सेवा में,
माननीय शिक्षा मन्त्री महोदय,
बिहार सरकार, पटना ।
विषय : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में हुए लाखों रुपए के कॉंपी खरीद घोटाला की उच्चस्तरीय जाँच कराते हुए दोषी अधिकारियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई करने के सम्बन्ध में ।
महाशय,
उपरोक्त विषयक सन्दर्भ में अत्यन्त विनम्रतापूर्वक कहना है कि कोरोना काल में अत्यावश्यक नहीं रहने के बावजूद बगैर वित्त समिति तथा अभिषद की सहमति के पूर्व में खरीदे गए दर (05.00 रुपए प्रति कॉंपी) के दोगुने दर (09.80 रुपए प्रति कॉंपी) पर कॉंपी खरीद कर विश्वविद्यालय कोष से लाखों रुपए का बन्दरबाँट किया गया है ।
ज्ञात हो कि टीएमबीयू, भागलपुर में पूर्व में 05.00 रुपया प्रति कॉंपी की दर से विश्वविद्यालय को कॉंपी सप्लाई करने वाली स्थानीय एजेन्सी को दरकिनार कर विश्वविद्यालय के एक अधिकारी द्वारा अपने सम्पर्क के मधेपुरा के महेश्वरी प्रिन्टर्स एण्ड सप्लायर्स नामक एजेन्सी से कोटेशन मंगाकर उससे 09.80 रुपया की दर से 74,97,000 रुपए की 32 पेज वाली 7,65,000 कॉंपी खरीद कर कॉंपी खरीद घोटाला को अंजाम दिया गया है ।
एक साथ 2500000 रुपए से अधिक की खरीददारी नहीं कर पाने की वैधानिक बाध्यता के चलते यह खरीददारी तीन बार में 27 फरवरी 2021, 27 मार्च 2021 तथा 21 जून 2021 को की गई । तीनों बार 24,99,000 रुपए की 2,55,000 कॉंपी खरीदी गई । इस प्रकार कोटेशन पर इतनी बड़ी राशि की खरीददारी कर जहाँ एक ओर राज्यादेश के अनुसार जेम पोर्टल से खरीददारी के निर्देश का उल्लंघन किया गया वहीं दूसरी ओर इस खरीददारी के लिए वित्त समिति तथा अभिषद की भी सहमति नहीं ली गई ।
बगैर अभिषद तथा वित्त समिति की सहमति के कोटेशन पर पूर्व में सप्लाई किए जा रहे दर के दोगुने दर पर खरीददारी का विरोध होने पर विश्वविद्यालय द्वारा बाध्य होकर 24 जुलाई 2021 को टेन्डर निकालने के पश्चात विभिन्न एजेंसियों द्वारा टेन्डर डाले जाने के उपरान्त अन्तिम रूप से 03.85 रुपए की दर से कॉंपी सप्लाई का टेन्डर डालने वाली आगरा की एजेन्सी किड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का टेन्डर स्वीकृत हुआ ।
टेन्डर स्वीकृति के उपरान्त उक्त कम्पनी को दिनांक : 27 अगस्त 2021 को 14,63,000 रुपए की 32 पेज की 3,80,000 कॉंपी सप्लाई करने का ऑर्डर दिया गया । इसी पत्र के माध्यम से 04.75 रुपए प्रति कॉंपी की दर से 2,61,250 रुपए की 40 पेज वाली 55,000 कॉंपी तथा 01.00 रुपया प्रति कॉंपी की दर से 45,000 रुपए की 08 पेज वाली 45000 कॉंपी सप्लाई करने का भी आदेश दिया गया ।
इस प्रकार यदि 09.80 रुपए की दर से खरीदी गई 7,65,000 कॉंपी 03.85 रुपए के दर से खरीदी जाती तो विश्वविद्यालय का 74,97,000 रुपए की जगह मात्र 29,45,250 रुपए खर्च होता तथा विश्वविद्यालय का 45,51,750 रुपए लूटने से बच जाता ।
यदि यथाशीघ्र अत्यावश्यक होने तथा टेन्डर प्रोसेस में विलम्ब होने की संभावना के वजह से कोटेशन के माध्यम से कॉंपी खरीद की मजबूरी होने के पश्चात 09.80 रुपए कॉंपी की दर से बाहरी एजेन्सी से कॉंपी खरीदने के बजाय पूर्व में 05.00 रुपए प्रति कॉंपी की दर से विश्वविद्यालय को कॉंपी दे चुके स्थानीय एजेन्सी को कॉंपी सप्लाई का ऑर्डर दिया जाता तब भी विश्वविद्यालय का 74,97,000 रुपए की जगह मात्र 38,25,000 रुपया खर्च होता तथा विश्वविद्यालय का 36,72,000 रुपया बच जाता ।
इस सन्दर्भ में पूर्व कुलपति महोदया, प्रो. नीलिमा गुप्ता को दिनांक : ............. तथा दिनांक ..............को दो-दो बार आवेदन देकर मामले की उच्चस्तरीय जाँच की कराने की मांग के बावजूद उनके द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई, जो अत्यंत दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है ।
अतः श्रीमान से सादर अनुरोध है कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में कॉंपी खरीद के नाम पर किए गए महाघोटाला की उच्चस्तरीय जाँच कराते हुए दोषी अधिकारियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई करने की कृपा की जाए ।























