जालंधर से
विशाल की रिपोर्ट ।
5 जून को लगने वाला साल को दूसरा चंद्रग्रहण ज्योतिष की नजर में बेहद खास है। यह चंद्रग्रहण जेष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर आ रहा है जिसे उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं। 10 जनवरी को पहला चंद्रग्रहण लगा था। इसके अलावा 21 जून को सूर्य ग्रहण भी लगेगा।ये दोनों ग्रहण भारत में दिखाई देंगे। 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया के रूप में लगेगा, जिस कारण सामान्य चांद और ग्रहण मेें अंतर कर पाना मुश्किल होगा। ग्रहण के समय चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आएगा, बल्कि चांद कुछ धुंधला दिखाई देगा।5 जून को रात 11.15 बजे से चंद्रग्रहण लगना शुरू होगा, जो अगले दिन 6 जून को मध्य रात के 2.34 बजे तक रहेगा। ज्योतिष में हर ग्रहण का अपना धार्मिक महत्व होता है। ग्रहण के पहले कुछ चीजें वर्जित है। बाल और नाखून काटने जैसे काम भी इस समयावधि में वर्जित रहेंगे। गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें। ग्रहण के कारण जोड़ों और उंगलियों में दर्द हो सकता है। किसी भी ग्रहण के बाद भगवान की प्रतिमा को स्नान करना जरूरी होता है, जिसका घरों में भी पालन किया जाना चाहिए। श्मशानघाट के नजदीक से गुजरने से परहेज करें, जरूरतमंद को दान दें व पूजा पाठ करें।नाखून व बाल काटने से परहेज करें। सूतक में बालक, वृद्ध व रोगियों को छोड़कर धार्मिकजनों को भोजनादि नहीं करना चाहिए। ग्रहण काल में विशेष फलदायी मंत्र ओम नमो: भगवते वासुदेवाय का जाप विशेष फलदायक होता है। वहीं, ग्रहण को देखने से आपकी आंखें खराब हो सकती हैं।


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