टीएमबीयू : पंद्रहवें छात्र दरबार में 556 छात्रों को कुलपति ने दी डिग्री।
छात्र दरबार में आए कुल 610 आवेदन, ज्यादातर मामले डिग्री सर्टिफिकेट के।
छात्र हित सर्वोपरि : कुलपति।
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में पंद्रहवें छात्र दरबार का आयोजन शनिवार को दिनकर बहुद्देशीय प्रशाल में कुलपति प्रो. जवाहर लाल की अध्यक्षता में किया गया। इसमें 14वें छात्र दरबार के छात्रों को भी डिग्री सर्टिफिकेट दिए गए।
बहुद्देशीय प्रशाल में आयोजित छात्र दरबार में कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने 556 छात्रों को डिग्री दिए। कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा की छात्र दरबार का फीडबैक काफी अच्छा आ रहा है। छात्र दरबार में वे खुद छात्रों से संवाद स्थापित करके उनकी समस्याओं को जानते हैं। छात्रों की समस्याओं का निराकरण एक निश्चित टाइम फ्रेम में किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में छात्र दरबार का आयोजन निरंतर जारी रहेगा। वीसी ने कहा की उनकी पहली प्राथमिकता छात्र हित को पूरा करना है। उनके लिए छात्र हित सर्वोपरि है। छात्र विश्वविद्यालय के रीढ़ और आधार स्तंभ होते हैं।
पीआरओ डा दीपक कुमार दिनकर ने बताया की छात्र दरबार में कुल 610 मामले आए। जिसमें से 556 मामले केवल छात्रों के डिग्री सर्टिफिकेट के थे। जबकि पीजी रिजल्ट के 21, अंक पत्र के 4, यूजी पेंडिंग के 18, एडमिट कार्ड से संबंधित 2 और उत्तरपुस्तिका के 9 मामले शामिल थे।
छात्रों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए पहली बार छात्र दरबार का आयोजन बहुद्देशीय प्रशाल में किया गया। छात्र दरबार में छात्र-छात्राओं की अप्रत्याशित भीड़ देखी गई। कुलपति के हाथों डिग्री पाकर छात्र छात्राएं काफी उत्साहित दिखे। सबों के चेहरे पर खुशी देखी गई। मौके पर कुछ छात्रों ने अपने विचार और फीडबैक भी साझा किए।
छात्र दरबार में कई छात्रों के अभिभावक भी उनकी जगह डिग्री लेने पहुंचे थे। लेकिन अभिभावकों को डिग्री नहीं दी गई।
पीजी म्यूजिक के फोर्थ सेमेस्टर के दिव्यांग छात्र अभिज्ञान गांधी गीतेय ने कुलपति के हाथों स्नातक की डिग्री ली। बांका निवासी अभिज्ञान ने एके गोपालन डिग्री कॉलेज से म्यूजिक में प्रथम श्रेणी से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण किया था। वे वीसी के हाथों डिग्री पाकर काफी खुश दिखे।
वहीं कई अन्य छात्रों ने डिग्री लेने के बाद कहा की छात्र दरबार का आयोजन काफी सराहनीय और अतुलनीय है। इससे छात्रों की सभी समस्याओं का निराकरण तुरंत हो रहा है। अब छात्रों को विश्वविद्यालय का चक्कर लगाना नहीं पर रहा है। यह व्यवस्था छात्रों के लिए काफी सुविधाजनक है। साथ ही छात्र हित में एक अच्छी पहल भी है।
परीक्षा नियंत्रक ने बताया की प्रथम छात्र दरबार से लेकर तेरहवें छात्र दरबार तक की डिग्री को संबंधित कॉलेजों को भेज दी गई है। छात्र अपने कॉलेज से डिग्री ले सकते हैं। उन्हें इसके लिए विश्वविद्यालय आने की जरूरत नहीं है। उल्लेखनीय है की आवेदन करने के बाद भी छात्र निर्धारित छात्र दरबार में डिग्री लेने नहीं पहुंचते हैं। इसके चलते पिछले कई छात्र दरबारों की डिग्रियों को संबंधित कॉलेजों को भेज दिया गया है।
छात्र दरबार का संचालन परीक्षा नियंत्रक डा आनंद कुमार झा कर रहे थे। इस अवसर पर प्रॉक्टर डा एसडी झा, पीजी मैथिली विभाग के हेड प्रो. राम सेवक सिंह, जनसंपर्क पदाधिकारी डा दीपक कुमार दिनकर, सीनेट सदस्य मो. मुजफ्फर अहमद आदि उपस्थित थे। छात्र दरबार के आयोजन में परीक्षा विभाग के कर्मी मानिक चंद्र, राजीव कुमार सिन्हा, मो. तसनीम, पुष्पराज, सोनू कुमार आदि ने सहयोग किया।