भव्य ऐतिहासिक कलश शोभा यात्रा बड़े ही धूमधाम के साथ 21000 कलशों के साथ निकाली गई
*झारखंड मिन्हाज आलम
जामताड़ा स्थित मां चंचला मंदिर प्रांगण से मां चंचला एकादश वार्षिक महोत्सव के उपलक्ष में भव्य ऐतिहासिक कलश शोभा यात्रा बड़े ही धूमधाम के साथ 21000 कलशों के साथ निकाली गई ।नगर माता और कुल देवी आदिशक्ति मां चंचला के प्रति असीम आस्था,विश्वास और सैलाब के लिए श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा।मां चंचला वार्षिक महोत्सव समिति अध्यक्ष सह मुख्य यजमान वीरेंद्र मंडल मुख्य कलश लिए हुए आगे आगे चल रहे थे,उसके पीछे पीछे लगभग 21000 से अधिक मां चंचला के प्रति असीम आस्था रखने वाली माताएं बहनें माथे पर कलश लिए हुए बड़े ही उत्साह उमंग के साथ गाजे बाजे और भक्ति गीतों के धुन पर चल रहे थे।हजारों की तादाद में महिलाएं इस कड़कड़ाती ठंड में अलसुबह में ही माताएं बहनें कलश यात्रा में शामिल होने के लिए कतार बद्ध हो गई थी।मां चंचला कलश शोभा यात्रा में इस बार एक से बढ़कर एक मनोरम नृत्य और झांकियां कलश यात्रा का शोभा बढ़ा रही थी,सबसे पहले आदिवासी युवक युवतियां पारंपरिक ढोल नगाड़े से साथ झूमते नाचते चले आ रहे थे,इसके पीछे पीछे वरिष्ठ नागरिक दल झांकी विशेष वेश भूषा माथे में पगड़ी,हाथों में बड़े बड़े ध्वजा पताके लिए चल रहे थे और स्कूल के बच्चे बच्चियों के द्वारा बैंड की प्रस्तुति दी जा रही थी।पूरी यात्रा के दौरान मां चंचला विशेष साज सज्जा से सजी धजी रथ पर सवार होकर चल रही थी, मानों जामताड़ा की कुल देवी साक्षात रथ पर विराजमान हो।पूरे माता के नारों और जयकारों से जामताड़ा का माहौल भक्तिमय हो गया।इस कलश शोभा यात्रा में 21000 माताएं बहनें के साथ लगभग 50000 से अधिक श्रद्धालुगण सम्मिलित हुए। अहले सुबह इस घनी कोहरे के चादर और कड़कड़ाती ठंड में माताएं बहनें सुबह चार बजे से ही कलश लेने के लिए माताएं बहनें श्रद्धालु पंक्ति बद्ध होना शुरू हो गई।सभी बारी बारी से मां चंचला के दरबार में हाजरी लगाती रही और कलश लेकर पुनः कतारबद्ध हो गई।मां चंचला मंदिर प्रांगण से मां चंचला मंदिर चौक काली मंदिर स्टेशन रोड जेबीसी स्कूल वीर कुंवर सिंह चौक होते हुए सुभाष चौक होते हुए कोर्ट मोड़ स्थित हनुमान मंदिर से गांधी मैदान षष्टी तल्ला बाजार रोड होते हुए पुनः मां चंचला मंदिर में कलश स्थापना की गई।इस कलश शोभा यात्रा के दौरान शहर के कई सामाजिक संस्थाओं के द्वारा कलश यात्रा के दौरान पुष्प वर्षा की जा रही थी,बड़ा ही अनुपम और अद्भुत पुष्प वर्षा का दृश्य देखने को मिला।कई जगह शहर के लोगों के द्वारा स्टॉल लगाकर पानी शरबत की व्यवस्था की गई थी और प्रबुधजन भी सेवा कार्य में लगे हुए थे।इस दौरान तकरीबन 7 किलोमीटर लंबी कतार लग गई और सुबह 4 बजे से दोपहर 2 बजे तक पूरा जामताड़ा शहर श्रद्धालुओं के भीड़ से पटा रहा।तकरीबन आठ घंटे तक पूरा शहर मानों माता की श्रद्धा और स्वागत नमन के लिए ठहर कर इंतजार करता रहा।जगह जगह चौक चौराहे पर चंचला महोत्सव के स्वयं सेवक भक्तों को रास्ता बताते और सेवा करते नजर आए।जगह जगह पर महोत्सव समिति की ओर से एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी और शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर अपनी मेडिकल टीम के साथ कैंप लगाकर मेडिकल सुविधा के लिए बैठे हुए थे।सभी जगहों पर जिला प्रशासन की ओर से पुलिस बल की तैनाती थी ।महोत्सव समिति अध्यक्ष वीरेंद्र मंडल ने अपने संबोधन में कहा की माता की कृपा से और जामताड़ा के हर जाति वर्ग समुदाय ,शिक्षण संस्थाएं,सामाजिक संस्थाएं , व्यवसाई वर्ग,प्रबुद्ध जनों और समस्त जामताड़ा जिले वासियों और महोत्सव समिति सदस्यों और स्वयंसेवकों के सहयोग से मां चंचला एकादश वार्षिक महोत्सव के शुभ उपलक्ष पर आयोजित कलश शोभा यात्रा ऐतिहासिक ही नहीं बल्कि महाऐतिहासिक रहा।एकादश मां चंचला महा ऐतिहासिक कलश शोभा यात्रा का ऐसा अद्भुत नजारा मनोरम दृश्य ,झांकियां अविश्वसनीय रूप हम सबों के सोच से परे अकल्पनीय ,21000 से अधिक माताओं बहनों के साथ 50000 के लगभग भक्तजन कलश शोभा यात्रा में सम्मिलित रहे।आज से यह एकादश मां चंचला कलश शोभा यात्रा की पूरे झारखंड के सबसे बड़ी लंबी देर तक चलने वाली कलश शोभा यात्रा के रूप में जानी जाएगी।इतनी कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद मां की कृपा ऐसी की इस कलश शोभा यात्रा ने इतिहास रच दिया। जगत जननी मां चंचला की पावन धरती में आज ऐसा भक्तिमय माहौल लग रहा था मानो समस्त देवी देवता आज हमारी धरती पर विराजमान होकर हम सब भक्तजनों को आशीर्वाद दे रहे हैं।मौके पर मुख्य रूप से असंख्य संख्या में माताएं बहनें और श्रद्धालुगण कलश शोभा यात्रा में सम्मिलित रहे।


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