उत्तरप्रदेश
सिद्धार्थनगर
नेपाली मटर की तस्करी जोरों पर
ऽ बॉर्डर से कैसे हो रही है इटवा तक तस्करी
ऽ कहीं सफेदपोश भी तो नहीं मिले, बॉर्डर से इटवा तक हर जगह चैराहों पर पुलिस भी मुस्तैद रहती है
ऽ सुरक्षा एजेंसियों पर भी उठ रहे कई सवाल
इटवा, सिद्धार्थनगर। इटवा में नेपाली मटर की तस्करी फिर जोरों पर है। कोरोना काल में पुलिस की भारी मुस्तैदी के बाद भी बॉर्डर से लेकर ढे़बरूआ, झकहिया होते हुए इटवा तक नेपाली मटर की तस्करी हो रही है। इटवा के दो व्यापारी द्वारा काफी दिनों से की जा रही है तस्करी। पुलिस भले इस मामले से अनजान बता रही हो लेकिन इस बात की चर्चा पूरे इटवा कस्बे में फैल चुके हैं। एक बार मधवापुर के पास में नेपाली मटर की गाड़ी पलट गई थी तब भी तस्करी को लेकर लोगों में काफी चर्चा थी। कोरोना संक्रमण काल में जहां बॉर्डर पूरी तरह से सीज है। रोटी बेटी का रिश्ता होने के बावजूद भी लोग नेपाल में जाने से परहेज कर रहे हैं। बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों से उनको खौफ सता रहा है। इसके बावजूद इतनी भारी मात्रा में नेपाली मटर की तस्करी कैसे हो रही है। यह सुरक्षा में लगे एजेंसियों के लिए भी एक सवाल खड़ा कर रहा है। आज आलम यह है कि क्षेत्र के कठेला चैराहे से लेकर सेमरी, संग्रामपुर, इटवा जैसे विभिन्न चैराहों पर विभिन्न किराना की दुकानों पर नेपाली मटर की सप्लाई भरपूर की जा रही है। लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। पैसा देने के बावजूद भी उन्हें नेपाली मटर मिल रहे हैं। बताया जाता है कि नेपाल में मटर की कीमत 40 से 45 रू. प्रति किलो है, जो तस्करी के द्वारा इटवा तक पहुंचाने के बाद इसकी कीमत 60 से 62 तक पहुंच जाती है। इतना ही नहीं इस काम में लगा हुआ तस्कर इस समय इटवा के विभिन्न स्थानों पर जमीनों का कारोबार भी शुरू कर दिया है। इसका कारोबार इटवा से लेकर बलरामपुर तथा बस्ती जनपद तक फैला हुआ है। यदि उसके संपत्तियों की जांच कर ली जाए तो दूध का दूध सब साफ हो जाएगा। इनके गोदाम की जांच कर ली जाए तो भारी मात्रा में नेपाली मटर बरामद किए जा सकते हैं। इसके अलावा संग्रामपुर के एक थोक विक्रेता के गोदाम में भी भारी मात्रा में नेपाली मटर मिल सकती है। बावजूद ऐसे लोगों पर कार्यवाही नहीं हो पा रही है और लगातार इस तस्कर ने इस छेत्र में अपना पैर जमा रखा है। पिकप गाड़ी मटर से लदे हुए कई बार आधी रात में इस व्यापारी के गोदाम में उतरती है। फिर भी स्थानीय पुलिस के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से यहां ब्लैक मार्केटिंग और नेपाली मटर की तस्करी जोरों पर है। बॉर्डर से इटवा तक नेपाली मटर इतनी भारी मात्रा में आए दिन कैसे सप्लाई हो रहा है, इसको लेकर बढ़नी बॉर्डर से लेकर ढेबरूआ झकहिया बैंक में लगे सुरक्षाकर्मी, सेमरी बैंक चैराहे पर लगे पुलिसकर्मी सहित इटवा पुलिस की आंखों के सामने अपने हिसाब से काम को अंजाम दे रहा है। सूत्र बताते हैं कि इनके गोदाम पर छापेमारी की जाए तो भारी मात्रा में मटर बरामद किए जा सकते हैं। इटवा पुलिस तस्करों को पकड़ने में क्यों अस्फल साबित हो रही है। कहीं न कहीं इटवा पुलिस की मिलीभगत से ही की जा रही है तस्करी। सूचना देने के बावजूद नहीं पहुंच पाती है पुलिस। इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस की मिलीभगत से की जा रही है तस्करी। बताते हैं कि एसएसबी के जवान आए दिन भारत नेपाल सीमा पर खुनुवा, ककरवा बार्डर पर तस्करों को पकडते हैं। लेकिन बढ़नी बार्डर पर तस्करों को छूट मिली है।.
रिपोर्ट
सुमित शर्मा

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