कझिया में बांध बनने से कम कम 100 बस्तियों के हजारों लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा यह बातें आरटीआई एक्टिविस्ट प्रदीप कुमार विद्यार्थी ने संथाल परगना विकास मंच के बैनर तले आयोजित कझिया बचाओ आंदोलन कार्यक्रम के जल सत्याग्रह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,उन्होंने बताया कि कझिया में बांध बनने से निपनियां,शुंडमारा,बंका,
मखनी,
पंदाहा,जमनी पहाडपुर,रानीडीह, सरौनी ,कुरमीचक,पचरूखी, चीनाढाव,घाट पहाड़ पुर,मारखन,अमरपुर,सहित,करीब 40 पंचायत सब्जी उत्पादन का हब बन जाएगा तथा नदी में मछली पालन से किसान समृद्ध होंगें वहीं ,बोटिंग से मनोरंजन,भूमिगत जलस्तर बढने से पीने के पानी के लिए आसानी से पानी उपलब्ध होगा मगर राजनेताओ ने हमेशा इस गंभीर विषय की अनदेखी की जिससे भादों महीने में ही खेत फटने लगा और किसान पटवन के पानी के लिए त्राहिमाम कर रहा है वहीं नेमोतरी के किसान नीलकंठ वैध ने कहा कि बालू माफियाओं द्वारा लगातार बालू उठाव से कझिया का जलस्तर काफी नीचे चला गया है जिससे खेतों के पटवन में काफी दिक्कत होती है,मौजूद किसान नेता कृष्ण कुमार रक्षित एवं विमल कुमार रक्षित ने कहा कि एक तरफ सरकार जल,जंगल,जमीन बचाने की बात करती है वहीँ दूसरी तरफ कझिया जैसी जीवन दायिनी नदी से बेरोकटोक बालू का तस्करी पर मौन हैं,भादो जैसे महीने में अन्नदाता किसान पटवन के पानी के लिए हाहाकार कर रहे हैं वहीं क्रान्तिकारी नेता मदन मंडल ने बताया कि गोड्डा के धरतीपुत्र नेताओं ने कभी भी बालू माफियाओं पर अंकुश लगाने व अन्नदाता किसानों के पटवन जैसी गंभीर समस्या पर एक शब्द नहीं बोलते,जो कि चिंतनीय है इस मौके पर मुन्ना साह, प्रेम प्रकाश साह, श्रवण यादव,गोपाल वैध,वकील मंडल आदि मौजूद थे.

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