हिमाचल प्रदेश
जगत सिंह तोमर
जिला सिरमौर के नागरिक उप मंडल शिलाई की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा गोद ली गई पंचायत बाली कोटी विकासखंड की सबसे बड़ी पंचायत है जिससे दो अलग पंचायते बनाने की मांग लंबे समय से की जाती रही है अलग पंचायत बनाने के सभी मापदंड पूरा करने पर भी नई पंचायत नहीं बन पाई जिससे लोगो मे वर्तमान सरकार के प्रति रोष व्याप्त है पंचायत के लोगों का कहना है कि बाली कोटी पंचायत विकासखंड शिलाई की सबसे बड़ी पंचायत है,पंचायत की वर्तमान जनसंख्या 4500 के करीब है जबकि 2800 के करीब मतदाता है, राजनीतिक उपेक्षा का दंश झेल रही यह पंचायत राजनेताओं की कठपुतली बन गई है,पंचायत वासियों का कहना है कि यहां आवाम कीआवाज को दबा कर उनके अधिकारों का हनन हो रहा है, बड़ी पंचायत होने के बावजूद भी पूर्व तथा वर्तमान सरकार ने इस पंचायत को विभाजित कर नई पंचायत का गठन नही किया सरकार के मापदंडों के अनुसार इस की तीन ग्राम पंचायतें बननी चाहिए थी साढ़े चार हजार लोगों को उनके हक से वंचित कर दिया, यहां के ग्रामीण खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं पंचायत के लोगों ने वर्तमान सरकार के राजनेताओं को कड़ी चेतावनी देते हुए बताया कि पंचायत के लोग आने वाले विधानसभा चुनाव में नेताओं को सबक सिखाएंगे, ग्राम पंचायत वाली कोटी के तीन राजस्व ग्राम है बाली कोटी, चामरा मोहराड, और बोबरी है, पंचायत राज विभाग हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष प्रदेश में 405 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया कि छोटी-छोटी पंचायत में दूरदराज गांव तक विकास पहुंचना चाहिए पंचायतों को अलग करने के लिए प्रदेश सरकार और पंचायत राज विभाग ने मापदंड तय किए थे पंचायत की जनसंख्या 2011 में दो हजार से ज्यादा होनी चाहिए , पंचायत मुख्यालय से अंतिम गांव की दूरी 5 किलोमीटर होनी चाहिए, बताते चलें पंचायत मुख्यालय वाली कोटी से राजस्व ग्राम बोबरी की दूरी 10 किलोमीटर है जबकि पंचायत मुख्यालय से चामरा मोहराड की दूरी साढे 10 किलोमीटर है भारतीय जनगणना 2011 के मुताबिक पंचायत की जनसंख्या 3125 है भौगोलिक दृष्टि से अगर इस पंचायत को देखा जाए तो राजस्व ग्राम बोबरी से चामरा मोहराड के अंतिम गांव पोंजाह की दूरी 22 किलोमीटर है लेकिन वर्तमान सरकार ने बाली कोटी पंचायत से चामरा मोहरड पंचायत व बोबरी को अलग नहीं किया है जबकि अलग होने वाली पंचायत चामरा मोहराड़ सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड पूरे कर रही है, आरोप है कि 405 पंचायतों में से 80 फ़ीसदी पंचायतें ऐसी भी है जो सरकार ने अलग की है जिनके कुल बोट 600 से 800 है,वर्तमान में इस पंचायत की जनसंख्या 4500 हजार के लगभग है जबकि तीन हजार के करीब मतदाता है यदि सरकार के मापदंडों की बात की जाए तो बाली कोटी पंचायत से दो पंचायतें अलग हो सकती है इस पंचायत की भौगोलिक दृष्टि तथा जनसंख्या को देखकर इसकी तीन पंचायत बननी चाहिए, जनता का कहना है कि इस अनदेखी का वहआगामी विधानसभा चुनाव में करारा जवाब देंगे, शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि बाली कोटी से एक नहीं बल्कि 2 पंचायतें अलग होनी चाहिए उन्होंने इस बारे में स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी बात की लेकिन उन्होंने भी इस बात पर गौर नहीं किया, यह पंचायत विकासखंड शिलाई की सबसे बड़ी पंचायत है भाजपा सरकार और उनके हुक्मरान बाली कोटी पंचायत के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर उनके हक को दबा रहे है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा पंचायत के लोगों से विचार-विमर्श कर माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर लोगों को उनका हक दिलाएंगे !


0 comments: