विधानसभा चुनाव को लेकर, मतदाताओं में उत्सुकता
बाँका ( संवाददाता)। बिहार विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की तिथि ज्यों-ज्यों खिसकती जा रही है , मतदाताओं में उत्सुकता बढ़ती जा रही है। सनद रहे कि बाँका जिले के सभी पाँचों विधानसभा क्षेत्रों में मतदान चुनाव के पहले ही चरण में 28 अक्टूबर को होना है। ऐसे में यहाँ पाँचो विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार परवान चढ़ चुकी है। खासकर अभी शहर में तो कम लेकिन गाँव में चुनावी दंगल देखते ही बनता है।
वैसे जीत-हार के बीच मतदाताओं, प्रेक्षक और चुनावी अभियान में शामिल प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के बीच कहीं भी एकमत समन्वय होता नहीं दिख रहा है। सबके क्रियाकलाप, बातचीत और आवभाव अलग-अलग हैं। लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उनके समर्थक जनता के भारी समर्थन के साथ अपनी-अपनी जीत के दावे ठोक रहे हैं। वहीं मतदाता ' काग चेष्टा, बको ध्यानम ' की मुद्रा में शांत नजर आ रहे हैं। उनके ( मतदाताओं ) के रूख को देखते हुए राजनीति के पुराने दिग्गज भी अनभिज्ञ नजर आ रहे हैं।
बाँका जिला मुख्यालय स्थित आजाद चौक पर एक चाय की दुकान में बैठे चाय पी रहे बाँका विधानसभा क्षेत्र के ही एक राजनीतिक दिग्गज नेमुआ गाँव के मो. अंसार मियाँ ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में लाख कोशिश के बावजूद जनता जनार्दन चुप्पी साध रखे हैं। लगता है वे वेट एन्ड वाच कर रहे हैं। इसका प्रमुख कारण है यहाँ के दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भाजपा एवं राजद के प्रत्याशी से बाँका की जनता काफी रुष्ट दीख रहा है।
वहीं एक खास जाति से ताल्लुकात रखने वाले रालोसपा के नेता दोनों प्रमुख दलों के रूष्ट वोटरों और अपने सजातीय वोटरों के सहारे चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की बेहद नाजुक रूप अख्तियार कर रखें हैं। वे दलबल के साथ गाँव-गाँव घूम कर अपने प्रचार-प्रसार में काफी व्यस्त नजर आ रहे हैं।
वहीं राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी सह बाँका के एक अच्छे उद्योगपति राजीव कुमार सिंह ने कहा कि बाँका के पाँचों विधानसभा क्षेत्रों में इस मर्तबा जनता में एक अलग खामोशी नजर आ रही है। और भी क्यों नहीं, जनता की खामोशी सरकार और सरकारी तंत्र की कुव्यवस्था की ओर इंगित कर रही है। इतना ही नहीं जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जनता अपने-अपने जनप्रतिनिधियों से खासे नाराज हैं।
* के पी चौहान बाँका।




















