संयुक्त निदेषक शष्य ने टिड्डियों के हमले से फसलों के बचाव के लिये जागरुकता रथ को किया रवाना*
गया से राजेश मिश्रा की रिपोर्ट
संयुक्त निदेषक, शष्य मगध प्रमण्डल, गया श्री आभांषु सी॰ जैन ने बाजार समिति स्थित संयुक्त कृषि भवन से रेगस्तानी टिड्डियों से बचाव एवं नियंत्रण के लिये किसानों के बीच जागरुकता फैलाने के उद्देष्य से दो प्रचार प्रसार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। संयुक्त निदेषक के साथ उप निदेषक, शष्य प्रक्षेत्र, मगध प्रमण्डल, गया श्री विजय शर्मा, उप निदेषक, पौधा संरक्षण, श्री मुकेष कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, गया श्री अषोक कुमार सिन्हा एवं परियोजना निदेषक, आत्मा, गया श्री षिवदत्त कुमार सिन्हा ने भी झण्डा दिखाने में सहयोग किया। दोनो वाहन दिनांक 07.06.2020 तक जिले के सभी प्रखण्डों में भ्रमण कर टिड्डियों से बचाव एवं नियंत्रण के लिये किसानों को जागरुक करेंगें।
दिनांक 04.06.2020 को प्रचार वाहन नगर, बोधगया, मोहनपुर, बेलागंज, मानपुर, वजीरगंज जायेगा, 05.06.2020 को बाराचट्टी, डोभी, शेरघाटी, फतेहपुर, टनकुप्पा, खिजरसराय जायेगा, 06.06.2020 को बांकेबाजार, इमामगंज, डुमरिया, अतरी, मोहड़ा, नीमचक बथानी जायेगा एवं 07.06.2020 आमस, गुरुआ, गुरारु, परैया, कोंच, टिकारी जायेगा। ज्ञातव्य है कि भारत के कई राज्यों राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेष, मध्य प्रदेष एवं महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में रेगस्तानी टिड्डियों के दल को देखा गया है, ये टिड्डी दल किसानों की फसलों को एवं हरे भरे बगीचों तथा वृक्षों की पत्तियों को खाकर व्यापक नुकसान पहुॅचा रही हैं। एक बार यदि इन टिड्डियों ने प्रजनन करके अण्डों को किसी क्षेत्र में जन्म दे दिया और उन अण्डों से वापस टिड्डियाॅ बन गई तो यह एक बहुत बड़ी समस्या बन जायेगी अतः किसी भी क्षेत्र में इनको प्रजनन करने एवं अण्डे देने से पहले ही भगाना बहुत आवष्यक है। इसके लिये जरुरी है कि टिड्डियों की उड़ान एवं किसी क्षेत्र में उनके आने पर निगरानी रखी जाय।
बिहार सरकार ने बिहार के सीमावर्ती जिलों में टिड्डियों के संभावित आगमन को देखते हुये एलर्ट जारी किया है और टिड्डियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिये राज्य, जिला, प्रखण्ड तथा पंचायत स्तरीय समितियों का गठन किया है। जिला स्तर पर समिति के अध्यक्ष जिला पदाधिकारी है एवं सदस्य सचिव जिला कृषि पदाधिकारी हैं। प्रखण्ड स्तर पर प्रखण्ड प्रमुख को अध्यक्ष की जवाबदेही दी गई है जबकि प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगें। पंचायत के मुखिया समिति के अध्यक्ष हैं जबकि कृषि समन्वयक को सदस्य सचिव की जवाबदेही दी गई। इसके अतिरिक्त प्रत्येग गाॅव में प्रगतिषील किसानों को सम्मिलित करते हुये टिड्डी निगरानी दल गठित किये गये हैं। आज जिले के सभी चैबीस प्रखण्डों में टिड्डी निगरानी समिति की बैठक आहूत कर टिड्डियों से बचाव एवं नियंत्रण पर चर्चा की गई। टिड्डियों के दिखाई पड़ने पर एक साथ इकट्ठा होकर ढ़ोल, नगाड़ों, टीन के डिब्बों, थालियों, बिजली से बजने वाले बाजों आदि को बजाते हुये शोर मचाने से टिड्डियाॅ अपना मार्ग परिवर्तित कर देती हैं और खेतों में नहीं उतरती हैं। यदि संध्या के समय टिड्डियाॅ दिखाई पडे़ तो विभाग के पदाधिकारियों को सूचित करने एवं किसान काल सेन्टर 18001801551 पर सूचना देने की जानकारी दी गई है। रसायनिक छिड़काव का सर्वोत्तम समय रात्रि 11 बजे से सुबह सूर्योदय तक होता है। अतः इसी अवधि में छिड़काव करने की तैयारी करनी चाहिये। किसान स्वयं छिड़काव नहीं करें एवं विभाग को सूचित करें विभाग रसायनों का छिड़काव करायेगा।