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फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर का निधन। मुंबई। मशहूर अभिनेता ऋषी कपूर नही रहे। 67 साल के ऋषी का पिछले लंबे समय से कैंसर का इलाज चल रहा था। गुरुवार को मुंबई के एक अस्पताल मे उन्होंने अंतिम सांस लिया। उन्होने भारतीय सिनेमा को कई बड़ी फिल्मे दी। उनकी फिल्मो मे लैला-मजनू, नगीना, प्रेम रोग, हिना आदि शामिल है। उनके निधन से बॉलीवुड को गहरा धक्का लगा है।

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फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर का निधन। मुंबई। मशहूर अभिनेता ऋषी कपूर नही रहे। 67 साल के ऋषी का पिछले लंबे समय से कैंसर का इलाज चल रहा था। गुरुवार को मुंबई के एक अस्पताल मे उन्होंने अंतिम सांस लिया।

उन्होने भारतीय सिनेमा को कई बड़ी फिल्मे दी। उनकी फिल्मो मे लैला-मजनू, नगीना, प्रेम रोग, हिना आदि शामिल है। उनके निधन से बॉलीवुड को गहरा धक्का लगा है।
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बॉलीवुड फ़िल्म एक्टर इरफान खान का निधन, कुछ दिन पहले ही मां की हुई थी मौत । बॉलीवुड एक्टर इरफान खान का निधन हो गया है. मंगलवार को तबीयत खराब होने के बाद मुंबई स्थित कोकिलाबेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. उके मौत के बाद कई बॉलीवुड कलाकारों ने शोक जताया है. कुछ दिन पहले मां की हुई थी मौत कुछ दिन पहले ही इरफान की मां सईदा बेगम का निधन हो गया था. लॉकडाउन के कारण वह अंतिम संस्कार में वह शामिल भी नहीं हो पाए थे. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही मां का अंतिम दर्शन किया था. अपनी बीमारी के बारे में खुद बताया था इमरान खुद अपने बीमारी के बारे में बताया था कि मुझे पता चला है कि मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हो गया है. इसे स्वीकार कर माना मुश्किल है लेकिन मेरे आसपास जो लोग हैं, उनका प्यार और उनकी दुआओं ने मुझे शक्ति दी है. कुछ उम्मीद भी बंधी है. फिलहाल बीमारी के इलाज के लिए मुझे देश से दूर जाना पड़ रहा है लेकिन मैं चाहूंगा कि आप अपने संदेश भेजते रहें. इसके बाद वह इलाज कराने विदेश चल गए थे. वह लंबे वक्त तक विदेश में रहकर इलाज करा चुके हैं. इसके बाद देश आए. वह रूटीन चेकअप के लिए कोकिलाबेन हॉस्पिटल जाते रहते थे।

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बॉलीवुड फ़िल्म एक्टर इरफान खान का निधन, कुछ दिन पहले ही मां की हुई थी मौत । बॉलीवुड एक्टर इरफान खान का निधन हो गया है. मंगलवार को तबीयत खराब होने के बाद मुंबई स्थित कोकिलाबेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. उके मौत के बाद कई बॉलीवुड कलाकारों ने शोक जताया है.

कुछ दिन पहले मां की हुई थी मौत

कुछ दिन पहले ही इरफान की मां सईदा बेगम का निधन हो गया था. लॉकडाउन के कारण वह अंतिम संस्कार में वह शामिल भी नहीं हो पाए थे. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही मां का अंतिम दर्शन किया था.

अपनी बीमारी के बारे में खुद बताया था

इमरान खुद अपने बीमारी के बारे में बताया था कि मुझे पता चला है कि मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हो गया है. इसे स्वीकार कर माना मुश्किल है लेकिन मेरे आसपास जो लोग हैं, उनका प्यार और उनकी दुआओं ने मुझे शक्ति दी है. कुछ उम्मीद भी बंधी है. फिलहाल बीमारी के इलाज के लिए मुझे देश से दूर जाना पड़ रहा है लेकिन मैं चाहूंगा कि आप अपने संदेश भेजते रहें. इसके बाद वह इलाज कराने विदेश चल गए थे. वह लंबे वक्त तक विदेश में रहकर इलाज करा चुके हैं. इसके बाद देश आए. वह रूटीन चेकअप के लिए कोकिलाबेन हॉस्पिटल जाते रहते थे।
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भागलपुर सुल्तानगंज थाना छेत्र के वार्ड 11 में शाम 7:30बजे शुभाष चंद्र के घर में खाना बनाने के दरमियान अचानक छोटा सिलेण्डर में आग लग गई। जिससे खानपन का सारा सामान जल कर रख हो गया। वही इस मौके पर स्थानीय पुलिस प्रशासन व दमकल पहुंचकर आग में काबू पाया । तथा इसको लेकर शुभाष चंद्र ने बताया कि मेरी बेटी खाना बनाने गई कि अचानक सिलेंडर में आग लग गई ।जिससे पूरा खाने पीने का सामान जल गया है। सुलतानगंज से अतुल भारती की रिपोर्ट।

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भागलपुर सुल्तानगंज थाना छेत्र के  वार्ड 11 में शाम 7:30बजे  शुभाष चंद्र के घर में खाना बनाने के दरमियान अचानक छोटा सिलेण्डर में आग लग गई। जिससे खानपन का सारा सामान जल कर रख हो गया। वही इस मौके पर स्थानीय पुलिस प्रशासन व दमकल पहुंचकर आग में काबू पाया । तथा इसको लेकर शुभाष चंद्र ने बताया कि मेरी बेटी खाना बनाने गई कि अचानक सिलेंडर में आग लग गई ।जिससे पूरा खाने पीने का सामान जल गया है।
सुलतानगंज से अतुल भारती की रिपोर्ट।

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तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी, अररिया को किया गया निलंबित राजेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया के माध्यम से जिला कृषि पदाधिकारी श्री मनोज कुमार को एक पुलिसकर्मी के साथ बदसलूकी की वीडियो प्राप्त हुई थी, जिसपर संज्ञान लेकर मैंने तुरन्त शोकॉज नोटिस, और जाँच का आदेश दिया था। जाँच कार्य प्रभावित न हो इसके लिए उनको वहाँ से हटा भी दिया गया था। हमलोग जाँच रिपोर्ट का इन्तजार कर रहे थे। जाँच रिपोर्ट आते ही आज तुरन्त अररिया के तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। माननीय मंत्री ने कहा कि कोरोना वाॅरियर्स का सम्मान हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इस संक्रमण के काल में अपने परिवार और अपने जान की परवाह किये बिना निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे प्रत्येक कर्मी चाहे वह छोटे पद पर हो या बड़े पद पर हो सबका सम्मान हमारी नैतिक जिम्मेवारी भी है और हमारा धर्म भी है। ऐसे योद्धाओं के साथ र्दुव्यवहार करने वाले किसी भी शक्स को बक्सा नहीं जायेगा चाहे वह कितने भी बड़े पद पर हो । डॉ० कुमार ने कहा कि हम विभाग के किसी भी पदाधिकारी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे लेकिन अगर कोई भी व्यक्ति आम जनता के मान-सम्मान के प्रति अपने सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना एवं अनुशासन का ख्याल नहीं करता है तो बख्शा नहीं जायगा। दुखद है कि कुछ लोग विभागीय कार्रवाई के विभिन्न पहलुओं को समझे बिना राजनीति करते हैं।

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तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी, अररिया को किया गया निलंबित


 राजेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया के माध्यम से जिला कृषि पदाधिकारी श्री मनोज कुमार को एक पुलिसकर्मी के साथ बदसलूकी की वीडियो प्राप्त हुई थी, जिसपर संज्ञान लेकर मैंने तुरन्त शोकॉज नोटिस, और जाँच का आदेश दिया था। जाँच कार्य प्रभावित न हो इसके लिए उनको वहाँ से हटा भी दिया गया था। हमलोग जाँच रिपोर्ट का इन्तजार कर रहे थे। जाँच रिपोर्ट आते ही आज तुरन्त अररिया के तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
माननीय मंत्री ने कहा कि कोरोना वाॅरियर्स का सम्मान हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इस संक्रमण के काल में अपने परिवार और अपने जान की परवाह किये बिना निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे प्रत्येक कर्मी चाहे वह छोटे पद पर हो या बड़े पद पर हो सबका सम्मान हमारी नैतिक जिम्मेवारी भी है और हमारा धर्म भी है। ऐसे योद्धाओं के साथ र्दुव्यवहार करने वाले किसी भी शक्स को बक्सा नहीं जायेगा चाहे वह कितने भी बड़े पद पर हो ।
डॉ० कुमार ने कहा कि हम विभाग के किसी भी पदाधिकारी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे लेकिन अगर कोई भी व्यक्ति आम जनता के मान-सम्मान के प्रति अपने सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना एवं अनुशासन का ख्याल नहीं करता है तो बख्शा नहीं जायगा। दुखद है कि कुछ लोग विभागीय कार्रवाई के विभिन्न पहलुओं को समझे बिना राजनीति करते हैं।
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उत्तरप्रदेश सिद्धार्थनगर। बांसी। मंगलवार की सुबह से लेकर शाम 5:00 बजे तक कुल 16 बसें विभिन्न शहरों से आए हुए लोगों को लेकर बांसी पहुंची। उन बसों में नौगढ़, शोहरतगढ़, बढ़नी के साथ ही जनपद के कई हिस्सों में जाने वाले लोग शामिल है कुल 16 बसों में 200 से अधिक लोग आए जिनमें झांसी से मजबूरी पेशा करने वाले ज्यादा लोग शामिल रहे, इस संबंध में एसडीएम बांसी शिव मूर्ति सिंह ने बताया जितने लोग आए हैं उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दी गई है, क्षेत्राधिकारी वासी राजेश कुमार तिवारी ने कहा जनपद में विभिन्न जगहों पर पहुंचाने के लिए एक बस में 2 सिपाही लगाए गए हैं जो वहां पहुंचकर संबंधित जिम्मेदारों को सौंपेंगे। बसों में आए लोगों से बातचीत के दौरान लोगों ने कहा यहां का प्रशासन और उसका व्यवहार बहुत अच्छा लगा। बसों व उनमें सवार लोगों की गिनती कर कोतवाली प्रभारी शैलेश कुमार सिंह ने सभी को रवाना किया। सुमित शर्मा की रिपोर्ट।

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उत्तरप्रदेश सिद्धार्थनगर।

बांसी। मंगलवार की सुबह से लेकर शाम 5:00 बजे तक कुल 16 बसें विभिन्न शहरों से आए हुए लोगों को लेकर बांसी पहुंची। उन बसों में नौगढ़, शोहरतगढ़, बढ़नी के साथ ही जनपद के कई हिस्सों में जाने वाले लोग शामिल है कुल 16 बसों में 200 से अधिक लोग आए जिनमें झांसी से मजबूरी पेशा करने वाले ज्यादा लोग शामिल रहे, इस संबंध में एसडीएम बांसी शिव मूर्ति सिंह ने बताया जितने लोग आए हैं उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दी गई है, क्षेत्राधिकारी वासी राजेश कुमार तिवारी ने कहा जनपद में विभिन्न जगहों पर पहुंचाने के लिए एक बस में 2 सिपाही लगाए गए हैं जो वहां पहुंचकर संबंधित जिम्मेदारों को सौंपेंगे। बसों में आए लोगों से बातचीत के दौरान लोगों ने कहा यहां का प्रशासन और उसका व्यवहार बहुत अच्छा लगा। बसों व उनमें सवार लोगों की गिनती कर कोतवाली प्रभारी शैलेश कुमार सिंह ने सभी को रवाना किया।


सुमित शर्मा की रिपोर्ट।
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मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान 7 निश्चय योजना के अंतर्गत रोजगार सृजन के लिए शुरु किये गए कार्यों की समीक्षा की पटनाव :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान 7 निश्चय योजनान्तर्गत हर घर नल का जल एवं हर घर तक पक्की गली-नालियाॅ योजनाओं की प्रगति एवं रोजगार सृजन के लिए शुरु किये गए कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव ने हर घर नल जल योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 15 अप्रैल से 5,447 वार्डों में काम शुरु हुआ है और अभी 18,547 वार्डों में काम चल रहा है। पिछले 20 दिनों में 350 योजनाएं पूर्ण कर ली गई है। उन्होंने बताया कि 30,497 गुणवत्ता प्रभावित (आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन) वार्ड हैं, जिसमें भी काम शुरु किया गया है।  पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने लॉकडाउन में किये गये कार्यों की विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम पेयजल निश्चय योजना, ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम पेयजल निश्चय योजना के अंतर्गत 58,612 वार्डों में काम किया जाना है, जिसमें 40,881 वार्डों में काम पूर्ण हो चुका है और शेष वार्डों में कार्य जारी है, जिसे 15 जून तक पूर्ण कर लिया जाएगा। ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण योजना के अंतर्गत 7 दिनों के अंदर 2800 कार्य शुरु किये गये हैं, जिसमें 10 हजार मजदूर कार्यरत हैं।  नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने अपने प्रस्तुतीकरण में जानकारी देते हुए बताया कि हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत 3,370 वार्ड में कार्य किया जाना है, जिसमें 3,001 वार्ड में काम प्रारंभ हो चुका है। 1208 वार्डों में काम पूर्ण हो चुका है। जून-जुलाई तक सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाएंगे। अमृत योजना के अंतर्गत सभी घरों में जलापूर्ति की जानी है जिसे अगस्त माह तक पूर्ण कर लिया जाएगा। पक्की गली नली योजना के अंतर्गत 3,341 वार्डों में काम शुरु हो चुका है।  समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण श्रेत्रों में रोजगार सृजन के कार्यों की शुरुआत की गई है ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके, इसके साथ ही मनरेगा के अंतर्गत भी कई कार्य शुरु किये गए हैं। उन्होंने कहा कि 7 निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल और हर घर पक्की गली और नाली के कार्य को भी लॉकडाउन के दौरान शुरु किया गया है जिससे लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि गुणवत्ता प्रभावित वार्डों में भी हर घर नल का जल योजना तेजी से पूर्ण करें। जो योजनाएं पहले से शुरु की गई है उन्हें समय से पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य करें। कार्य पूर्ण करने के लिये राशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। जो योजनाएं पहले से शुरु की गई है, उन्हें समय से पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य करें। कार्यों की प्रगति का सघन अनुश्रवण करें। गाइडलाइन के अनुरूप कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाय, साथ ही जीविका द्वारा निर्मित फ्री ऑफ कास्ट मास्क भी उपलब्ध कराये जायें। बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे। साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस0 सिद्धार्थ, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव जुड़े हुए थे। बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा की रिपोर्ट

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मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान 7 निश्चय योजना के अंतर्गत रोजगार सृजन के लिए शुरु किये गए कार्यों की समीक्षा की


पटनाव :- मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने  1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान 7 निश्चय योजनान्तर्गत हर घर नल का जल एवं हर घर तक पक्की गली-नालियाॅ योजनाओं की प्रगति एवं रोजगार सृजन के लिए शुरु किये गए कार्यों की समीक्षा की।

समीक्षा के दौरान लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव  जितेन्द्र श्रीवास्तव ने हर घर नल जल योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 15 अप्रैल से 5,447 वार्डों में काम शुरु हुआ है और अभी 18,547 वार्डों में काम चल रहा है। पिछले 20 दिनों में 350 योजनाएं पूर्ण कर ली गई है। उन्होंने बताया कि 30,497 गुणवत्ता प्रभावित (आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन) वार्ड हैं, जिसमें भी काम शुरु किया गया है।

पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव  अमृत लाल मीणा ने लॉकडाउन में किये गये कार्यों की विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम पेयजल निश्चय योजना, ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम पेयजल निश्चय योजना के अंतर्गत 58,612 वार्डों में काम किया जाना है, जिसमें 40,881 वार्डों में काम पूर्ण हो चुका है और शेष वार्डों में कार्य जारी है, जिसे 15 जून तक पूर्ण कर लिया जाएगा। ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण योजना के अंतर्गत 7 दिनों के अंदर 2800 कार्य शुरु किये गये हैं, जिसमें 10 हजार मजदूर कार्यरत हैं।

नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव  आनंद किशोर ने अपने प्रस्तुतीकरण में जानकारी देते हुए बताया कि हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत 3,370 वार्ड में कार्य किया जाना है, जिसमें 3,001 वार्ड में काम प्रारंभ हो चुका है। 1208 वार्डों में काम पूर्ण हो चुका है। जून-जुलाई तक सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाएंगे। अमृत योजना के अंतर्गत सभी घरों में जलापूर्ति की जानी है जिसे अगस्त माह तक पूर्ण कर लिया जाएगा। पक्की गली नली योजना के अंतर्गत 3,341 वार्डों में काम शुरु हो चुका है।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण श्रेत्रों में रोजगार सृजन के कार्यों की शुरुआत की गई है ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके, इसके साथ ही मनरेगा के अंतर्गत भी कई कार्य शुरु किये गए हैं। उन्होंने कहा कि 7 निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल और हर घर पक्की गली और नाली के कार्य को भी लॉकडाउन के दौरान शुरु किया गया है जिससे लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि गुणवत्ता प्रभावित वार्डों में भी हर घर नल का जल योजना तेजी से पूर्ण करें। जो योजनाएं पहले से शुरु की गई है उन्हें समय से पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य करें। कार्य पूर्ण करने के लिये राशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। जो योजनाएं पहले से शुरु की गई है, उन्हें समय से पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य करें। कार्यों की प्रगति का सघन अनुश्रवण करें। गाइडलाइन के अनुरूप कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाय, साथ ही जीविका द्वारा निर्मित फ्री ऑफ कास्ट मास्क भी उपलब्ध कराये जायें।

बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव  अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी  गोपाल सिंह उपस्थित थे। साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री  विनोद नारायण झा, पंचायती राज मंत्री  कपिलदेव कामत, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव  एस0 सिद्धार्थ, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव  आनंद किशोर एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव जुड़े हुए थे।

बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा की रिपोर्ट


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लॉकडाउन में बिहार के बाहर फंसे छात्रों को एक हजार रुपये देगी नीतीश सरकार पटना, 27 अप्रैल (एएनएस)।लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे छात्रों को भी बिहार सरकार एक-एक हजार देगी। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रुडु ने प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए अलग से हेल्पलाइन नंबर पर अभी तक 1038 फोन आए हैं। इनमें से 90 प्रतिशत छात्र वैसे थे, जो अपने घर आना चाहते हैं। वहीं पांच प्रतिशत के पास भोजन की दिक्कत है तो उतने ही छात्रों के पास पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक 357 फोन राजस्थान, 103 दिल्ली, 60 उत्तर प्रदेश, 40 मध्यप्रदेश, 30 पंजाब और 25 पश्चिम बंगाल से आए हैं। संबंधित राज्यों के जिला प्रशासन से बात कर छात्रों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है। वहीं जिनके पास पैसे की दिक्कत है, उन्हें एक-एक हजार सहायता राशि देने की कार्रवाई चल रही है वहीं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि अब प्रखंड स्तर पर भी क्वारनटाइन कैंप बनाए जा रहे हैं, जहां पर बाहर से आ रहे लोगों को रखा जाएगा। प्रखंड स्तर पर के कैंप की निगरानी और बेहतर ढंग से हो सकेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के छात्रों को लॉकडाउन के दौरान अपने प्रदेश बुलाने पर केंद्र सरकार आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करे। जबतक नियमों में संशोधन नहीं होगा, किसी को भी वापस बुलाना न्याय संगत नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सोमवार को नीतीश कुमार ने अपने विचार साझा किए और कई अहम सुझाव भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थान में बिहार के छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ते हैं। कुछ राज्य अपने छात्रों को वहां से वापस बुलाए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से कोटा के छात्रों के संबंध में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुरूप हमलोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी सेंट्रल डिजास्टर एक्ट के अनुसार अभी अन्तर्राज्यीय आवागमन पर प्रतिबंध है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोटा ही नहीं देश के अन्य हिस्सों में भी बिहार के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में बिहार के लोग जो बाहर फंसे हैं, उन्होंने फोन के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग, नई दिल्ली स्थिति बिहार भवन और मुख्यमंत्री कार्यालय में अपनी समस्याएं बतायी हैं। एक लाख से अधिक फोन और मैसेजेज आ चुके हैं। बाहर फंसे बिहार के मजदूरों एवं जरूरतमंदों को मुख्यमंत्री विशेष सहायता के रूप में एक-एक हजार रुपए दिए जा रहे हैं। अब तक 25 लाख आवेदन आ चुके हैं, जिनमें से 15 लाख लोगों के खाते में राशि भेज दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बाहर से कुछ लोग अभी भी आ रहे हैं, जिनमें कई संक्रमित पाए गए हैं। उनके माध्यम से अन्य लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। मेरा विनम्र निवेदन है कि जो भी लोग बाहर से भेजे जा रहे हैं, उनकी पहले स्वास्थ्य जांच करवा ली जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एकजुट होकर अच्छा काम कर रहा है। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरुप तो काम किए ही जा रहे हैं, साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हमलोग भी अपने स्तर से अतिरिक्त कार्य कर रहे हैं। राज्य के अधिकारीगण, पुलिस पदाधिकारी, चिकित्सकगण पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। राज्यवासियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। लॉकडाउन कब तक जारी रहना है, यह निर्णय केंद्र सरकार को करना है। इस मामले में विशेषज्ञों की राय ली जा सकती है। केंद्र सरकार का इस पर जो भी फैसला होगा हम उसका अनुपालन करेंगे।

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लॉकडाउन में बिहार के बाहर फंसे छात्रों को एक हजार रुपये देगी नीतीश सरकार

पटना, 27 अप्रैल (एएनएस)।लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे छात्रों को भी बिहार सरकार एक-एक हजार देगी। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रुडु ने प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए अलग से हेल्पलाइन नंबर पर अभी तक 1038 फोन आए हैं। इनमें से 90 प्रतिशत छात्र वैसे थे, जो अपने घर आना चाहते हैं। वहीं पांच प्रतिशत के पास भोजन की दिक्कत है तो उतने ही छात्रों के पास पैसे नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सर्वाधिक 357 फोन राजस्थान, 103 दिल्ली, 60 उत्तर प्रदेश, 40 मध्यप्रदेश, 30 पंजाब और 25 पश्चिम बंगाल से आए हैं। संबंधित राज्यों के जिला प्रशासन से बात कर छात्रों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है। वहीं जिनके पास पैसे की दिक्कत है, उन्हें एक-एक हजार सहायता राशि देने की कार्रवाई चल रही है वहीं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि अब प्रखंड स्तर पर भी क्वारनटाइन कैंप बनाए जा रहे हैं, जहां पर बाहर से आ रहे लोगों को रखा जाएगा। प्रखंड स्तर पर के कैंप की निगरानी और बेहतर ढंग से हो सकेगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के छात्रों को लॉकडाउन के दौरान अपने प्रदेश बुलाने पर केंद्र सरकार आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करे। जबतक नियमों में संशोधन नहीं होगा, किसी को भी वापस बुलाना न्याय संगत नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सोमवार को नीतीश कुमार ने अपने विचार साझा किए और कई अहम सुझाव भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थान में बिहार के छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ते हैं। कुछ राज्य अपने छात्रों को वहां से वापस बुलाए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से कोटा के छात्रों के संबंध में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुरूप हमलोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी सेंट्रल डिजास्टर एक्ट के अनुसार अभी अन्तर्राज्यीय आवागमन पर प्रतिबंध है। 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोटा ही नहीं देश के अन्य हिस्सों में भी बिहार के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में बिहार के लोग जो बाहर फंसे हैं, उन्होंने फोन के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग, नई दिल्ली स्थिति बिहार भवन और मुख्यमंत्री कार्यालय में अपनी समस्याएं बतायी हैं। एक लाख से अधिक फोन और मैसेजेज आ चुके हैं। बाहर फंसे बिहार के मजदूरों एवं जरूरतमंदों को मुख्यमंत्री विशेष सहायता के रूप में एक-एक हजार  रुपए दिए जा रहे हैं। अब तक 25 लाख आवेदन आ चुके हैं, जिनमें से 15 लाख लोगों के खाते में राशि भेज दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बाहर से कुछ लोग अभी भी आ रहे हैं, जिनमें कई संक्रमित पाए गए हैं। उनके माध्यम से अन्य लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। मेरा विनम्र निवेदन है कि जो भी लोग बाहर से भेजे जा रहे हैं, उनकी पहले स्वास्थ्य जांच करवा ली जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एकजुट होकर अच्छा काम कर रहा है। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरुप तो काम किए ही जा रहे हैं, साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हमलोग भी अपने स्तर से अतिरिक्त कार्य कर रहे हैं। राज्य के अधिकारीगण, पुलिस पदाधिकारी, चिकित्सकगण पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। राज्यवासियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। लॉकडाउन कब तक जारी रहना है, यह निर्णय केंद्र सरकार को करना है। इस मामले में विशेषज्ञों की राय ली जा सकती है। केंद्र सरकार का इस पर जो भी फैसला होगा हम उसका अनुपालन करेंगे।
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मुख्यमंत्री ने कोविड-19 की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की बाहर से आये लोगों की सघन जाॅच एवं सतत् निगरानी जरूरी है। उनके स्वास्थ्य परीक्षण पर ध्यान दें और हेल्थ रिपोर्ट पर भी नजर बनाये रखें। लोग अपनी ट्रेवल हिस्ट्री न छिपायें, सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत जाॅच करायें   टेस्टिंग फैसिलिटी की संख्या और बढ़ाई जाय। तेजी से काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, सैंपल कलेक्शन और टेस्टिंग की जाय ताकि समय रहते कोरोना चेन को तोड़ा जा सके स्वास्थ्य विभाग हरसंभव स्रोत से वेंटिलेटर, टेस्टिंग किट, पी0पी0ई0 किट, दवाओं एवं जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करे ताकि आवश्यकतानुसार समुचित उपयोग हो सके, इसके लिये राशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। अभी भी कोरोना उन्मूलन कोष में पर्याप्त राशि उपलब्ध है कोरोना संक्रमण के साथ-साथ ए0ई0एस0, जे0ई0, बर्ड फ्लू एवं स्वाइन फीवर को लेकर भी पूरी सतर्कता बरती जाय कोरोना संक्रमित लगातार ठीक होकर घर जा रहे हैं। लोग धैर्य रखें, सचेत रहें और सतर्क रहें पटना :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव एवं वरीय अधिकारियों के साथ कोविड-19 के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।   समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य में बाहर से आये लोगों की सघन जाॅच एवं सतत् निगरानी जरूरी है। उनके स्वास्थ्य परीक्षण पर ध्यान दें और हेल्थ रिपोर्ट पर भी नजर बनाये रखें। लोग अपनी ट्रेवल हिस्ट्री न छिपायें, सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत जाॅच करायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी छह जगहों पर टेस्टिंग करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि तेजी से काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, सैंपल कलेक्शन और टेस्टिंग होने से ही समय रहते कोरोना चेन को तोड़ा जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हरसंभव स्रोत से वेंटिलेटर, टेस्टिंग किट, पी0पी0ई0 किट, दवाओं एवं जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करे ताकि आवश्यकतानुसार समुचित उपयोग हो सके, इसके लिये राशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। अभी भी कोरोना उन्मूलन कोष में पर्याप्त राशि उपलब्ध है।  मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि कोरोना संक्रमण के साथ-साथ ए0ई0एस0, जे0ई0, बर्ड फ्लू एवं स्वाइन फीवर को लेकर भी पूरी सतर्कता बरती जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में यह ट्रेंड देखने को मिल रहा था कि पहले विदेश से आये हुये लोग संक्रमित हुये, उसके बाद उनके काॅन्टैक्ट्स के लोग संक्रमित पाये गये। संक्रमण की इस चेन को बहुत हद तक तोड़ा जा चुका है किंतु अब नया ट्रेंड मिल रहा है कि जो प्रवासी मजदूर अथवा राज्य के बाहर से लोग आये हैं, उनमें संक्रमण पाया जा रहा है और उनके माध्यम से यह लोगों में फैल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिये सघनता से डोर टू डोर स्क्रीनिंग आवश्यक है ताकि कोरोना संक्रमण के इस नये ट्रेंड को नियंत्रित किया जा सके।  मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से संक्रमित मरीज लगातार ठीक होकर अपने घर जा रहे हैं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहें। धैर्य रखें, सचेत रहें, सतर्क रहें, तभी स्वस्थ रहेंगे। बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा की रिपोर्ट

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मुख्यमंत्री ने कोविड-19 की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की

बाहर से आये लोगों की सघन जाॅच एवं सतत् निगरानी जरूरी है। उनके स्वास्थ्य परीक्षण पर ध्यान दें और हेल्थ रिपोर्ट पर भी नजर बनाये रखें। लोग अपनी ट्रेवल हिस्ट्री न छिपायें, सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत जाॅच करायें 

टेस्टिंग फैसिलिटी की संख्या और बढ़ाई जाय। तेजी से काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, सैंपल कलेक्शन और टेस्टिंग की जाय ताकि समय रहते कोरोना चेन को तोड़ा जा सके

स्वास्थ्य विभाग हरसंभव स्रोत से वेंटिलेटर, टेस्टिंग किट, पी0पी0ई0 किट, दवाओं एवं जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करे ताकि आवश्यकतानुसार समुचित उपयोग हो सके, इसके लिये राशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। अभी भी कोरोना उन्मूलन कोष में पर्याप्त राशि उपलब्ध है

कोरोना संक्रमण के साथ-साथ ए0ई0एस0, जे0ई0, बर्ड फ्लू एवं स्वाइन फीवर को लेकर भी पूरी सतर्कता बरती जाय

कोरोना संक्रमित लगातार ठीक होकर घर जा रहे हैं। लोग धैर्य रखें, सचेत रहें और सतर्क रहें

पटना :- मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव एवं वरीय अधिकारियों के साथ कोविड-19 के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। 

समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य में बाहर से आये लोगों की सघन जाॅच एवं सतत् निगरानी जरूरी है। उनके स्वास्थ्य परीक्षण पर ध्यान दें और हेल्थ रिपोर्ट पर भी नजर बनाये रखें। लोग अपनी ट्रेवल हिस्ट्री न छिपायें, सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत जाॅच करायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी छह जगहों पर टेस्टिंग करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि तेजी से काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, सैंपल कलेक्शन और टेस्टिंग होने से ही समय रहते कोरोना चेन को तोड़ा जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हरसंभव स्रोत से वेंटिलेटर, टेस्टिंग किट, पी0पी0ई0 किट, दवाओं एवं जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करे ताकि आवश्यकतानुसार समुचित उपयोग हो सके, इसके लिये राशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। अभी भी कोरोना उन्मूलन कोष में पर्याप्त राशि उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि कोरोना संक्रमण के साथ-साथ ए0ई0एस0, जे0ई0, बर्ड फ्लू एवं स्वाइन फीवर को लेकर भी पूरी सतर्कता बरती जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में यह ट्रेंड देखने को मिल रहा था कि पहले विदेश से आये हुये लोग संक्रमित हुये, उसके बाद उनके काॅन्टैक्ट्स के लोग संक्रमित पाये गये। संक्रमण की इस चेन को बहुत हद तक तोड़ा जा चुका है किंतु अब नया ट्रेंड मिल रहा है कि जो प्रवासी मजदूर अथवा राज्य के बाहर से लोग आये हैं, उनमें संक्रमण पाया जा रहा है और उनके माध्यम से यह लोगों में फैल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिये सघनता से डोर टू डोर स्क्रीनिंग आवश्यक है ताकि कोरोना संक्रमण के इस नये ट्रेंड को नियंत्रित किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से संक्रमित मरीज लगातार ठीक होकर अपने घर जा रहे हैं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहें। धैर्य रखें, सचेत रहें, सतर्क रहें, तभी स्वस्थ रहेंगे।

बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा की रिपोर्ट
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पीएम मोदी आज करेंगे मुख्यमंत्रियों से बात, लॉकडाउन पर होगा फैसला आई एनएन न्यूज़ नेटवर्क कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश भर में लगाए लॉकडाउन के खत्म होने की तारीख नजदीक आ रही है. वहीं, कोरोना वायरस के मामले देश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को सुबह 10 बजे देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार फिर बैठक करेंगे. माना जा रहा पीएम मोदी देश के मौजूदा हालात, लॉकडाउन की अवधि को तीसरी बार बढ़ाने और गृहमंत्रालय के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करने के संबंध में मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे. तीन अहम बिंदुओं पर हो सकती है चर्चा सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक में मुख्यमंत्रियों के साथ तीन मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे. पीएम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमण की स्थिति और नए कंटेनमेंट जोन बनने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की जाएगी. प्रधानमंत्री गृह मंत्रालय की 20 अप्रैल के संबंध में जारी की गई गाइडलाइन के पालन को लेकर भी चर्चा करेंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक में 3 मई के बाद उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा की जाएगी. पीएम मोदी देश के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने या उससे बाहर निकलने की दिशा में भी बात करेंगे. इस दौरान मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों में किए जा रहे प्रयासों के साथ उन्हें यह भी बताना है कि कोरोना से निपटने के लिए आगे क्या किया जाना चाहिए? हालांकि, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अभी से संकेत देना शुरू कर दिया है कि वे लॉकडाउन को अगले दो सप्ताह तक बढ़ाना चाहते हैं. तेलंगाना के सीएम केसीआर ने तो लॉकडाउन को पहले ही 7 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों के तमाम मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री के ऊपर निर्णय पर छोड़ रखा है. उत्तर प्रदेश योगी आदित्‍यनाथ की सरकार इशारा कर चुकी है कि जब तक किसी भी जिले में संक्रमण रहेगा, तब तक लॉकडाउन खोलना चुनौतीपूर्ण होगा. वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आजतक ई-एजेंडा कार्यक्रम में कहना था कि वर्तमान हालात को देखते हुए लॉकडाउन एक साथ नहीं हटाना चाहिए. चरणबद्ध ढंग से लॉकडाउन हटाया जाना चाहिए. वह चाहते हैं कि केंद्र सरकार लॉकडाउन का अधिकार राज्य सरकारों को मिल सके । बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा की रिपोर्ट

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पीएम मोदी आज करेंगे मुख्यमंत्रियों से बात, लॉकडाउन पर होगा फैसला

आई एनएन न्यूज़ नेटवर्क कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश भर में लगाए लॉकडाउन के खत्म होने की तारीख नजदीक आ रही है. वहीं, कोरोना वायरस के मामले देश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को सुबह 10 बजे देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार फिर बैठक करेंगे. माना जा रहा पीएम मोदी देश के मौजूदा हालात, लॉकडाउन की अवधि को तीसरी बार बढ़ाने और गृहमंत्रालय के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करने के संबंध में मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे.

तीन अहम बिंदुओं पर हो सकती है चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक में मुख्यमंत्रियों के साथ तीन मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे. पीएम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमण की स्थिति और नए कंटेनमेंट जोन बनने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की जाएगी. प्रधानमंत्री गृह मंत्रालय की 20 अप्रैल के संबंध में जारी की गई गाइडलाइन के पालन को लेकर भी चर्चा करेंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक में 3 मई के बाद उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा की जाएगी.

पीएम मोदी देश के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने या उससे बाहर निकलने की दिशा में भी बात करेंगे. इस दौरान मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों में किए जा रहे प्रयासों के साथ उन्हें यह भी बताना है कि कोरोना से निपटने के लिए आगे क्या किया जाना चाहिए? हालांकि, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अभी से संकेत देना शुरू कर दिया है कि वे लॉकडाउन को अगले दो सप्ताह तक बढ़ाना चाहते हैं. तेलंगाना के सीएम केसीआर ने तो लॉकडाउन को पहले ही 7 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों के तमाम मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री के ऊपर निर्णय पर छोड़ रखा है.

उत्तर प्रदेश योगी आदित्‍यनाथ की सरकार इशारा कर चुकी है कि जब तक किसी भी जिले में संक्रमण रहेगा, तब तक लॉकडाउन खोलना चुनौतीपूर्ण होगा. वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आजतक ई-एजेंडा कार्यक्रम में कहना था कि वर्तमान हालात को देखते हुए लॉकडाउन एक साथ नहीं हटाना चाहिए. चरणबद्ध ढंग से लॉकडाउन हटाया जाना चाहिए. वह चाहते हैं कि केंद्र सरकार लॉकडाउन का अधिकार राज्य सरकारों को मिल सके ।

बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा की रिपोर्ट
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जालंधर में कोरोना के 9 नए केस आए सामने जालंधर (विशाल )शहर में कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जालंधर में रविवार को कोरोना वायरस के 9 केस सामने आए हैं, जिससे शहर में दहशत सी फैल गई है। इनमें तीन राज नगर, दो राजा गार्डन, एक कोरोल बाग, एक बस्ती शेख, एक संत नगर का है और एक हिंदी अखबार का है। अब जालंधर में कोरोना मरीजों की संख्या 78 हो गई है। हालांकि शहर में आज 222 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव भी आई है।

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जालंधर में कोरोना के  9 नए केस आए सामने

जालंधर
से  (विशाल )शहर में कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जालंधर में रविवार को कोरोना वायरस के 9 केस सामने आए हैं, जिससे शहर में दहशत सी फैल गई है। इनमें तीन राज नगर, दो राजा गार्डन, एक कोरोल बाग, एक बस्ती शेख, एक संत नगर का है और एक हिंदी अखबार का है। अब जालंधर में कोरोना मरीजों की संख्या 78 हो गई है। हालांकि शहर में आज 222 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव भी आई है।
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मुजफ्फरपुर:- राशन कार्ड एंट्री/ अपडेशन को लेकर जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में एक बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि राशन कार्ड इंट्री का कार्य तीव्र गति से निष्पादित की जाय ताकि अधिक से अधिक लोगों को सरकार द्वारा सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके। इसमे कोताही पर सख्त कार्रवाई होगी।। जिले के राशन कार्डधारियों के खाते में एक-एक हजार की राशि सरकार द्वारा भेजी गई थी ।जिसमें तकनीकी कारणों यथा आधार कार्ड और बैंक अकाउंट संबंधी त्रुटि ,नाम मे अंतर आदि के कारण कुछ राशन कार्डधारियों के खाते में राशि अंतरित नहीं हो पाई ।ऐसे कार्डधारियों की सूची दो फेज में सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है जिनकी संख्या 153000 है ।इनकी सूची सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को उपलब्ध करा दी गई है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों द्वारा पेमेंट फेलियोर वाले राशन कार्डधारी का आधार कार्ड/ बैंक खाता प्राप्त करके डेटा काअद्यतन तीव्र गति से कराया जा रहा है ।इसके लिए अनुमंडल स्तर पर तीन पाली में और प्रखंड स्तर पर एक पाली में युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि 3 दिन के अंदर पेमेंट फेलियोर वाले राशन कार्ड धारियों का डाटा अद्धतन करके इंट्री कराना सुनिश्चित करें। राशन कार्ड से वंचित गरीब परिवारों का सर्वेक्षण ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका के द्वारा किया जा रहा है ।अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 45000 परिवारों का सर्वेक्षण किया जा चुका है ।।सर्वेक्षित परिवारों का डाटा एंट्री का कार्य चल रहा है ।यह कार्य एनआईसी में दो पाली में तथा प्रखंडों में वीडियो के सहयोग से जीविका के बीपीएम द्वारा कराया जा रहा है ।वहीं शहरी क्षेत्रों में नगर निगम एवं तीनों नगर पंचायतों में राशन कार्ड से वंचित कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 12035 है ।जिसमें से लगभग सभी की एंट्री कराई जा चुकी है ।बैठक में आरटीपीएस पर अस्वीकृत आवेदनों की पुनः समीक्षा की गई ।बताया गया कि अस्वीकृत आवेदनों में से 105635 आवेदनों को स्वीकृत किया गया था। इनमें से 90 हजार आवेदनों का आधार और बैंक खाता का इंट्री करा दिया गया है।शेष का सत्यापन किया जा रहा है। बैठक में अपर समाहर्ता राजेश कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी महमूदआलम, अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी एवं पश्चिमी सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे एवं सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा के साथ मुज़फ़्फ़रपुर से सतीष कुमार झा की रिपोर्ट

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मुजफ्फरपुर:- राशन कार्ड एंट्री/ अपडेशन को लेकर जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में एक बैठक  आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि राशन कार्ड इंट्री का कार्य तीव्र गति से निष्पादित की जाय ताकि अधिक से अधिक लोगों को सरकार द्वारा सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके। इसमे कोताही पर सख्त कार्रवाई होगी।।      जिले के राशन कार्डधारियों के खाते में एक-एक हजार की राशि सरकार द्वारा भेजी गई थी ।जिसमें तकनीकी कारणों यथा  आधार कार्ड  और बैंक अकाउंट संबंधी  त्रुटि ,नाम मे अंतर आदि के कारण  कुछ राशन कार्डधारियों के खाते में राशि अंतरित नहीं हो पाई ।ऐसे कार्डधारियों की सूची  दो फेज  में सरकार द्वारा  उपलब्ध कराई गई है जिनकी  संख्या 153000 है ।इनकी सूची सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को उपलब्ध करा दी गई है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों द्वारा पेमेंट फेलियोर वाले राशन कार्डधारी का आधार कार्ड/ बैंक खाता प्राप्त करके डेटा काअद्यतन तीव्र गति से कराया जा रहा है ।इसके लिए अनुमंडल स्तर पर तीन पाली में और प्रखंड स्तर पर एक पाली में युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि 3 दिन के अंदर पेमेंट फेलियोर वाले राशन कार्ड धारियों का डाटा अद्धतन करके इंट्री कराना सुनिश्चित करें। राशन कार्ड से वंचित गरीब परिवारों का सर्वेक्षण ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका के द्वारा किया जा रहा है ।अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में  लगभग 45000 परिवारों का सर्वेक्षण किया जा चुका है ।।सर्वेक्षित परिवारों का डाटा एंट्री का कार्य चल रहा है ।यह कार्य एनआईसी में दो पाली में तथा प्रखंडों में वीडियो के सहयोग से जीविका के बीपीएम  द्वारा कराया जा  रहा है ।वहीं शहरी क्षेत्रों में नगर निगम एवं तीनों नगर पंचायतों में राशन कार्ड से वंचित कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 12035 है ।जिसमें से लगभग सभी की एंट्री कराई जा चुकी है ।बैठक में  आरटीपीएस पर अस्वीकृत आवेदनों की पुनः समीक्षा की गई ।बताया गया कि अस्वीकृत आवेदनों में से 105635 आवेदनों को स्वीकृत किया गया था। इनमें से 90 हजार आवेदनों का आधार और बैंक खाता का इंट्री करा दिया गया है।शेष का सत्यापन किया जा रहा है। बैठक में अपर समाहर्ता राजेश कुमार,  जिला आपूर्ति पदाधिकारी महमूदआलम, अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी एवं पश्चिमी सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे एवं सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।

बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा के साथ मुज़फ़्फ़रपुर से सतीष कुमार झा की रिपोर्ट




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*कोरोना के खिलाफ लड़ाई में संजीवनी का काम करेगा माननीय प्रधानमंत्री जी की मन की बात- डाॅ॰ प्रेम कुमार* राजेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट बिहार के कृषि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के माननीय मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मान्यवर नरेंद्र मोदी जी ने दूसरी बार मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। आदरणीय प्रधानमंत्री जी का आज का सम्बोधन कोरोना के खिलाफ महायुद्ध में तमाम देशवाशियो एवं कोरोना योद्धाओ के लिए संजीवनी का कार्य करेगा। आज के इस संबोधन से भारतवासियों में एक नए जोश एवं उतसाह का संचार हुआ है, जो आने वाले दिनों में इस लड़ाई को और भी धारदार बनायेगा। डॉ॰ कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश का हर नागरिक सिपाही है। उन्होंने देशवासियों को अक्षय तृतीया, रमजान की बधाई दी। उन्होंने लोगों से दो गज दूरी का पालन करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार रमजान में पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना वायरस से मुक्त हो जाए। आज के इस संबोधन में प्रधानमंत्री जी कोरोना के खिलाफ इस महायुद्ध में देशवाशियो से अतिआत्मविश्वास से बचने की सलाह दी है यह बहूत ही महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि याद रखिये, हमारे पूर्वजों ने कहा है- ‘अग्निरू शेषम् ऋणरू शेषम्, व्याधिरू शेषम् तथैवच। पुनः पुनः प्रवर्धेत, तस्मात् शेषम् न कारयेत।। हल्के में लेकर छोड़ दी गई आग, कर्ज और बीमारी, मौका पाते ही दोबारा बढ़कर खतरनाक हो जाती हैं। दो गज की दूरी, बहुत है जरूरी। इसलिए आमजनो से मेरी भी अपील है कि अतिआत्मविश्वास में नही आना है ना ही किसी भ्रम में रहना है। विमारी आखिर विमारी होती है, इसमें एक छोटी सी भी चूक या लापरवाही सिर्फ हमारे लिए ही नही वल्कि पूरे समाज के लिये जानलेवा सावित हो सकती है। इसलिए साबधान रहने की आवश्यकता है। तथा लॉक डाउन के नियमो एवं संक्रमण से बचाव के तरीकों का और भी दृढ़तापूर्वक पालन करना अति आवश्यक है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने सामान्य जीवन के शिस्टाचारों का भी दृढ़तापूर्वक पालन करने की बात कही है। जैसे सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत छोड़नी पड़ेगी। हमसब को पता है कि थूकने से भी यह महामारी फैल रही है। इसलिए इसे रोकना भी हमारी जिम्मेबारी है। सभी को इसके खतरे को समझना होगा तथा लोगो को भी जागरूक करना होगा। मन की बात के प्रसारण के अवसर पर माननीय मंत्री के साथ माननीय प्रधानमंत्री की बातों को सुनने के लिये उपस्थित भाजपा कार्यकत्र्ताओं में उत्तरी मण्डल अध्यक्ष शंभू यादव, पश्चिमी मंडल अध्यक्ष, बंटी वर्मा, मध्य मंडल अध्यक्ष, ऋषि लोहानी, दक्षिणी मंडल अध्यक्ष, द्वारिकाधिश सिन्हा, प्रेम सागर, राजनन्दन प्रसाद गाँधी, संतोष ठाकुर, पप्पु कुमार चन्द्रवंशी, जितेन्द्र कुमार, राजकुमार, मुकेष चन्द्रवंषी, आयुष कुमार सिंह, सुरेन्द्र कुमार, बब्लू कुमार, दीनानाथ प्रसाद, अजय कुमार, शिवनारायण प्रसाद, हरी यादव, मनोज चन्द्रवंशी, रूपेश वर्मा मुकेश शर्मा राजेश चैधरी, राजेश अग्रवाल, सहित अन्य कार्यकत्र्ता गण थे।

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*कोरोना के खिलाफ लड़ाई में संजीवनी का काम करेगा माननीय प्रधानमंत्री जी की मन की बात- डाॅ॰ प्रेम कुमार*

 राजेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

बिहार के कृषि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के माननीय मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मान्यवर नरेंद्र मोदी जी ने दूसरी बार मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। आदरणीय प्रधानमंत्री जी का आज का सम्बोधन कोरोना के खिलाफ महायुद्ध में तमाम देशवाशियो एवं कोरोना योद्धाओ के लिए संजीवनी का कार्य करेगा। आज के इस संबोधन से भारतवासियों में एक नए जोश एवं उतसाह का संचार हुआ है, जो आने वाले दिनों में इस लड़ाई को और भी धारदार बनायेगा।
डॉ॰ कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने  अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश का हर नागरिक सिपाही है। उन्होंने देशवासियों को अक्षय तृतीया, रमजान की बधाई दी। उन्होंने लोगों से दो गज दूरी का पालन करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार रमजान में पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना वायरस से मुक्त हो जाए।
आज के इस संबोधन में प्रधानमंत्री जी  कोरोना के खिलाफ इस महायुद्ध में देशवाशियो से अतिआत्मविश्वास से बचने की सलाह दी है यह बहूत ही महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि याद रखिये, हमारे पूर्वजों ने कहा है- ‘अग्निरू शेषम् ऋणरू शेषम्, व्याधिरू शेषम् तथैवच। पुनः पुनः प्रवर्धेत, तस्मात् शेषम् न कारयेत।। हल्के में लेकर छोड़ दी गई आग, कर्ज और बीमारी, मौका पाते ही दोबारा बढ़कर खतरनाक हो जाती हैं। दो गज की दूरी, बहुत है जरूरी।
इसलिए आमजनो से मेरी भी अपील है कि अतिआत्मविश्वास में नही आना है ना ही किसी भ्रम में रहना है। विमारी आखिर विमारी होती है, इसमें एक छोटी सी भी चूक या लापरवाही सिर्फ हमारे लिए ही नही वल्कि पूरे समाज के लिये जानलेवा सावित हो सकती है। इसलिए साबधान रहने की आवश्यकता है। तथा लॉक डाउन के नियमो एवं संक्रमण से बचाव के तरीकों का और भी दृढ़तापूर्वक पालन करना अति आवश्यक है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने सामान्य जीवन के शिस्टाचारों का भी दृढ़तापूर्वक पालन करने की बात कही है। जैसे सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत छोड़नी पड़ेगी। हमसब को पता है कि थूकने से भी यह महामारी फैल रही है। इसलिए इसे रोकना भी हमारी जिम्मेबारी है। सभी को इसके खतरे को समझना होगा तथा लोगो को भी जागरूक करना होगा।
मन की बात के प्रसारण के अवसर पर माननीय मंत्री के साथ माननीय प्रधानमंत्री की बातों को सुनने के लिये उपस्थित भाजपा कार्यकत्र्ताओं में उत्तरी मण्डल अध्यक्ष शंभू यादव, पश्चिमी मंडल अध्यक्ष, बंटी वर्मा, मध्य मंडल अध्यक्ष, ऋषि लोहानी, दक्षिणी मंडल अध्यक्ष, द्वारिकाधिश सिन्हा, प्रेम सागर, राजनन्दन प्रसाद गाँधी, संतोष ठाकुर, पप्पु कुमार चन्द्रवंशी, जितेन्द्र कुमार, राजकुमार, मुकेष चन्द्रवंषी, आयुष कुमार सिंह, सुरेन्द्र कुमार, बब्लू कुमार, दीनानाथ प्रसाद, अजय कुमार, शिवनारायण प्रसाद, हरी यादव, मनोज चन्द्रवंशी, रूपेश वर्मा मुकेश शर्मा राजेश चैधरी, राजेश अग्रवाल, सहित अन्य कार्यकत्र्ता गण थे।
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*शुष्क बागवानी अपनाकर गया के किसान करेंगे आय दोगुनी - डा॰ प्रेम कुमार* राजेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट डाॅ॰ प्रेम कुमार, माननीय मंत्री, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार ने सहायक निदेषक, उद्यान, गया श्री ओम प्रकाष मिश्रा से गया जिले के शुष्क क्षेत्रों के लिये स्वीकृत बागवानी से संबंधित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के बाद माननीय मंत्री ने कहा कि गया जिला का अधिकतर क्षेत्र रेनफेड कन्डीषन के अन्तर्गत पड़ता है जहाॅ के किसान खेती करने के लिये पूरी तरह मानसून में होने वाली वर्षा पर निर्भर करते हैं। अच्छी और समय पर वर्षा होने पर उनकी फसल अच्छी होती है अन्यथा मायूस होना पड़ता है। ऐसे क्षेत्र में किसानों की अनिष्चितता दूर करने के लिये राज्य सरकार शुष्क बागवानी की योजना को लागू कर रही है। इस योजना अन्तर्गत किसान पाॅच प्रकार के कम पानी में होने वाले फलों की खेती करके अपने लिये एक निष्चित आय का साधन सृजत कर सकते हैं और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को साकार कर सकते है। गया जिला की जलवायु के अनुकूल नींबू, शरीफा, बेर, अनार एवं मीठा नींबू या सन्तरा की खेती का प्रत्यक्षण कार्यक्रम लागू किया गया है। योजना अन्तर्गत खेती हेतु पौध रोपण सामग्री एवं जैविक खाद आदि सामग्रियों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। छोटी जोत के किसान भी योजना का लाभ ले सकें इसलिये योजनान्तर्गत एक ईकाई प्रत्यक्षण का क्षेत्रफल मात्र 2000 वर्ग मीटर रखा गया है। कोई भी किसान अधिकतम दो ईकाई अर्थात 4000 वर्ग मीटर हेतु आवेदन कर सकता है। माननीय मंत्री ने कहा कि इस योजनन्तर्गत आत्मा के तहत गठित कृषक हित समूहों, खाद्य सुरक्षा समूहों एवं एफ॰ पी॰ ओ॰ आदि को प्राथमिकता देने का निदेश दिया गया है तथा प्रत्यक्षण कार्य को कलस्टर में कराने का भी निदेश दिया गया है। समीक्षा के क्रम में सहायक निदेषक, उद्यान, गया ने बताया कि गया जिला में नीबू के लिये 90 प्रत्यक्षण का लक्ष्य है जिसमें लागत 10885 रुपये है एवं सरकार से 8164 रुपये सहायता दिया जायेगा। शरीफा का 40 प्रत्यक्षण स्वीकृत है जिसकी लागत 18000 रुपये प्रति ईकाई है और सरकारी सहायता 13500 रुपये प्रति ईकाई है। बेर के लिये 26 ईकाई प्रत्क्षण का लक्ष्य है जिसकी प्रति ईकाई लागत 7800 रुपये है और सरकारी सहायता 5850 रुपये दिया जा रहा है। अनार के लिये 110 ईकाई का लक्ष्य है जिसकी प्रति ईकाई लागत 15664 रुपये है एवं सरकारी सहायता 11748 रुपये स्वीकृत है। मीठा नींबू या संतरा के लिये 50 ईकाई का प्रत्यक्षण आयोजित किया जाना है जिसकी प्रति ईकाई लागत 8224 रुपये स्वीकृत है एवं योजना अन्तर्गत 6168 रुपये सहयोग के राषि व्यय की जायेगी। उद्यान विभाग किसानों को 05 हेक्टेयर के कलस्टर में पौधे लगाने के लिये प्रोत्साहित कर रहा है। गया के अलावा मगध प्रमण्डल में नवादा एवं औरंगाबाद जिलों में भी योजना क्रियान्वित की जा रही है। योजना के लिये आॅनलाईन आवेदन www.horticulture.bihar.gov.in पर जाकर किया जा सकता है। इच्छुक किसान अपने प्रखण्ड के प्रखण्ड उद्यान पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं। माननीय मंत्री ने कहा कि पौधों को लगाने के लिये बनने वाले गडढ़ों को बनाने का समय मई माह ही होता है इसलिये लाभार्थियों का चयन ससमय पूरा करते हुये लगाये जाने वाले फल वृक्ष के गडढ़ों को ससमय बनवा लिया जाय। पौध सामग्री उच्च गुणवत्ता की आपूर्ती करायी जाय एवं किसानों को बागवानी में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाय। आत्मा अन्तर्गत गठित hकृषक हित समूह एवं महिला खाद्य सुरक्षा समूह के सदस्यों से आॅनलाईन आवेदन कराया जाय।

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*शुष्क बागवानी अपनाकर गया के किसान करेंगे आय दोगुनी - डा॰ प्रेम कुमार*

 राजेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

डाॅ॰ प्रेम कुमार, माननीय मंत्री, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार ने सहायक निदेषक, उद्यान, गया श्री ओम प्रकाष मिश्रा से गया जिले के शुष्क क्षेत्रों के लिये स्वीकृत बागवानी से संबंधित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
समीक्षा के बाद माननीय मंत्री ने कहा कि गया जिला का अधिकतर क्षेत्र रेनफेड कन्डीषन के अन्तर्गत पड़ता है जहाॅ के किसान खेती करने के लिये पूरी तरह मानसून में होने वाली वर्षा पर निर्भर करते हैं। अच्छी और समय पर वर्षा होने पर उनकी फसल अच्छी होती है अन्यथा मायूस होना पड़ता है। ऐसे क्षेत्र में किसानों की अनिष्चितता दूर करने के लिये राज्य सरकार शुष्क बागवानी की योजना को लागू कर रही है। इस योजना अन्तर्गत किसान पाॅच प्रकार के कम पानी में होने वाले फलों की खेती करके अपने लिये एक निष्चित आय का साधन सृजत कर सकते हैं और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को साकार कर सकते है। गया जिला की जलवायु के अनुकूल नींबू, शरीफा, बेर, अनार एवं मीठा नींबू या सन्तरा की खेती का प्रत्यक्षण कार्यक्रम लागू किया गया है। योजना अन्तर्गत खेती हेतु पौध रोपण सामग्री एवं जैविक खाद आदि सामग्रियों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। छोटी जोत के किसान भी योजना का लाभ ले सकें इसलिये योजनान्तर्गत एक ईकाई प्रत्यक्षण का क्षेत्रफल मात्र 2000 वर्ग मीटर रखा गया है। कोई भी किसान अधिकतम दो ईकाई अर्थात 4000 वर्ग मीटर हेतु आवेदन कर सकता है।
माननीय मंत्री ने कहा कि इस योजनन्तर्गत आत्मा के तहत गठित कृषक हित समूहों, खाद्य सुरक्षा समूहों एवं एफ॰ पी॰ ओ॰ आदि को प्राथमिकता देने का निदेश दिया गया है तथा प्रत्यक्षण कार्य को कलस्टर में कराने का भी निदेश दिया गया है।
समीक्षा के क्रम में सहायक निदेषक, उद्यान, गया ने बताया कि गया जिला में नीबू के लिये 90 प्रत्यक्षण का लक्ष्य है जिसमें लागत 10885 रुपये है एवं सरकार से 8164 रुपये सहायता दिया जायेगा। शरीफा का 40 प्रत्यक्षण स्वीकृत है जिसकी लागत 18000 रुपये प्रति ईकाई है और सरकारी सहायता 13500 रुपये प्रति ईकाई है। बेर के लिये 26 ईकाई प्रत्क्षण का लक्ष्य है जिसकी प्रति ईकाई लागत 7800 रुपये है और सरकारी सहायता 5850 रुपये दिया जा रहा है। अनार के लिये 110 ईकाई का लक्ष्य है जिसकी प्रति ईकाई लागत 15664 रुपये है एवं सरकारी सहायता 11748 रुपये स्वीकृत है। मीठा नींबू या संतरा के लिये 50 ईकाई का प्रत्यक्षण आयोजित किया जाना है जिसकी प्रति ईकाई लागत 8224 रुपये स्वीकृत है एवं योजना अन्तर्गत 6168 रुपये सहयोग के राषि व्यय की जायेगी। उद्यान विभाग किसानों को 05 हेक्टेयर के कलस्टर में पौधे लगाने के लिये प्रोत्साहित कर रहा है। गया के अलावा मगध प्रमण्डल में नवादा एवं औरंगाबाद जिलों में भी योजना क्रियान्वित की जा रही है। योजना के लिये आॅनलाईन आवेदन www.horticulture.bihar.gov.in पर जाकर किया जा सकता है। इच्छुक किसान अपने प्रखण्ड के प्रखण्ड उद्यान पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।
माननीय मंत्री ने कहा कि पौधों को लगाने के लिये बनने वाले गडढ़ों को बनाने का समय मई माह ही होता है इसलिये लाभार्थियों का चयन ससमय पूरा करते हुये लगाये जाने वाले फल वृक्ष के गडढ़ों को ससमय बनवा लिया जाय। पौध सामग्री उच्च गुणवत्ता की आपूर्ती करायी जाय एवं किसानों को बागवानी में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाय। आत्मा अन्तर्गत गठित hकृषक हित समूह एवं महिला खाद्य सुरक्षा समूह के सदस्यों से आॅनलाईन आवेदन कराया जाय।
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