दिल्ली दूरदर्शन एवं इंटेक् बप्पा राय राय जी की टीम मंजूषा कला प्रशिक्षण केंद्र रेलवे कॉलोनी बरारी भागलपुर पहुंचे जहां बिहुला बिशरी
लोक गाथा की धूल और संगीत के साथ-साथ मंजूष की भारतीयों को जानने और अपने कमरे में कैद मंजूषा कला पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने आए हैं यह सिल्क बेबी डॉक्यूमेंट्री करेंगे मंजूषक गुरु मनोज कुमार पंडित का साक्षात्कार के माध्यम से मंजूषा कलाकारों से भी रूबरू हुए जो मंजूषा कलाधारित कई विभिन्न उत्पादकों को बनाते हुए चित्रण किया कलाकारों में श्रीमती सुमना अमन सागर प्रीति कुमारी सृष्टि श्री इत्यादि कलाकारों का कार्य करते हुए चित्रण लिखिए जहां दीपावली की तैयारी के लिए रंग-बिरंगा दीपक और अंग की लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व के लिए शुभ की तैयारी के साथ-साथ पेन स्टैंड मोबाइल स्टैंड बंटी कुर्ता साड़ी में मंजूषा कला के डिजाइनों को अपने कमरे में कैद किया वही देवेंद्र शाह उर्फ देवन जी ने बिहुला अभिसारी लोक कथा की स्थिति मनुष्य गुरु मनोज कुमार पंडित मंजूषा कला के विभिन्न आयाम और एशिया की पहली कथा चित्र मंजूषा कथा चित्र की विस्तृत जानकारी दिए उन्होंने तक्षशिला म्यूजियम के लिए तैयार कर रहे मंजूषा कथा चित्र की विस्तृत जानकारी दीजिए साथ-साथ इंटक और दूरदर्शन के आगरा पर मंजूषा कला आगे का पेंटिंग और मधुबनी पेंटिंग मिथिला पेंटिंग की बारीकियां को भी बताने का प्रयास किया लोगों को भ्रांति होती है की मंजूषा कला मिथिला कला दोनों मिलता जुलता है लेकिन गुरु जी ने कलर विन्यास और रेखाचित्र के साथ-साथ कथा चित्र को भी विस्तृत जानकारी देने का प्रयास किया और अभी गुरु जी नई पीढ़ी को मंजूषा कला स्थापित करने के लिए प्रत्येक गैर सरकारी स्कूल व सरकारी स्कूल में मंगुस्ता जागरूकता अभियान चला रहे हैं.





















