गया समाहरणालय सभाकक्ष गया में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में विभागीय प्रगति की सप्ताहिक समीक्षा की गई है । इस बैठक में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के संबंध में हाल ही में मुख्यालय पटना द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में सभी पीजीआरओ को निर्देश दिया गया है कि अब लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के मामले में अंतिम निष्पादन अनिवार्य होगा और यह 60 दिनों के अंदर 2-3 सुनवाई तिथी के अंदर करना होगा एवं अब लोक प्राधिकार के विरुद्ध दंड अधिरोपित करने को कार्रवाई नहीं समझा जाएगा और गौरतलब है कि गया के 250 लोक प्राधिकार के विरुद्ध दंड आरोपित किया गया है और अधीरोपित जुर्माना की वसूली भी की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया गया कि अगर मामले का निष्पादन करने में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की भूमिका असंतोषजनक पाई जाती है तो उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। लोक शिकायत निवारण में आवेदनों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इससे स्पष्ट है कि लोगों में इसके प्रति काफी जागरूकता आई है। अंचलाधिकारी नगर के संबंध में बताया गया कि लोक शिकायत निवारण की सुनवाई में कभी भी उपस्थित नहीं रहते हैं, उनके विरुद्ध कई कार्रवाई भी की जा चुकी है। समीक्षा के क्रम में बताया गया कि अनुमंडल स्तर पर लोक शिकायत की सुनवाई की गति धीमी है। इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि विशेष केंद्रीय सहायता योजना अंतर्गत उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में आयोजित शिविर में भी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की उपस्थिति नगण्य पाई जाती है। उन्होंने प्रत्येक शुक्रवार को उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में कैंट लगाकर लोग शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत सुनवाई करने का निर्देश सभी अनुमंडल पीजीआरओ को दिया। और कहा कि इसके लिए तालिका पहले से बना ली जाए और उन्होंने प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी को निर्देश दिए कि आगामी शुक्रवार से वह अपने अपने प्रखंड एवं अंचल में जाकर जितनी भी कल्याणकारी योजनाएं चल रही है उनकी प्रगति की समीक्षा करेंगे, जिसमें दाखिल खारिज, समाजिक सुरक्षा पेंशन, लोक शिकायत, शौचालय, सात निश्चय योजना, मनरेगा, जल जीवन हरियाली योजना, आपूर्ति, निर्वाचन शामिल हैं, और द्वितीय पाली में सभी प्रखंड अंतर्गत शाखा के पदाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक करेंगे एवं उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के छूटे हुए लाभुकों का डिजिटाइजेशन कराने के लिए पंचायत वार शिविर का आयोजन करने का निर्देश दिया गया है। जिला पंचायत राज पदाधिकारी को इसके लिए मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार कोई भी लाभुक छूटने न पाए और दूरस्थ पंचायतों में शिविर पहले लगाया जाए एवं प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के अंतर्गत 178885, बिहार राज्य निशक्ता पेंशन योजना के अंतर्गत 36032, इंदिरा गांधी निशक्त पेंशन योजना के अंतर्गत 1676, इंदिरा गांधी विधवा पेंशन योजना के अंतर्गत 14225 एवं लक्ष्मीबाई समाजिक सुरक्षा पेंशन के अंतर्गत 35414 लाभुकों को डीबीटी के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा पेंशन उपलब्ध कराया जा रहा है। नल जल योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सभी 4573 वार्ड पीएचईडी के साथ टैग है। एफ आर यू के संबंध में बताया गया कि फ्लोराइड से गया के 40 गांव प्रभावित हैं। आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा में बताया गया कि 141000 लोगों का गोल्डन कार्ड बन गया है। इसे अप्रैल 2020 तक 3 लाख परिवारों का आच्छादन करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इसके प्रचार प्रसार के लिए स्टैंडी लगवाने का निर्देश दिया गया है। खनन विभाग ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 70% वसूली की गई है। फरवरी के अंत तक शत-प्रतिशत वसूली कर ली जाएगी एवं नीलाम पत्र वाद की समीक्षा के दौरान बताया गया कि अधियाची पदाधिकारी द्वारा इसमें पूर्ण सहयोग नहीं किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि खास करके प्रमादी मिलर एवं वर्क्स डिपार्टमेंट के नीलामपत्र वाद के बड़े-बड़े मामलों का निष्पादन किया जाए है। उन्होंने नीलामपत्र वाद पदाधिकारी को सप्ताह में कम से कम 3 दिन सुनवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। सात निश्चय योजना की समीक्षा के दौरान डीआरसीसी ने बताया कि बस के द्वारा केवाईपी के बच्चों को डीआरसीसी लाया जा रहा है। समीक्षा के दौरान डीआरसीसी की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई। उन्हें प्रगति लाने का निर्देश दिया गया है। शौचालय निर्माण योजना में बताया गया कि जियो टैग्ड लाभुकों का भुगतान किया जा रहा है।जल-जीवन- हरियाली योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि मनरेगा के तहत 7270 जल संरचनाओं में कार्य चल रहा ह



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