उगते सूर्य को आज अर्ध्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व का समापन
के पी चौहान
बाँका। चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ आज नदी, तालाब आदि घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पण करने के साथ ही संपन्न हो गया।
जिला मुख्यालय स्थित तारा मंदिर घाट, बाबा भयहरण घाट, अलिगंज सूर्य मंदिर घाट, विजयनगर घाट, सैजपुर घाट, गरनिहा घाट सहित अन्य घाटों पर आज भक्तिपूर्ण माहौल में उदयाचल सूर्य को अर्घ्य अर्पण के बाद कई छठ व्रतियों द्वारा ठेकुआ, कसार,फल आदि प्रसाद का श्रद्धालुओं के बीच बितरण भी किया गया। वहीं अनेकों महिला- पुरूष, युवक- युवतियों ने छठव्रती महिलाओं का पाँव छूकर आशीर्वाद भी लिया। ज्ञात हो कि कल अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया गया था,18 को खरना था और 17 नवंबर को कद्दू-भात था। यानी चार दिनों तक पूरा क्षेत्र के लोग वाध्य यंत्रों पर बजने वाले भक्तिपूर्ण गीत-संगीत में डुबकी लगाते नजर आए।
ओढ़णी नदी और चांदन नदी स्थित सभी घाटों के अलावे विभिन्न तालाबों का प्रशासन द्वारा पहले साफ-सफाई कराया गया था, कुछ कार्य स्थानीय समितियों द्वारा भी करया गया। खासकर तारा मंदिर घाट को रंग - विरंगे झालरों, बल्ब- मर्करी, हैलोजन आदि लाइटों के द्वारा बेहतरीन तरीके से सजाया गया था, इसके लिए तारा मंदिर समिति के अध्यक्ष राज किशोर यादव बधाई के पात्र हैं। प्रशासन द्वारा लगभग घाटों पर पुलिस की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त नजर आई, वहीं विभिन्न चौक- चौराहे पर भी सुरक्षा- व्यवस्था चाक-चौबंद देखी गई।
तारा मंदिर घाट पर तो भीड़ देखते ही बनती थी। हजारों महिला- पुरूष, युवक- युवतियां, और बच्चे- बुढ़ो से तारा मंदिर घाट भीड़ से पटा हुआ था। यहीं युवा- जुझारू नेता सह पूर्व नप अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह भी अपने परिवार के साथ पूजा के लिए आए थे, इन्हीं के सूप पर बाँका के आरक्षी अधीक्षक डा.सत्यप्रकाश सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी ने भी अर्घ्य अर्पण किए।
तारा मंदिर घाट पर बने सूर्य मंदिर में भक्तों की भीड़ देखते ही बनती थी, बच्चों खिलौने की दुकानों पर अभिभावकों की जेबें ढ़ीली हो रही थी और बच्चे चहक रहे थे। कुल मिलाकर यहाँ अवलोकन काफी हर्षोल्लासपूर्ण बातावरण चुनौती पेश कर रहा था।


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