घंटों मेहनत के बाद रिसाव पर काबू पाया था. फैक्ट्री के आस-पास से 3 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया था. विशाखापट्टनम नगर निगम के कमिश्नर श्रीजना गुम्मल्ला के मुताबिक, रिसाव की शुरुआत 7 मई को सुबह 2.30 बजे हुई. गैस रिसाव की चपेट में आस-पास के सैकड़ों लोग आ गए थेऔर कई लोग बेहोश हो गए थे.
बता दें कि एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री की स्थापना 1961 में हिंदुस्तान पॉलिमर्स के नाम से की गई थी. 1978 में यूबी ग्रुप के मैकडॉवल एंड कंपनी लिमिटेड में हिंदुस्तान पॉलिमर्स का विलय कर लिया गया था और फिर यह एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री हो गई. इससे पहले इस मामले में कंपनी एलजी पॉलिमर्स को लापरवाही का दोषी पाया गया. जांच में सामने आया है कि लापरवाही बरते जाने का यह स्तर था कि फैक्ट्री में चेतावनी देने का सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था. हादसे में देर रात स्टाइरीन गैस लीक होने की वजह से 11 लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोग अस्पताल में भर्ती हो गए थे.
राजीव मिश्रा की रिपोर्ट


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