जब कभी ग्रामीण माहौल में सांस्कृतिक कार्यक्रम अथवा रंगमंच की बात हो तो सामाजिक
एकता का अद्भुत नमूना देखने को मिलता है। ऐसा ही माहौल लालूचक, वार्ड नंबर 1 में आयोजित होने वाले नाटक के सिलसिले में देखने को मिला।
यहां छठ पूजा के शुभ अवसर पर एक दिवसीय नाट्य मंचन का आयोजन किया गया। और नाटक था 'दहेज लोभियों को मिटा डालो' नौटंकी आरंभ होने से पहले ग्रामीण बालिकाओं द्वारा छठ महिमा पर आधारित नृत्य नाटिका की रस पूर्ण प्रस्तुति की गई। फिर नगाड़े की धुन के साथ नाटक की शुरुआत होती है जिसमें गांव का एक अमीर आदमी धनराज मन में यह मनसा पलटी हुई दूसरे गांव के एक गरीब व्यक्ति की बेटी से से अपने बेटे की शादी बिना दहेज की लिए तय करता है और शादी के वक्त धनराज दहेज की मांग कर बैठता है। मंडप पर बैठी दुल्हन रीता के पिता के लाख विनती के बावजूद भी धनराज बारात को वापस लेकर अपने घर चला जाता है रीता का पिता इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पता है और उसकी मृत्यु हो जाती है। मृत्यु के पश्चात रीता बेसहारा होकर आत्महत्या के ख्याल से पहाड़ के ऊपर से कूदती है लेकिन संयोगवश, घायल अवस्था में बागी डाकू रणजीत सिंह के खेमे में पहुंचती है और रीता अपनी कथा व्यथा सुनाती है। फिर क्या रीता भी रंजीत के खेमे में शामिल होकर समाज के दहेज लोभियों को मिटाने की कसम लेती है, ताकि समाज में रीता की तरह कोई बेबस और लाचार ना हो।
आगे के दृश्यों में रीता रेशमा डाकू बनकर समाज के बीच रह रहे दहेज लोभियों का पूर्ण आत्मा कर देती है और अंत समय में अपने गिरोह के साथियों के साथ पुलिस को आत्म समर्पित कर देती है।
नाटक समापन के पश्चात सभी कलाकारों ने मंच से अपनी अपनी शादी में दहेज न लेने की कसमें भ खाई ।
जहां खल पत्र सेठ धनराज की भूमिका सौरभ कुमार ने की तो डाकुओं का सरदार रणजीत सिंह की भूमिका नीतीश कुमार ने की। रेशमा डाकू सिंटू बने तो उसकी पिता की भूमिका गौतम कुमार ने की। अन्य पात्रों की भूमिका में लुटन कुमार, नीरज कुमार, आनंद कुमार, परमानंद ,बिट्टू ,लक्ष्मण आदित्य, गोविंद ,सोहि,सचिन, मनीष, मुन्ना, सोहन, चंदन कुमार और रोबिन कुमार ने सराहनीय भूमिका निभाई।
नाटक का सह निर्देशन सौरभ ने की एवं संपादन एवं निर्देशन कपिल देव रंग का था।
रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर के सहयोग से 'रसरंग', भागलपुर की प्रस्तुति थी।
इस अभिनय को सफल बनाने में जहां रूप सजा पुनीत अकेला जी थे तो वहीं मंच निर्माण एवं दृश्य निर्माण का कार्य कैलाश मंडल ने किया।
नाटक का उद्घाटन भागलपुर के युवा समाजसेवी विजय कुमार यादव ने की।
उद्घाटन करता ने अपने उद्बोधन में कहा कि भले ही या मोहल्ला लालूचक नगर निगम का वार्ड नंबर 1 है लेकिन यहां की संस्कृति बिल्कुल ग्रामीण संस्कृति है, और यहां के कलाकारों ने भागलपुर के साथ-साथ पूरे देश भर में अपने रंग कर्म का झंडा गढ़ रखा है। जिसका जीता जागता नमूना हाल फिलहाल में आयोजित हुए भागलपुर रंग महोत्सव 2023 में देखने को मिला।
मौके पर शांति समिति सदस्य भावेश यादव, रंजीत यादव, दिलीप यादव, कार्तिक मंडल, भागीरथ मंडल, मनोज कुमार मंडल, तथा रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर के अध्यक्ष दीपक कुमार एवं सदस्य विनोद रंजन के साथ-साथ सैकड़ो ग्रामीण महिला एवं पुरुष दर्शकों की उपस्थिति रही।
कपिलदेव रंग


0 comments: