मजदूरों - किसानों का महापड़ाव 26, 27 व 28 नवम्बर को, अभियान शुरु
*विनाशकारी मोदी शासन के खिलाफ पटना सहित राज्यों की राजधानी में जुटेंगे लाखों मजदूर-किसान*
12 अक्टूबर 2023, भागलपुर
विनाशकारी मोदी शासन के खिलाफ पटना सहित देश भर के राज्यों की राजधानी में 26, 27 व 28 नवम्बर 2023 को तीन दिवसीय महापड़ाव आयोजित होगा। ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के शासन में मजदूरों - किसानों सहित आम नागरिकों पर लगातार हमले हो रहें हैं। फासीवादी मोदी सरकार ने मजदूर विरोधी - मालिकपरस्त लेबर कोड कानून बनाकर मजदूरों को अधिकारहीनता की भयंकर आग में झोंक दिया है। चार लेबर कोड मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज है। न्यूनतम मजदूरी को खत्म कर उसका आधा 'फ्लोर लेवल' मजदूरी लागू किया जा रहा है। सरकारें स्वयं न्यूनतम मजदूरी की सबसे बड़ी लुटेरी बनी हुई है। सामाजिक सुरक्षा की सभी योजनाओं में उलटफेर–कटौती कर मजदूरों को जाल में फंसा ...तंग और तबाह किया जा रहा है। एमएसपी की गारंटी पर सरकारें लगातार किसानों को छल रही है। महंगाई - बेरोजगारी बढ़ाकर मजदूरों-किसानों की बदहाली बढ़ाई जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि संविधान-लोकतंत्र पर हमले कर पितृसत्तात्मक-ब्राह्मणवादी मूल्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भाजपा-आरएसएस के संरक्षण में साम्प्रदायिक-फासीवादी ताकतें लोकतंत्र को क्षति पहुंचा रहे हैं। इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए मजदूरों - किसानों की व्यापक एकता व धारावाहिक जुझारु आंदोलनों के साथ-साथ राजनीतिक गोलबंदी बढ़ाने के लिए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय मंच व किसानों के राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ने संविधान दिवस 26 नवम्बर 2023 से देश भर के राज्यों की राजधानी में तीन दिवसीय महापड़ाव का आह्वान किया है। इस महापड़ावों में लाखों मजदूर - किसान शामिल होंगे। भागलपुर में ऐक्टू ने इसकी तैयारी के लिए आज से अभियान की शुरुआत की।




































