया। कल जाप सुप्रीमो माननीय पप्पू यादव जी वहां पहुंचकर नीलू सिंह समेत उनके शोकाकुल परिजनों से मिले और अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें सांत्वना दी।
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बिते रात पूर्णिया के पंचगछिया पिछले दिनों नीलू
उगते हुए सूर्य को अरग देने के साथ संपन्न हुई चार दिवसीय महान छठ पर्व आज 31 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व छठ संपन्न हुआ महापर्व छठ कार्तिक शुक्ल पक्ष सष्टि को मनाया जाता है छठ पर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर को नहाए खाए के साथ हुई थी 29 अक्टूबर को छठ पर्व का दूसरे दिन खरना मनाया जाता है 30 अक्टूबर को डूबते हुए सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया गया इस पर्व में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर वर्ती छठी मैया और सूर्य भगवान की पूजा अर्चना की जाती है करते हैं जो संतान सुख से वंचित हैं उनके लिए यह व्रत वरदान साबित होता है आज उदय मान सूर्य को अर्ध देते हुए महापर्व छठ का समापन हुआ छठ पूजा का सनातन धर्म में बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री राम भी हर दिन सूर्य भगवान की पूजा क्या करते थे सूर्य को प्रत्यक्ष तौर पर देवता माना गया है पूरे बांका जिले में छठ का त्यौहार पूरे धूमधाम से और हंसी खुशी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।
उगते सूर्य को आज अर्ध्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व का समापन
के पी चौहान
बाँका। चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ आज नदी, तालाब आदि घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पण करने के साथ ही संपन्न हो गया।
जिला मुख्यालय स्थित तारा मंदिर घाट, बाबा भयहरण घाट, अलिगंज सूर्य मंदिर घाट, विजयनगर घाट, सैजपुर घाट, गरनिहा घाट सहित अन्य घाटों पर आज भक्तिपूर्ण माहौल में उदयाचल सूर्य को अर्घ्य अर्पण के बाद कई छठ व्रतियों द्वारा ठेकुआ, कसार,फल आदि प्रसाद का श्रद्धालुओं के बीच बितरण भी किया गया। वहीं अनेकों महिला- पुरूष, युवक- युवतियों ने छठव्रती महिलाओं का पाँव छूकर आशीर्वाद भी लिया। ज्ञात हो कि कल अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया गया था,18 को खरना था और 17 नवंबर को कद्दू-भात था। यानी चार दिनों तक पूरा क्षेत्र के लोग वाध्य यंत्रों पर बजने वाले भक्तिपूर्ण गीत-संगीत में डुबकी लगाते नजर आए।
ओढ़णी नदी और चांदन नदी स्थित सभी घाटों के अलावे विभिन्न तालाबों का प्रशासन द्वारा पहले साफ-सफाई कराया गया था, कुछ कार्य स्थानीय समितियों द्वारा भी करया गया। खासकर तारा मंदिर घाट को रंग - विरंगे झालरों, बल्ब- मर्करी, हैलोजन आदि लाइटों के द्वारा बेहतरीन तरीके से सजाया गया था, इसके लिए तारा मंदिर समिति के अध्यक्ष राज किशोर यादव बधाई के पात्र हैं। प्रशासन द्वारा लगभग घाटों पर पुलिस की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त नजर आई, वहीं विभिन्न चौक- चौराहे पर भी सुरक्षा- व्यवस्था चाक-चौबंद देखी गई।
तारा मंदिर घाट पर तो भीड़ देखते ही बनती थी। हजारों महिला- पुरूष, युवक- युवतियां, और बच्चे- बुढ़ो से तारा मंदिर घाट भीड़ से पटा हुआ था। यहीं युवा- जुझारू नेता सह पूर्व नप अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह भी अपने परिवार के साथ पूजा के लिए आए थे, इन्हीं के सूप पर बाँका के आरक्षी अधीक्षक डा.सत्यप्रकाश सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी ने भी अर्घ्य अर्पण किए।
तारा मंदिर घाट पर बने सूर्य मंदिर में भक्तों की भीड़ देखते ही बनती थी, बच्चों खिलौने की दुकानों पर अभिभावकों की जेबें ढ़ीली हो रही थी और बच्चे चहक रहे थे। कुल मिलाकर यहाँ अवलोकन काफी हर्षोल्लासपूर्ण बातावरण चुनौती पेश कर रहा था।
महाप्रबंधक/पूर्व रेलवे ने मालदा मंडल के भागलपुर-जमालपुर खंड का निरीक्षण किया
कोलकाता, 21 नवंबर 2023
पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक श्री अमर प्रकाश द्विवेदी ने 21 नवम्बर, 2023 को मालदा मंडल के भागलपुर-जमालपुर खंड के विभिन्न स्टेशनों पर सुरक्षा गियर, अचल संपत्तियों, सुधार की संभावनाओं की स्थिति और अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत इस खंड के विभिन्न स्टेशनों के पुनर्विकास के काम की प्रगति की जांच करने के निरीक्षण किया।
महाप्रबंधक श्री द्विवेदी, के साथ श्री अशोक माहेश्वरी, प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर, श्री वीर भद्र विश्वकर्मा, प्रधान मुख्य विद्युत इंजीनियर, श्री अरुण कुमार चौधरी, प्रधान मुख्य इंजीनियर, श्री रामधन मीना, प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक, पूर्व रेलवे और श्री विकास चैबे, मंडल रेल प्रबंधक, मालदा सह मंडल के अन्य शाखा अधिकारी भी थे।
महाप्रबंधक श्री द्विवेदी ने स्थित धनौरी रेलवे स्टेशन का व्यापक निरीक्षण किया। इस दौरे में स्टेशन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की जांच शामिल थी। निरीक्षण के दौरान, महाप्रबंधक/पूर्व रेलवे स्थानीय समुदायों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे, निवासियों के साथ चर्चा की और स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई चिंताओं का समाधान किया। इस आउटरीच का उद्देश्य धनौरी स्टेशन के संबंध में समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों को समझना और उन्हें संबोधित करने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है।
कजरा रेलवे स्टेशन और अभयपुर रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ते हुए महाप्रबंधक ने स्थानीय निवासियों और स्थानीय प्रतिनिधियों से उनकी चिंताओं को दूर करने और स्टेशन से संबंधित उनकी मांगों को समझने के लिए बातचीत की। इसके बाद, उन्होंने दोनों स्टेशनों पर रेलवे परिचालन की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम का सावधानीपूर्वक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान, मार्ग में आने वाले स्टेशनों की साफ-सफाई और समग्र स्थिति, ट्रेन की सवारी गुणवत्ता-विशेष रूप से बिंदुओं और क्रॉसिंगों पर, मार्ग में समपार फाटकों की ट्रैक ज्यामिति इनडेक्स (टीजीटी) स्थिति में सुधार आदि जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों का श्री द्विवेदी द्वारा अवलोकन किया गया। .
एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में आज जमालपुर स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक श्री अमर प्रकाश द्विवेदी की उपस्थिति में जमालपुर रेलवे स्टेशन पर क्रांतिकारी 'सचेत-ट्रेनर' और 'मार्गदर्शक' ऐप का प्रदर्शन किया गया।
महाप्रबंधक श्री अमर प्रकाश द्विवेदी ने यात्री अनुभव को बदलने की क्षमता के लिए 'मार्गदर्शक' ऐप की सराहना की, और अपने उपयोगकर्ताओं के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की पूर्व रेलवे की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "ये एप्लिकेशन परिचालन दक्षता और यात्री संतुष्टि दोनों को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए पूर्व रेलवे के समर्पण को रेखांकित करते हैं।"
बाद में, शाम को पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक श्री अमर प्रकाश द्विवेदी ने मंडल रेल प्रबंधक/मालदा की उपस्थिति में मंडल अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की।
एण्डटीवी का नया शो ‘अटल‘- श्री अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की अनकही कहानियों पर आधारित
संवाददाता शाहिद आलम
-यूफोरिया प्रोडक्शन्स द्वारा निर्मित इस शो में व्योम ठक्कर ‘बाल अटल‘ के रूप में; नेहा जोशी अटल की मां ‘कृष्णा देवी वाजपेयी‘ के रूप में; आशुतोष कुलकर्णी पिता ‘कृष्णा बिहारी वाजपेयी‘ के रूप में; मिलिंद देशपांडे दादाजी ‘श्यामलाल वाजपेयी‘ के रूप में, राहुल जेठवा बड़े भाई ‘अवध बिहारी वाजपेयी‘ के रूप में, आर्या जोशी भाभी ‘अवध की पत्नी‘ के रूप में; प्रियांशु गांधी ‘सदा बिहारी वाजपेयी‘ के रूप में, सक्षम श्रृंगऋषि ‘प्रेम बिहारी वाजपेयी‘ के रूप में और एलिना ‘उर्मिला बिहारी वाजपेयी‘ के रूप में एवं एलिन ‘कमला बिहारी वाजपेयी‘ के रूप मे नजर आयेंगे_
राष्ट्रीय, 21 नवंबर, 2023: भारतीय इतिहास में कई प्रधानमंत्री ऐसे रहे हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े बदलाव किये। उन्होंने अपने महान दृष्टिकोण और दृढ़-निश्चय के साथ महत्वपूर्ण क्षणों में देश का नेतृत्व किया। उनके कार्यकाल में कई ऐसे महत्वपूर्ण फैसले हुए, जिन्होंने देश की तकदीर बदली और भारत ने दुनिया पर अपनी छाप छोड़ी। अपने महत्वपूर्ण दृष्टिकोण और निर्णायक कदमों से इन नेताओं ने इतिहास में अपना नाम दर्ज किया और ऐसी अमिट विरासत छोड़ी, जिसने शानदार सफलता और प्रगति के एक युग को परिभाषित किया। ऐसे ही एक महत्वपूर्ण नेता थे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी।
अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रभावशाली राष्ट्राध्यक्ष थे और भारत के लोग उनकी विरासत को बहुत अहमियत देते हैं। एण्डटीवी अपने नये शो ‘अटल’ के माध्यम से उनके बचपन के अनकहे पहलुओं को सामने लाने के लिये तैयार है। यूफोरिया प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित यह शो आपको अटल जी के बचपन की झलक दिखायेगा, जिन्होंने बड़े होकर भारत का नेतृत्व किया और इसे एक महान राष्ट्र बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत में ब्रिटिशराज की पृष्ठभूमि पर आधारित यह शो आपको अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की उन घटनाओं, मान्यताओं तथा चुनौतियों के बारे में बतायेगा, जिसकी वजह से एक ऐसे नेता का जन्म हुआ, जिसे हम आज जानते हैं। शो की कहानी में अटल की माँ के साथ उनके गहरे सम्बंधों को दिखाया जाएगा, जिन्होंने उनकी धारणाओं, मूल्यों और चिंतन को गहराई से प्रभावित किया था। एक ओर भारत ब्रिटिशराज में गुलामी का सामना कर रहा था और दूसरी ओर देश आंतरिक कलह और धन, जाति तथा भेदभाव के विभाजन से जूझ रहा था। अखण्ड भारत का जो सपना अटल की माँ ने देखा था, उसे उन्होंने अपने दिल की गहराइयों में उतार लिया। इस शो में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेरक कहानी दिखाई जाएगी, जिन्होंने अपने विनम्र स्वभाव के साथ शुरूआत की और फिर यही लड़का एक दिन भारत के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक बना।
एण्डटीवी के नये शो ‘अटल’ के बारे में एण्डटीवी के बिजनेस हेड विष्णु शंकर ने अपनी बात रखते हुए कहा, ‘‘एण्डटीवी में हम ऐसा कंटेन्ट बनाने की कोशिश करते हैं, जो हमारे दर्शकों के साथ गहरा जुड़ाव बनाये और कहानी कहने की प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण कला से उन्हें प्रेरित करे। हमारा नया शो ‘अटल’ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की एक दमदार कहानी है। उन्हें एक सक्षम नेता, कवि और वक्ता के रूप में सभी जानते हैं, लेकिन उनके बचपन के बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता है। यह कहानी उनके शुरूआती अनुभवों और चुनौतियों पर एक अनूठा नजरिया दिखाती है, जिसने उनकी धारणाओं और मूल्यों को आकार दिया और उन्हें ऐसा नेता तथा इंसान बनाया, जिसे हम आज जानते हैं। हम अपने दर्शकों के लिए उनकी कहानी लाकर बहुत खुश हैं और हमें आशा है कि दर्शकों का खूब मनोरंजन होगा और उन्हें प्रेरणा भी मिलेगी।’’
शो का निर्माण करने वाले यूफोरिया प्रोडक्शंस के निर्माता आरव जिंदल ने कहा, ‘‘श्री अटल बिहारी वाजपेयी वाकपटुता और चतुराई के गुणों से भरपूर एक दिग्गज नेता थे और उन्होंने भारत की राजनीति को एक ठोस विरासत दी। उन्होंने अपनी राजनीतिक दक्षता, खास शख्सियत और देश की भलाई के लिये अपनी अटूट प्रतिबद्धता का संयोजन किया और भारत के इतिहास में एक श्रद्धेय नेता बने। श्री वाजपेयी ने सांस्कृतिक जड़ों के साथ राजनीतिक परिदृश्य का संगम कर उसे नया आकार दिया। आर्थिक तरक्की को बढ़ावा देने वाले एक राष्ट्राध्यक्ष के रूप में उन्होंने विभिन्न दलों को एकजुट किया और लोगों की प्रशंसा बटोरी। उनके फैसलों ने भारत को वैश्विक आवाज दी, वह प्रखर बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता का प्रतीक थे। वाजपेयी के शानदार नेतृत्व ने प्रगति और एकता को बढ़ावा दिया, वह लोगों के लिए एक सदाबहार प्रेरणा बने और उन्होंने राजनीतिक सीमाओं से परे जाकर काम किया। हमारा शो ‘अटल’ आज की पीढ़ी को उनकी कालजयी विरासत और उनके करिश्माई व्यक्तित्व से परिचित करना चाहता है, क्योंकि इसमें उनके बचपन की अनकही बातें हैं।’’
‘अटल’ शो के लेखक शांति भूषण ने बताया, ‘‘श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय राजनीति को नया आकार दिया। उन्होंने हमारी सांस्कृतिक धरोहर की जड़ों में बसे एक नए नजरिये को भी बढ़ावा दिया। भारतीय मूल्यों और परंपराओं से उनके गहरे लगाव ने मुख्यधारा की राजनीति को एक अलग पहचान दी। देश के लिये गौरव, प्रेम तथा देशभक्ति की भावना ही वाजपेयी की राजनीतिक विरासत का आधार थी, जिसने अखण्ड भारत की नींव रखी। आज की वैश्वीकृत दुनिया में अपनी पहचान और राष्ट्रीयता को संरक्षित रखना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। हमारा शो ‘अटल’ आज की पीढ़ी को प्रेरित करना और ऐसे आइडिया को बढ़ावा देने का एक मंच देना चाहता है, जो हमारे देश के गौरव को दुनिया के पटल पर लेकर जाए। वाजपेयी की जिंदगी की कहानी बहुत ही जबर्दस्त है, और यह आज के युवाओं को भारत की सांस्कृतिक जीवंतता और महत्व के लिये दुनियाभर में योगदान देने के लिये मार्गदर्शित करती है।’’
बाल अटल की भूमिका निभाने के बारे में व्योम ठक्कर ने कहा, ‘‘मैं बेहद उत्साहित और शुक्रगुजार हूँ कि मुझे बाल अटल की भूमिका निभाने का मौका मिला है। मैंने अटल जी के बारे में इतिहास की किताबों और अपने पैरेंट्स से ही सुना था, लेकिन कभी सोचा नहीं था कि एक दिन किसी टेलीविजन शो में उनके बचपन की भूमिका निभाऊंगा!’’ कृष्णा देवी वाजपेयी की भूमिका के बारे में बताते हुए, नेहा जोशी ने कहा, ‘‘मैं अटल की माँ कृष्णा देवी की महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर खुश हूँ। इतिहास और राजनीति में गहन रुचि के बावजूद, कृष्णा देवी बड़ी ही सहजता से अपने पति, वाजपेयी जी की एक समर्पित सहयोगी बन गईं। उनके जीवन का मिशन था अपने परिवार में सौहार्द्र बनाये रखना और अपने पति के फैसलों के साथ मजबूती से खड़े रहना। उनके इरादे चट्टान की तरह पक्के थे और धर्म को लेकर उनकी गहरी आस्था थी, उन्होंने ब्रिटिशराज का चुपचाप विरोध किया और भारत की स्वाधीनता चाही। कृष्णा देवी वह आधार हैं, जिसने उनके बेटे अटल को ढाला। उन्होंने अटल को एक दृढ़ नजरिया दिया और दर्जे पर सवाल उठाने का स्वाभाविक रुझान भी उन्हें अपनी मां से मिला। संभव है कि वह दुनिया को अपने विचार नहीं बता सकीं, लेकिन अपने प्यारे देश भारत को स्वतंत्र कराने की वास्तविक इच्छा उनमें थी। अपने परिवार के लिये उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता, ब्रिटिशराज के दमन के विरुद्ध उनकी अनकही ललकार और अपने बेटे को एक अच्छा नागरिक बनाने में उनकी प्रभावी भूमिका कृष्णा को एक बेजोड़ किरदार बनाती है।’’
कृष्ण बिहारी वाजपेयी की भूमिका के बारे में आशुतोष कुलकर्णी ने कहा, ‘‘पर्दे पर बाल अटल के पिता की भूमिका निभाना मेरे लिए बेहद गर्व की बात है। 1930 के दशक में कृष्ण बिहारी वाजपेयी एक गंभीर शिक्षक एवं राष्ट्रवादी इंसान थे, जिनके ब्राह्मण परिवार में चार बेटे और तीन बेटियां थीं। अपने देश से प्यार करने वाले श्री कृष्ण बिहारी भारत में ब्रिटिशराज की स्थिरता पर पक्का यकीन रखते थे और वे कोलोनियल ताकत के साथ समन्वय तथा आदर की वकालत करते थे। अपने परिवार के लिये उनकी आकांक्षाएं शिक्षा पर आधारित थीं। वे अंग्रेजी में निपुण होने, शैक्षणिक उत्कृष्टता और सरकारी नौकरी पाने की कोशिश पर जोर देते थे।’’
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महाप्रबंधक/पूर्वी रेलवे ने मालदा मंडल के भागलपुर-जमालपुर खंड का निरीक्षण किया
कोलकाता, 21 नवंबर 2023
पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक श्री अमर प्रकाश द्विवेदी ने खंड के विभिन्न स्टेशनों पर सुरक्षा गियर, अचल संपत्तियों, सुधार की संभावनाओं की स्थिति और इसके अंतर्गत आने वाले विभिन्न स्टेशनों के पुनर्विकास की दिशा में काम की प्रगति की जांच करने के लिए पूर्व रेलवे के मालदा डिवीजन के भागलपुर-जमालपुर खंड का निरीक्षण किया।
अमृत भारत स्टेशन योजना, दिनांक 21.11.2023। श्री द्विवेदी, महाप्रबंधक के साथ श्री अशोक माहेश्वरी, प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर, श्री वीर भद्र विश्वकर्मा, प्रधान मुख्य विद्युत इंजीनियर, श्री अरुण कुमार चौधरी, प्रधान मुख्य इंजीनियर, श्री रामधन मीना, प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक, पूर्वी रेलवे और भी थे।
श्री विकास चैबे, मंडल रेल प्रबंधक, मालदा और अन्य मंडल शाखा अधिकारी। महाप्रबंधक श्री द्विवेदी ने स्थित धनौरी रेलवे स्टेशन का व्यापक निरीक्षण किया।इस दौरे में स्टेशन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की जांच शामिल थी। निरीक्षण के दौरान, जीएम/ईआर स्थानीय कंपनी के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे।
जब कभी ग्रामीण माहौल में सांस्कृतिक कार्यक्रम अथवा रंगमंच की बात हो तो सामाजिक
यहां छठ पूजा के शुभ अवसर पर एक दिवसीय नाट्य मंचन का आयोजन किया गया। और नाटक था 'दहेज लोभियों को मिटा डालो' नौटंकी आरंभ होने से पहले ग्रामीण बालिकाओं द्वारा छठ महिमा पर आधारित नृत्य नाटिका की रस पूर्ण प्रस्तुति की गई। फिर नगाड़े की धुन के साथ नाटक की शुरुआत होती है जिसमें गांव का एक अमीर आदमी धनराज मन में यह मनसा पलटी हुई दूसरे गांव के एक गरीब व्यक्ति की बेटी से से अपने बेटे की शादी बिना दहेज की लिए तय करता है और शादी के वक्त धनराज दहेज की मांग कर बैठता है। मंडप पर बैठी दुल्हन रीता के पिता के लाख विनती के बावजूद भी धनराज बारात को वापस लेकर अपने घर चला जाता है रीता का पिता इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पता है और उसकी मृत्यु हो जाती है। मृत्यु के पश्चात रीता बेसहारा होकर आत्महत्या के ख्याल से पहाड़ के ऊपर से कूदती है लेकिन संयोगवश, घायल अवस्था में बागी डाकू रणजीत सिंह के खेमे में पहुंचती है और रीता अपनी कथा व्यथा सुनाती है। फिर क्या रीता भी रंजीत के खेमे में शामिल होकर समाज के दहेज लोभियों को मिटाने की कसम लेती है, ताकि समाज में रीता की तरह कोई बेबस और लाचार ना हो।
आगे के दृश्यों में रीता रेशमा डाकू बनकर समाज के बीच रह रहे दहेज लोभियों का पूर्ण आत्मा कर देती है और अंत समय में अपने गिरोह के साथियों के साथ पुलिस को आत्म समर्पित कर देती है।
नाटक समापन के पश्चात सभी कलाकारों ने मंच से अपनी अपनी शादी में दहेज न लेने की कसमें भ खाई ।
जहां खल पत्र सेठ धनराज की भूमिका सौरभ कुमार ने की तो डाकुओं का सरदार रणजीत सिंह की भूमिका नीतीश कुमार ने की। रेशमा डाकू सिंटू बने तो उसकी पिता की भूमिका गौतम कुमार ने की। अन्य पात्रों की भूमिका में लुटन कुमार, नीरज कुमार, आनंद कुमार, परमानंद ,बिट्टू ,लक्ष्मण आदित्य, गोविंद ,सोहि,सचिन, मनीष, मुन्ना, सोहन, चंदन कुमार और रोबिन कुमार ने सराहनीय भूमिका निभाई।
नाटक का सह निर्देशन सौरभ ने की एवं संपादन एवं निर्देशन कपिल देव रंग का था।
रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर के सहयोग से 'रसरंग', भागलपुर की प्रस्तुति थी।
इस अभिनय को सफल बनाने में जहां रूप सजा पुनीत अकेला जी थे तो वहीं मंच निर्माण एवं दृश्य निर्माण का कार्य कैलाश मंडल ने किया।
नाटक का उद्घाटन भागलपुर के युवा समाजसेवी विजय कुमार यादव ने की।
उद्घाटन करता ने अपने उद्बोधन में कहा कि भले ही या मोहल्ला लालूचक नगर निगम का वार्ड नंबर 1 है लेकिन यहां की संस्कृति बिल्कुल ग्रामीण संस्कृति है, और यहां के कलाकारों ने भागलपुर के साथ-साथ पूरे देश भर में अपने रंग कर्म का झंडा गढ़ रखा है। जिसका जीता जागता नमूना हाल फिलहाल में आयोजित हुए भागलपुर रंग महोत्सव 2023 में देखने को मिला।
मौके पर शांति समिति सदस्य भावेश यादव, रंजीत यादव, दिलीप यादव, कार्तिक मंडल, भागीरथ मंडल, मनोज कुमार मंडल, तथा रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर के अध्यक्ष दीपक कुमार एवं सदस्य विनोद रंजन के साथ-साथ सैकड़ो ग्रामीण महिला एवं पुरुष दर्शकों की उपस्थिति रही।
कपिलदेव रंग
जगदीशपुर में दिया अर्घ्य, लगे छठ मां के जयकारे घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था, प्रशासनिक पदाधिकारी भी थे तैनात
जगदीशपुर भागलपुर बिहार
प्रखंड क्षेत्र के सभी छठ घाटों पर रविवार की शाम और सोमवार की सुबह को अर्क देने के लिए काफी संख्या में छठ व्रती पहुंचे थे।
कोलानारायणपुर, कोलाखुर्द, अंगारी, सैनो, जामगांव, फतेहपुर, हढवा, कनकैथी जगदीशपुर, बैजानी, बेलनाथ महादेव मंदिर सलेहपुर शिवगंगा सहित सभी घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था। कहीं से किसी तरह की अनहोनी न हो, इसको लेकर सीओ सुजीत कुमार ,सूदन यादव के द्वारा प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई थी।
घाटों पर आपदा मित्र को एक दिन पूर्व तैनात कर दिया गया था। इसी के साथ छठ पर्व शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। भागलपुर सलेहपुर के बेलनाथ महादेव मंदिर के अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि छठ पर्व में आते ही एक एक माह पूर्व विशेष शिवगंगा में हम लोग छठ का अर्घ्य रूप से तैयारी हम लोग करते हैं। बड़े देते हैं। उन्होंने श्रद्धापूर्वक पर मां की ही धूमधाम से बेलनाथ महादेव मंदिर स्तुति की।
आयुष्मान कार्ड में आयुर्वेद इलाज को भी शामिल किया जाए : आयुर्वेद गुरु आचार्य मनीष
एचआईआईएमएस नवी मुंबई में आचार्य मनीष ने कहा कि आयुर्वेद लाइफस्टाइल में बदलाव करके किडनी और लीवर फेल्योर को कर सकता है ठीक
नवी मुंबई। आयुर्वेद से किडनी फेल्योर, लीवर फेल्योर और थैलेसीमिया का इलाज पूरी तरह संभव है। यह बात एचआईआईएमएस नवी मुंबई में 20 नवंबर को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एचआईआईएमएस के डॉक्टरों और मरीजों ने कही। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए हमेशा सक्रिय रहने वाले एचआईआईएमएस आयुर्वेद के संस्थापक आचार्य मनीष लोगों को अपनी पुरानी विरासत से अवगत कराकर स्वस्थ शरीर का मंत्र दे रहे हैं। एचआईआईएमएस नवी मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टरों ने कहा कि एचआईआईएमएस शरीर की आंतरिक शक्ति को बढ़ाकर किडनी, कैंसर, लीवर, शुगर, बीपी और हृदय रोगों को दूर करने पर जोर देता है।
आयुर्वेदाचार्य मनीष ने सरकार से मांग की है कि आयुष्मान कार्ड में आयुर्वेद इलाज को भी शामिल किया जाए।
भारतीय हेल्थ केयर सर्विस के परिदृश्य में, आचार्य मनीष के नेतृत्व में द हीलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसिन एंड साइंसेज (एचआईआईएमएस ), आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए आशा के एक चमकदार प्रतीक के रूप में खड़ा है। आयुर्वेदिक संस्थान ने मॉर्डन मेडिकल टेक्निक के साथ आयुर्वेद की सदियों पुरानी साइंस के कॉम्बिनेशन के प्रति अपने अटूट डेडीकेशन के साथ भारत और दुनिया भर में हेल्थकेयर में क्रांति ला दी है।
हॉलिस्टिक हेल्थ की फिलॉसफी के साथ स्थापित, एचआईआईएमएस थैलेसीमिया, रेनल फेल्योर, लीवर फेल्योर और कैंसर से लेकर गंभीर पुरानी बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए विश्वास और आशा की किरण बनकर उभरा है। एचआईआईएमएस को जो चीज सबसे अलग बनाती है, वह है इसकी यूनिक एप्रोच जो पर्सनलाइज्ड, सक्सेसफुल थेरेपी के साथ पेश करता है जो आयुर्वेद, एलोपैथी, यूनानी, नेचुरोपैथी और होम्योपैथी की खूबियों को आपस में बेहतरीन तरीके से कम्बाइन करता है।
जिन मरीजों को पहले यह आशंका थी कि उनकी बीमारियों में कभी सुधार नहीं होगा, उन्हें उम्मीद की किरण मिली है और मरीजों के इलाज के लिए एचआईआईएमएस के कॉन्फ्रीहेंसिव अप्रोच के कारण उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
एचआईआईएमएस नवी मुंबई के एक मरीज ने कहा, "एचआईआईएमएस में मेरे इलाज के बाद आयुर्वेद में मेरा विश्वास बहाल हो गया है। कई लोगों और अस्पतालों ने मुझे बताया कि मेरी किडनी की समस्या लाइलाज है। फिर एक दोस्त ने मुझे आचार्य मनीष जी से मिलने के लिए कहा। आचार्य जी ने मुझे आश्वासन दिया कि मैं ठीक हो सकता हूं और इसलिए मैंने यहां अपना इलाज शुरू किया। आज मैं इस बात का जीता-जागता सबूत हूं कि आयुर्वेद किसी भी बीमारी को ठीक कर सकता है।"
एचआईआईएमएस नवी मुंबई 150 बिस्तरों वाला अस्पताल है और एचआईआईएमएस के मुंबई में अंधेरी और ठाणे में 20 बिस्तरों वाले 2 और अस्पताल हैं। एचआईआईएमएस आयुर्वेद, एलोपैथी, यूनानी, नेचरोपैथी, होम्योपैथी आदि जैसे साइंस का उपयोग करके बीमारियों का इलाज करता है। यहां रोगियों को उनके उचित ट्रीटमेंट और रिकवरी के लिए बाजरा और जड़ी-बूटियों से बना भोजन प्रदान किया जाता है। एचआईआईएमएस पोस्टुरल थेरेपी का भी उपयोग करता है जो डायलिसिस को 70% तक रोक सकता है। इस थेरेपी के जरिए हाई बीपी के 100 फीसदी मरीज बिना किसी दवा के तुरंत अपना बीपी कंट्रोल कर सकते हैं।
एचआईआईएमएस किडनी फेल्योर के इलाज के लिए पूरे देश में मशहूर है। एचआईआईएमएस शुद्धि आयुर्वेद केंद्र नवी मुंबई के अलावा भारत के कई अन्य शहरों जैसे चंडीगढ़, लखनऊ, मेरठ, ठाणे, अंधेरी, संगरूर, भागलपुर, गुरुग्राम, लुधियाना, अमृतसर, दिल्ली और गोवा में स्थापित किए गए हैं। देश भर के इन केंद्रों में 250 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
पूर्वी रेलवे की महान प्रतिबद्धता: उत्सव के उत्साह के बीच सुविधा यात्रा
कोलकाता, 20 नवंबर, 2023 :
भारतीय रेलवे ने सुविधा ट्रेनों की सुविधा शुरू की थी जो लोगों को भारतीय रेलवे के ट्रेन मार्गों पर कन्फर्म टिकट बुक करने की अनुमति देती है।
प्रीमियम एक्सप्रेस के रूप में भी जानी जाने वाली सुविधा ट्रेन नीति 2015 में रेल मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी।
यह कदम इस तथ्य के कारण उठाया गया है कि पीक सीजन के दौरान कन्फर्म टिकट बुक करना परेशानी भरा हो सकता है और यात्रियों को अक्सर आरएसी टिकटों से ही काम चलाना पड़ता है।
लोगों को यात्रा करने का आसान तरीका प्रदान करने के लिए, भारतीय रेलवे ने सुविधा ट्रेनों की शुरुआत की, और यह विशेष रूप से उन लोगों पर लागू होता है जो आपातकालीन स्थिति में अंतिम समय में टिकट बुक करते हैं।
आपातकाल के दौरान रेलवे टिकट बुक करने के इच्छुक यात्रियों के लिए चीजों को बेहतर बनाने के नेक उद्देश्य से सुविधा ट्रेनों की शुरुआत की गई थी।
त्योहारी सीजन के दौरान, पूर्वी रेलवे यात्रियों के लिए निर्बाध और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए उच्च मांग वाले त्योहारी सीजन के दौरान सामर्थ्य और परिचालन स्थिरता के बीच संतुलन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।त्योहारों की अवधि में मुख्य रूप से यात्रा की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जाती है।
20 नवंबर 2023, सोमवार।
भगवान भास्कर की कलाकृति बनी मुख्य आकर्षण, छठव्रतियों ने मधुरेंद्र को दी बधाई
*सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने रेत पर बनाई भगवान भास्कर की आकृति, बना छठ पूजा का सबसे बड़ा आकर्षण, राजधानी में लोगों ने खूब सराहा*
मोतिहारी/पटना: बिहार में लोक आस्था व सूर्य उपासना का महापर्व छठपूजा सोमवार को सभी छठ व्रतियों ने उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर चार दिवसीय छठ पर्व का समापन किया। इसके पहले रविवार को सभी छठव्रतधारियों ने शाम के समय अस्ताचंलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्ध्य दिया। वही छठ पूजा के दूसरे दिन खरना के पूर्व संध्या पर राजधानी में पटना साहिब के कंगनघाट गंगा किनारे शनिवार को बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के सिकरहना अनुमंडल अंतर्गत घोड़ासहन बनकटवा प्रखंड के बिजबनी गांव निवासी विश्वविख्यात सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार द्वारा बालू की रेत पर बनाई गई साथ घोड़े की सवारी करते भगवान सूर्य की कलाकृति राजधनी में छठ घाट पर सबसे बडा आकर्षण बनी रही। यह कलाकृति दो दिनों तक सभी छठ व्रतियों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा। बालू से बनी भगवान भास्कर को लोग नमन करते हुए अपने सेलफोन में सेल्फी भी ले रहे थे। बता दें कि डाबर इंडिया कंपनी के बुलावे पर बिहार के गंगा तट पर 20 फीट ऊंची भगवान सूर्य की विशालकाय प्रतिमा उकेर कर अपनी भक्ति भावना प्रकट की। सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने ऐसे ही देश प्रदेश में हुए घटनाओं व ज्वलंत विषयों साहित सभी अवसरों पर अपनी विशेष कला का प्रदर्शन कर लोगों में नया संदेश देते रहते हैं। मौके पर उपस्थित हजारों छठ व्रतियों और आम लोगों ने बालू से बनी भगवान भास्कर की कलाकृति को प्रणाम करते रेत कलाकार मधुरेंद्र को बधाई भी दी।
अंग सेवा समिति के द्वारा बाबा बूढ़ानाथ घाट पर पहली
फिर 4 बजे शाम में बाबा बूढ़ानाथ रिवर फ्रंट का अनावरण विधायक अजीत शर्मा मेयर वसुंधरा लाल डिप्टी मेयर सलाउदीन हसन वार्ड पार्षद संजय सिन्हा भूतपूर्व वार्ड कॉमिसिनर बीरेंद्र नारायण सिंह मनोज माइकल के द्वारा नारियल फोड़ के एवं फीता काट के की गई। अतिथियों का स्वागत एवं मंच संचालन विनय कुमार सिन्हा के द्वारा की गई। अभय कुमार घोष सोनू के द्वारा अतिथियों का सम्मान अंग वस्त्र दे कर किया गया। संध्या अर्घ्य के बाद गंगा महा आरती की गई।
घाट पर वर्ल्ड कप फाइनल के लिए एलईडी स्क्रीन लगवाया गया था। सामाजिक कार्यकर्ता विनय सिन्हा ने बताया की 1986 से समिति घाट पर सेवा देते आ रही है और धीरे बहुत ही बेहतरीन इंतजाम करने लगी है।
मौक़े पर वेद प्रकाश, पप्पू शुखला, रंजीत साह, मनोज गुप्ता, चुन्नू साह, प्रवीन कुमार, जयंत मजूमदार, रमन कुमार, धर्मवीर सिन्हा, धर्मश सिन्हा, विजय मंडल, कर्नल सिंह, राजेश टंडन, दीपक गुप्ता, गुड्डू, अभिषेक, अनिल, तनय, अभिराज सागर घोष, प्रमोद सिन्हा, देवेंद्र वर्मा आदि उपस्थित थे।
भागलपुर बिहार
जिला राष्ट्रीय जनता दल भागलपुर आज दिनांक 20 नवम्बर 2023 दिन सोमवार
वहीं राजद जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद यादव जी ने अखाड़ा मेला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा -
इस तरह के खेत प्रतियोगिता ग्राम पंचायत के स्तर पर होना आस पड़ोस से आए कुश्ती प्रतिभाशाली युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं आज जिस तरह से युवा ग्राम पंचायत व प्रखंड स्तर अपनी कुशल प्रतिभा को दर्शाते हैं आगे चलकर यही युवा राज्य व देश के लेवल पर खेलकर देश के नाम को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
वहीं आज के कार्यक्रम में युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष ई दिवाकर कुशवाहा,राजद नेता नूर हसन फरीदी, प्रखंड अध्यक्ष सबौर सुमंत यादव, जिला मिडिया प्रभारी मंजीत ठाकुर,
बादल तांती, प्रकाश पासवान, ब्रह्मदेव यादव, गोपाल कुशवाहा, सुरेश दास, विद्याधर कुशवाहा,पवन पासवान, उमाकांत प्रसाद, उदेश्वर मंडल,संतर मंडल, एवं हजारों की संख्या में ग्रामीण गण मौजूद थे।
चंद्रशेखर प्रसाद यादव,जिला अध्यक्ष,राष्ट्रीय जनता दल
भागलपुर।
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