पराली प्रबंधन के लिए 80 फीसद सब्सिडी पर मिली 20.41 लाख की मशीनें
जालंधर (विशाल ) पराली के अवशेषों के उचित प्रबंधन से संबंधित सब्सिडी और मशीनों तक छोटे और मझोले किसानों की पहुंच को यकीनी बनाने के लिए कृषि और किसान भलाई विभाग ने पहली बार सब्सिडी स्कीम के अंतर्गत मिलने वाली मशीनों के लिए आवेदन करने के लिए गांव की पंचायतों को भी न्योता दिया गया था।विभाग द्वारा की गई इस अपील को गांव मेडा, गिल, गिल्लों, तलवंडी पौधों, कमालपुर, निसारपुर, घुद्दोवाल, सुल्तानपुर, रहमानपुर, गग्ग धड़ागा, शमसाबाद,राजोवाल और थमनवाल की पंचायतों ने उत्साहपुर्ण स्वीकृति देते हुए मशीनो के लिए आवेदन किया, जिस पर इन 13 पंचायतों को अब 20.41 लाख रुपए की मशीनों पर 80 प्रतिशत सब्सिडी पर दी गई है। मेडा गांव के सरपंच मनजिंदर सिंह ने बताया कि गांव के लगभग 60 किसान धान की बिजाई करते हैं और करीब 600 एकड़ क्षेत्रफल धान की फ़सल के नीचे है। उन्होने कहा कि पंचायत पराली जलाने के मामलों को खत्म करना चाहती है और इसीलिए हम मशीनों के लिए आवेदन करने का फ़ैसला लिया था।उन्होंने कहा कि हम अपनी ख़ुद की बेलर मशीन के लिए भी आवेदन करेंगे। उन्होने कहा कि हमें सुपर सिडर मशीन प्राप्त हुई है, जो गांव के गरीब और जरूरतमंद किसानों को पहल के आधार पर दी जाएगी। गांव गिल्ल के सरपंच हिंमत सिंह ने बताया कि छोटे और मझोले किसानों के लिए पंचायतों की तरफ से सुपर सिडर मशीन की खरीद की गई है, जिस पर सरकार की तरफ से स्कीम अनुसार 1.57 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरिंदर सिंह ने बताया कि कृषि विभाग की तरफ से मशीनों की तस्दीक कर ली गई है और जल्दी ही सब्सिडी ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होने कहा कि विभाग की तरफ से छोटे और मझोले किसानों पर जोर दिया जा रहा है कि वह इन मशीनों का प्रयोग करें और पराली को न जलाएं। पंचायतों को पराली जलाने की समस्या के ख़िलाफ लड़ने और वातावरण को साफ़ सुथरा रखने में विभाग की सहायता करनी चाहिए।


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