अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्य समिति सदस्य सूरज सिंह ने कहा कि निर्भया गैंगरेप और मर्डर के चारों दोषी मुकेश,अक्षय,विनय और पवन को अलसुबह फांसी दे दी गई हम सभी देशवासी इसका तहें दिल से स्वागत करे है आज सात साल से ज्यादा लंबे समय के बाद आखिरकर निर्भया को इंसाफ मिल गया.कोर्ट की तरफ से मौत की सजा सुनाए जाने के बाद फांसी के लिए कई तारीखें तय हुईं थी लेकिन दोषी कोई न कोई तिकड़म अपनाकर बच ही जाते थे.हमारी कानुनी प्रकिया का लाभ उठा कर ये दोषी लम्बे समय तक फाँसी से बचते आ रहे थे।लेकिन आखिर सत्य का जीत हुआ।23 वर्षीय पीड़िता को ‘‘निर्भया'' नाम दिया गया था जो फिजियोथैरेपी की होनहार छात्रा थी.चारों दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया साथ ही दोषीयों के वकील ने लम्बे समय तक इस मामले की सुनवाई करते रहे जो कि निन्दनीय है।सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के इस मामले के इन दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई जो कि यह देश कि जनता के लिए दुर्भाग्य थाअंत: आज सुबह चारों दोषियों को फांसी दे दी गई.आखिरी पैंतरा चलते हुए एक दोषी ने दिल्ली उच्च न्यायालय और फांसी से कुछ घंटे पहले उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.फांसी से कुछ घंटों पहले पवन कुमार गुप्ता ने राष्ट्रपति द्वारा दूसरी दया याचिका खारिज किए जाने को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया.उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने उसकी याचिका खारिज करते हुए फांसी का रास्ता साफ कर दिया,इस फैसले के बाद देश के तमाम जनता में खुशी की लहर देखी गई.
सात साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अपनी निर्भया को आखिरकार न्याय मिलने से राहत महसूस हो रहा है सूरज सिंह ने कहा कि वे ‘‘भारत की बेटियों के लिए अपनी लड़ाई'' जारी रखेंगे.‘‘देश की सभी बेटियों को आखिरकार न्याय मिला,भारत की बेटियों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.न्याय में देरी हुई लेकिन न्याय मिला.उन्होंने कहा कि दोषियों की फांसी के बाद अब महिलाएं निश्चित तौर पर सुरक्षित महसूस करेंगी पूरा देश जाग रहा था और न्याय का इंतजार कर रहा था.तिहाड़ जेल के बाहर शुक्रवार तड़के ही सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए उनके हाथों में राष्ट्रध्वज था और वे ‘अमर रहो निर्भया' और ‘भारत माता की जय' के नारे लगा रहे थे.जैसे ही फांसी हुई तो देश में खुशी की लहर दौड़ पड़ी.
हम भारत सरकार से माँग करते है कि रेफ जैसे गम्भीर मामलें में कडी कानून बना कर दोषियों को 1 महीने के अन्दर फांसी की सजा का प्रावधान लाना होगा,साथ ही बेटियों कि सुरक्षा के लिए गम्भीरता से चिन्तन कर सुरक्षा कि गारन्टी लेनी होगी।आज एक निर्भया को न्याय मिला है लेकिन अभी कई निर्भया को और न्याय की जरूरत है जो भी लम्बित रेफ कि मामले है उसकी जल्द सुनवाई कर दोषियों को फांसी दे देनी चाहिए।
सूरज सिंह
बिहार प्रदेश कार्य समिति सदस्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद


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