योगेश त्रिपाठी ने दरोगा हप्पू सिंह की जबरदस्त फैन फॉलोइंग पर की बात!

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योगेश त्रिपाठी ने दरोगा हप्पू सिंह की जबरदस्त फैन फॉलोइंग पर की बात!


संवाददाता - शाहिद आलम



योगेश त्रिपाठी ने एण्डटीवी की घरेलू कॉमेडी ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में दरोगा हप्पू सिंह के रूप में दर्शकों का दिल जीता है। अपनी पहचान बताती तोंद, मुड़ी हुई मूंछें, और मशहूर डायलॉग ‘अरे दादा’ के साथ, योगेश ने हप्पू सिंह को प्रशंसकों का फेवरेट बना दिया है। एक काल्पनिक पुलिसवाले का उनका किरदार हर मायने में खास है-अपराधियों को पकड़ने से ज्यादा वह काम टालने में माहिर है और कानून की जिम्मेदारी निभाने के बजाय अपने नौ बच्चों और पारिवारिक ड्रामों को संभालने में व्यस्त रहता है! ऑफ-स्क्रीन, योगेश का व्यक्तित्व हप्पू के किरदार से बिलकुल अलग है, लेकिन ऑन-स्क्रीन वह इतनी सहजता से किरदार निभाते हैं कि फैंस अक्सर सोचने लगते हैं कि क्या वह असल जिंदगी में भी हप्पू जैसे ही हैं। इस इंटरव्यू में योगेश ने इन सवालों और कई दिलचस्प पहलुओं पर खुलकर चर्चा की है। प्रस्तुत है इस बातचीत के प्रमुख अंश: 


हप्पू सिंह, प्रशंसक आपके अनूठे अंदाज को काफी पसंद करते हैं। ऐसी मूंछ को आप शेप में किस तरह रखते हैं?

अरे दादा! इस मूंछ को शायद पुलिस की जीप से भी ज्यादा तेल लगता है (हंसते हैं)! इसे थोड़ा सजाना पड़ता है, स्टाइल दिया जाता है और यह बड़े गर्व का अनुभव देती है। सच कहूं, तो यह एक नकली मूंछ है, जिसे मैं शूटिंग के लिये लगाता हूँ। लेकिन अब चूंकि इसे लगाते-लगाते करीब दस साल हो चुके हैं, तो यह मेरा एक हिस्सा बन गई है।


शो में आपके लिये ज्यादा चुनौती वाली बात क्या है- बदमाशों को पकड़ना या घर पर नौ बच्चे संभालना? 

अगर आप नौ बच्चों को संभाल सकते हैं, तो बदमाशों को पकड़ना आपको बड़ा काम नहीं लगेगा (हंसते हैं)! लेकिन सच कहूं, तो कभी-कभी वह नौ बच्चे किसी गैंगस्टर से भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं! एक दरोगा को पुलिस थाने से ज्यादा धीरज अपने घर में रखना पड़ता है (हंसते हैं)।


क्या हप्पू सिंह पर्दे के पीछे भी एक फूडी है?

बिलकुल! कांजी वडा और समोसा मेरे दिल और पेट में एक खास जगह रखते हैं! मुझे खाना-पीना उतना ही पसंद है, जितना हप्पू को। अगर आप मुझे खुश करना चाहते हैं, तो बस अच्छी-अच्छी चीजें खिलाएं!


क्या हप्पू सिंह की अजीब हरकतों में से कुछ आपकी असल जिन्दगी में भी झलक जाती हैं?

कभी-कभी, हाँ! जब मैं किसी के साथ मोल-भाव करता हूँ, तब लगता है कि यह पल हप्पू का है और मैं उसके स्टाइल में आने से खुद को रोक नहीं पाता हूँ। इतने लंबे वक्त तक हप्पू का किरदार निभाने के बाद उसकी विचित्रताएं स्वाभाविक रूप से मेरे जीवन में भी झलकने लगी हैं!


आपके परफाॅर्मेंस का सबसे बड़ा आलोचक कौन है?

मेरी पत्नी और बेटा! वे शो देखते हैं और मुझे फौरन फीडबैक दे देते हैं। कभी-कभी मेरे बच्चे कहते हैं, ‘‘पापा, वह मजेदार नहीं था’’, और कभी-कभी मेरी पत्नी कह देती है कि मुझे स्क्रीन पर ज्यादा एनर्जी में रहना चाहिये। घर पर भी मैं हमेशा ड्यूटी पर रहता हूँ!


क्या लोग सड़क पर भी आपको हप्पू सिंह के तौर पर पहचानते हैं?

रोजाना! लोग चिल्लाते हैं ‘हप्पू’ और मुझसे कहते हैं कि मैं हप्पू जैसा एक्ट करूं या अपनी मशहूर लाइनें कहूं। कुछ तो मजाक में यह भी पूछते हैं कि मेरे लिये क्या न्यौछावर करें! मुझे यह बहुत पसंद है। लोगों को असल जिन्दगी में हंसाना भी बहुत खुशी देता है!


मतलब हप्पू सिंह की भूमिका ने आपको असल जिन्दगी में भी न्यौछावर या उपहार लेना सिखा दिया है?

अरे नहीं! हप्पू सिंह और मुझे खाना पसंद हो सकता है, लेकिन न्यौछावर सिर्फ उसके लिये है! हालांकि, जब मैं सेट पर रहता हूँ, तब क्रू मुझे जलेबी और समोसा के तौर पर खूब सारी रिश्वत देता है। वे जानते हैं कि हप्पू को (और मुझे) कैसे खुश किया जा सकता है! इसलिये हाँ, मुझे लगता है कि हप्पू का कुछ असर तो मुझ पर हुआ है, कम से कम स्नैक्स के मामले में!


आपने अपने कॅरियर में एक लंबा सफर तय किया है, लेकिन क्या आपको इंडस्ट्री में अपना पहला जाॅब याद है?

मैं अपनी पहली सैलरी के रूप में मिले 600 रूपये कभी नहीं भूल सकता, जो एक थियेटर प्ले से मुझे मिले थे। उस वक्त मुझे एक्टिंग का जुनून ही नहीं था, बल्कि वह मेरी जरूरत भी थी। जिन्दगी मुश्किल थी और हर रूपया मायने रखता था। थियेटर और स्ट्रीट प्ले मेरे लिये सिर्फ रचनात्मकता के साधन नहीं थे, बल्कि आमदनी के महत्वपूर्ण स्रोत भी थे। हो सकता है कि वे 600 रूपये अब ज्यादा न लगें, पर उन्होंने मेरी जरूरतें पूरी कीं और अपना काम जारी रखने के लिये मुझे प्रोत्साहित किया।


हप्पू को उसकी पत्नी राजेश हमेशा डांटती रहती है। घर पर योगेश के साथ क्या होता है?

मेरी असली पत्नी को मुझे उतना डांटने की जरूरत नहीं पड़ती है, जैसा कि शो में राजेश को करना पड़ता है! मैंने काफी पहले समझ लिया था कि अगर मुझे शांति चाहिये, तो अपनी होम मिनिस्टर यानि पत्नी की बात सुननी पड़ेगी! लेकिन हाँ, वह मुझे बिल्कुल दुरुस्त रखती है, ठीक वैसे ही जैसे स्क्रीन पर राजेश हप्पू को रखती है!


‘हप्पू की उलटन पलटन’ के मजेदार कलाकारों के साथ काम करना कैसा लगता है?

बेहतरीन! अब हम एक बड़े से परिवार की तरह हैं। हमारी केमिस्ट्री बहुत अच्छी है और हम हमेशा हंसते रहते हैं। कभी-कभी किसी सीन में हम इतना हंसते हैं कि हमें उस पर दोबारा काम करना पड़ता है! हमारा लगाव और केमिस्ट्री स्क्रीन पर भी दिखती है! 


अंत में, हप्पू सिंह को पसंद करने वाले प्रशंसकों के लिये कोई संदेश?

अरे मेरे प्यारे फैंस, आप सभी के बिना यह दरोगा कुछ नहीं है! हंसते रहिये, मुस्कुराते रहिये और हप्पू सिंह को प्यार करते रहिये। हम आपको खूब हंसाने का वादा करते हैं। इस प्यार के लिये आपका बहुत-बहुत शुक्रिया!


योगेश त्रिपाठी को दरोगा हप्पू सिंह के रूप में देखिये, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में, हर सोमवार से शुक्रवार, रात 10ः00 बजे, सिर्फ एण्डटीवी पर!

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