मवेशी टकराव (Cattle Run Over) की घटनाओं की रोकथाम हेतु पूर्व रेलवे द्वारा जन जागरूकता अभियान
संवाददाता - शाहिद आलम
• रेलवे ट्रैक के पास मवेशी न चरने देने हेतु ग्रामीणों से अपील
Kolkata, May 26, 2025:
सुरक्षित एवं समयबद्ध रेल संचालन सुनिश्चित करने के निरंतर प्रयासों के तहत पूर्व रेलवे ने मवेशी टकराव (CRO) की घटनाओं को रोकने के लिए जन-जागरूकता अभियान को और अधिक सघन किया है। यह घटनाएँ विशेष रूप से उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिंताजनक बनी हुई हैं, जहाँ रेलवे लाइनें खुले खेतों और गाँवों से होकर गुजरती हैं। मवेशी टकराव (CRO) न केवल मवेशियों के लिए जानलेवा होती हैं, बल्कि ट्रेन संचालन में भी गंभीर व्यवधान उत्पन्न करती हैं, जिससे यात्रियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुँचता है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक (19 मई, 2025 तक) पशु कटिंग की 65 घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जबकि गत वर्ष इसी अवधि (1 अप्रैल से 19 मई 2024) में यह संख्या 61 थी। इससे मवेशी टकराव (CRO) की घटनाओं में 6.6% की वृद्धि दर्ज की गई है। यदि ग्रामीणजन अपने मवेशियों को सुरक्षित चारागाह में रखते तो न केवल उनके मवेशी सुरक्षित रहते, बल्कि उनके क्षेत्र में रेलगाड़ियों का संचालन भी सुचारू रूप से हो सकता।
इस समस्या से निपटने के लिए पूर्व रेलवे द्वारा विभिन्न मंडलों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जो विशेष रूप से रेलवे पटरियों के समीप बसे गाँवों को लक्षित कर रहे हैं। इन अभियानों का उद्देश्य ग्रामीणों को ट्रैक पर आवारा मवेशियों की मौजूदगी के खतरों के प्रति जागरूक करना और सुरक्षित पशुपालन की आदतों को प्रोत्साहित करना है।
मालदा मंडल द्वारा हाल ही में अकबरनगर, सुल्तानगंज, बड़हरवा-बाकुडी के मध्य, तीनपहाड़-राजमहल के मध्य, कहलगांव-लैलख ममलखा के मध्य, बाराहाट-हंसडीहा, सुजनीपाड़ा-निमतिता, गनकर-मणिग्राम एवं मंदार हिल-हंसडीहा सेक्शनो के बीच मवेशी टकराव (CRO) संभावित क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन अभियानों में ग्रामीणों को यह बताया गया कि मवेशी टकराव के दुष्परिणाम क्या होते हैं—जैसे पशु जीवन की क्षति, ट्रेनों की आवाजाही में बाधा, यात्रियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा में जोखिम, एवं रेलवे की आर्थिक हानि। पूर्व रेलवे के अन्य मंडल—हावड़ा, सियालदह एवं आसनसोल मंडल द्वारा भी मवेशी टकराव (CRO) की घटनाओं पर नियंत्रण हेतु इसी प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं।
ग्रामीणों को यह भी बताया गया कि रेलवे ट्रैक के पास मवेशियों को खुला छोड़ना रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है। रेलवे अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि एक मवेशी टकराव की घटना कैसे कई ट्रेनों की देरी का कारण बन सकती है, जिससे हजारों यात्रियों एवं मालवाहनों को असुविधा होती है।
इस अभियान के दौरान स्थानीय समुदायों से यह आग्रह किया गया कि वे सुरक्षित एवं घेराबंदी वाले पशुपालन की प्रणाली अपनाएँ, रेलवे ट्रैक के निकट मवेशियों को न चराएँ, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना रेलवे को दें। इन कार्यक्रमों के माध्यम से रेलवे अधिकारियों ने प्रत्यक्ष संवाद, दृश्य प्रस्तुतियाँ एवं भागीदारी के माध्यम से यह संदेश पहुँचाया कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम में समुदाय की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है।
पूर्व रेलवे यात्रियों, रेलवे संपत्ति एवं आस-पास के समुदायों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मवेशी टकराव (CRO) की घटनाओं को कम करने एवं समयबद्ध रेल संचालन सुनिश्चित करने में स्थानीय निवासियों की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।





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