एण्डटीवी पर होगा गोलमाल!
संवाददाता - शाहिद आलम
इस हफ्ते, एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अप्रत्याशित घटनाओं का उठाने के लिए तैयार हो जाइए। जहाँ हर मोड़ पर सरप्राइज आपका इंतजार कर रहे हैं, लेकिन एक बात निश्चित है और वह है आपको मिलने वाला भरपूर मनोरंजन।
हप्पू की उलटन पलटन
कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) के भाई, अतबीर मामा, हप्पू (योगेश त्रिपाठी) के प्रोमाशन, जिसकी उम्मीद लंबे समय से की जा रही है, में मदद के लिए अपने गुरुजी को भेजते हैं। लेकिन गुरुजी कहते हैं कि आजकल प्रोमोशन ऐसे नहीं होती, खासकर किसी मंत्री की सिफारिश से नहीं। वे एक अजीब तरीका बताते हैं और वह यह कि हप्पू को बिना किसी को कुछ बताये सिर्फ बनियान और अंडरपैंट पहनकर घूमना होगा! हप्पू को गुरुजी की बात पर भरोसा नहीं है और उन्हें गलत साबित करना चाहता है। वह एक बदमाश को पकड़ता है और फिर से अपने प्रोमोशन की बात करता है, लेकिन चैंकाने वाली बात ये है कि वह बदमाश उसी मंत्री का साला निकला जो उसकी मदद करने वाला था। मंत्री गुस्सा होकर हप्पू का डिमोशन कर देता है! अब हप्पू गुरुजी की बात मानकर उनका अजीब तरीका अपनाने का फैसला करता है। इस बीच बच्चे गुरुजी से शिकायत करते हैं कि वे परीक्षा में मुश्किल से पास होते हैं। गुरुजी कहते हैं कि ऋतिक (आर्यन प्रजापति), चमची (ज़ारा वारसी), और रणबीर (सौम्या आज़ाद) अपने पिता को ‘पापा’ न कहें, बल्कि ‘चाची’ कहें! वे सख्ती से कहते हैं कि ‘पापा’ शब्द कभी न बोलें। गुरुजी मालाइका (सोनल पंवार) का भविष्य भी बताते हैं कि जिस लड़के से उसकी शादी होगी, वह अगले दिन उससे टकराएगा। इसी बीच, दो चोर हप्पू के घर चोरी करने की योजना बनाते हैं। हप्पू राजेश (गीतांजलि मिश्रा) के लिए फूल लेने जाता है। चोरों में से एक अंधेरे कमरे में छुप जाता है, और राजेश, हप्पू समझकर, उससे प्यार जताने लगती है और गाना भी गाती है। लेकिन तभी असली हप्पू दरवाजा खटखटाता है। राजेश डरकर चिल्लाती है और पीछे मुड़कर चोर को भागते देखती है। हप्पू जब बनियान और अंडरपैंट पहनकर घूम रहा होता है, तब एक चोर चोरी किया पर्स उसके हाथ में डालकर भाग जाता है। भीड़ हप्पू को चोर समझकर उसे खूब मारती है। कमिश्नर (किशोर भानुशाली) हप्पू को डांटते हुए गुस्से में घर भेज देते हैं। घर पर, अवधेश (उर्मिला शर्मा) के दोस्त और दामाद आते हैं, जो हप्पू को नौकर समझकर बुरा बर्ताव करते हैं। बच्चे भी उसे “चाची” बुलाते रहते हैं, जिससे हप्पू पूरी तरह उलझन में रहता है। बाद में, मालाईका उस लड़के से मिलती है जिससे उसकी शादी होनी है, पर पता चलता है कि वह उसे बहन समझता है। फिर गुरुजी एक खरीदार के साथ आते हैं और सबको जल्दी घर बेचने को कहते हैं। वह चेतावनी देते हैं कि अगर घर नहीं बेचा गया, तो बड़ी परेशानी होगी। वे कहते हैं कि घर बहुत कम दाम में बेचना चाहिए। क्या वे गुरुजी की बात मानेंगे और अपना घर खो देंगे?
भाबीजी घर पर हैं
विभूति (आसिफ़ शेख) एक खोया हुआ पर्स सही मालिक को वापस करता है। उसकी ईमानदारी से प्रभावित होकर वह आदमी उसे अपनी दुकान में पार्टनरशिप का ऑफर देता है। विभूति इसे एक अच्छा मौका समझकर सहमति दे देता है। इसी बीच, अंगूरी (शुभांगी अत्रे) तिवारी (रोहिताश्व गौड़) से कहती है कि वह काम करना चाहती है क्योंकि उसे घर के काम से बोरियत हो गई है। तिवारी शुरू में इसे नजरअंदाज करता है और बाद में गुस्से में उसे डांटता है कि ऐसी बात न करे। दूसरी ओर, सक्सेना (सानंद वर्मा) अनिता (विदिशा श्रीवास्तव) के पास उसके ग्रूमिंग क्लासेस के कानूनी दस्तावेजों पर सिग्नेचर के लिए आता है। वह चेतावनी देता है कि अगर यह मामला नहीं सुलझा तो क्लासेस बंद हो सकती हैं। अनिता परेशान हो जाती है।जब विभूति अपने नए बिजनेस के बारे में अनिता को बताता है, तो वह उसका मज़ाक उड़ाती है, जिससे विभूति को बहुत तकलीफ़ होती है। डेविड चाचा (अनूप उपाध्याय) विभूति और अनिता से गंभीर बातचीत करने की कोशिश करते हैं, लेकिन दोनों उन्हें अनसुना करके चले जाते हैं, जिससे वह भी दुखी हो जाते हैं। विभूति अंगूरी के लिए लड्डू लेकर घर आता है, लेकिन वह परेशान दिखती है। पूछने पर पता चलता है कि तिवारी ने उसे काम करने से मना किया है। बिना देर किए, विभूति उसे अपनी दुकान में चीफ सेल्सगर्ल बना देता है। अगले दिन, अंगूरी विभूति की दुकान में काम करने लगती है। तिवारी यह देख गुस्सा हो जाता है और उसे रोकने की कोशिश करता है, लेकिन अंगूरी नहीं मानती। मायूस होकर तिवारी हप्पू (योगेश त्रिपाठी) को रिश्वत देता है और मदद मांगता है। हप्पू कहता है कि अंगूरी एक घंटे के अंदर घर वापस आ जाएगी। लेकिन जब हप्पू विभूति की दुकान जाता है, तो विभूति उससे बड़ी रिश्वत देता है। हप्पू इसे स्वीकार करता है और कहता है, ‘भाबीजी‘ बालिग हैं, उन्हें अपना फैसला खुद करने का हक़ है। गुस्से में तिवारी अनिता को अपनी दुकान में नौकरी का ऑफर देता है, जिसे अनिता स्वीकार कर लेती है। अगले दिन, ग्राहक विभूति और तिवारी की दुकानों के बीच बंट जाते हैं। इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा से बाकी दुकानदार खुश नहीं हैं। वे दोनों को सबक सिखाने की ठान लेते हैं। शाम को, जब विभूति और तिवारी अपनी दुकानें बंद कर घर जा रहे होते हैं, तो दुकानदार उन्हें रोककर मारपीट करते हैं और धमकी देते हैं कि वे दोनों भाबियों को अपनी दुकानों से हटा दें। घ पर, विभूति और तिवारी अंगूरी और अनिता से नौकरी छोड़ने के लिए कहते हैं। इस पर दोनों गुस्सा जाती हें और कारण जानना चाहती हैं। तब वे बताते हैं कि मार्केट उनके खिलाफ हो गया है और उनका बिजनेस खत्म होने कगार पर है।तभी एक दुकानदार आता है और विभूति से दुकान की चाबियां देने को कहता है।
देखिये ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ रात 10ः30 बजे, सिर्फ एण्डटीवी पर!





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