जमशेदपुर : टाटा स्टील में आने वाले दिनों में जितनी बहालियां निकलेगी, उसमें 40 से 45 फीसदी बहाली लड़कियों की ही होगी. यह जानकारी टाटा स्टील की वीपी एचआरएम अतरई सान्याल ने एक निजी आर्थिक वेबसाइट से बात करते हुए कहीं. वीपी एचआरएम ने कहा कि टाटा स्टील में कर्मचारियों की औसत उम्र करीब 41 साल है. अगर कोई कर्मचारी 22 साल की उम्र में योगदान देता है तो तो 19 से 20 साल तक कंपनी में काम कर लेते है. सीनियर लीडरशिप से जुड़े लोग करीब 22 से 30 साल तक होती है. एक सवाल के जवाब में वीपी एचआरएम अतरई सान्याल ने कहा कि पहले हम लोग सोचते थे कि कर्मचारियों का आना जाना इस जॉब में नही होगा. लेकिन हमने जॉब के प्रोफाइल को ही बदला है. फ्लेक्सिबल काम शुरू कराया है. उन्होंने कहा कि बेहतर कैरियर के अवसर हम लोगंो ने प्रदान करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने अपने प्लांट को तकनीक से जोड़ा है. उन्होंने बताया कि बेहतर कैरियर ऑप्सन के कारण ही टाटा स्टील के अंदर के कर्मचारियों के बच्चे को हम लोग 70 फीसदी लेते है जबकि बाहर से करीब 30 फीसदी ही लोग आते है. उन्होंने बताया कि डिजिटल से प्लांट को जोड़कर लोगों को नौकरी के बेहतर विकल्प देने की कोशिश की गयी है. (नीचे भी पढ़ें)
ब्लास्ट फर्नेस और सिंटर प्लांट को डिजिटल तरीके से संचालित कर रहे है. खास तौर पर सिंटर प्लांट को हम लोग संचालित कर रहे है, ऐसा कि प्लांट में किसी को काम करने की जरूरत नहीं पड़े. एक बिल्डिंग से ही पूरा प्लांट चला जाये या फिर वर्क फ्राम होम की सुविधाएं प्रदान की जा सके. इसके अलावा डिजिटल तरीके से अन्य प्लांट को भी जोड़ा जायेगा. यह पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम कर रहे है. इसके बाद अन्य प्लांट को भी ऐसा ही जोड़ा जायेगा ताकि कर्मचारियों को काम में सहूलियत प्रदान किया जा सके. उन्होंने बताया कि 75 हजार हमारे ठेका श्रमिक है. उन सारे लोगों को सुरक्षा कार्ड प्रदान कर दिया गया है ताकि वे लोग कोई ऐसे खतरनाक जगह जाये तो क्यूआरटी को सूचना मिल जाये. कई कैमरे लगा दिये गये है ताकि सुरक्षित वर्क प्लेस बनाया जा सके. उन्होंने बताया कि अभी महिलाओं की संख्या बढ़ायी जा रही है, लेकिन ट्रांजेंडर को भी हम लोग मौका दे रहे है. उन्होंने बताया कि फ्लेक्सिबल काम हम लोग करा रहे है. इसके तहत 4 दिन प्लांट से जबकि एक दिन वर्क फ्राम होम दे रहे है. पांच दिन का वर्किंग डे है. और ज्यादा लोगों को यह सुविधाएं कैसे दी जाये, इसके लिए हम लोग कोशिशें तेज कर हे है.



























