भागलपुर बिहार
शैलेन्द्र कुमार गुप्ता
भागलपुर में दो भ्रष्ट इंजीनियरों की कहानी, काली कमाई से बने करोड़पति
अचानक बन बैठे धनकुबेर
भागलपुर बिहार ,में भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मियों पर आए दिन कारवाई होती रहती है। दो से तीन महीने के अंतराल पर भागलपुर में दो अभियंताओं के ठिकानों पर छापे पड़े हाल में ही भागलपुर में एक कार्यपालक अभियंता विजिलेंस को रडार पर डचड़े और कई जिलों में एकसाथ ताबड़तोड़ खपेमारी की गयी। इस दौरान मूल्य के नकद व जेवरात सहित करोड़ों की जमीन के कागजात बरामद किए गए बांका के विद्युत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के दानापुर (पटना), खुलासे हुए इंजीनियर ने जिस तरह काली कमाई से संपत्ति बनायी थी, उसे देखकर सब हैरान रह गए। वहीं बात में भी एक अभियंता के ठिकानों पर सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर के ठिकानों पर रेड हुआ था। विजिलेंस छापेमारी में अधिक कैश बरामद हुए थे इसके साथ ही सोने-चांदी के जेवरात और जमीन वगैरह के कागजात बरामद किए गए थे। बांका में बिजली विभाग के इंजीनियर ने बनावी अकूत संपत्ति
बांका के विद्युत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता विजिलेंस के रडार पर चढ़ गये। दानापुर (पटना), पूर्णिया, भागलपुर और बांका में इंजीनियर के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गयी। संजीव कुमार गुप्ता काफी सालों तक भागलपुर में असिस्टेंट इंजीनियर व एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर रहे। छापेमारी में जो खुलासे हुए, उससे लोग व इंजीनियर के सहकमी तक दंग रह गए। कार्यपालक अभियंता ने आठ साल में आय से चार गुनी अधिक संपत्ति बना ली थी। एसवीयू ने 40 लाख रुपए नकद समेत चार करोड़ के नौ भूखंडों की जानकारी खंगाल ली।
पूर्णिया, भागलपुर और बांका के बांका के विद्युत कार्यपालक अभियंता उन्होंने भागलपुर में घर बनाया घर रहकर पढ़ाई पूरी की थी। वर्ष स्थित निजी मकान में छापेमारी की संजीव कुमार गुप्ता के दानापुर (पटना), पूर्णिया, भागलपुर और बांका के ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की छापेमारी से भागलपुर के बिजली इंजीनियरों में हड़कंप मची रही। उनके काली कमाई की करें तो जुलाई महीने पिता पूर्णिया स्थित पैतृक घर में रहते हैं। कागजात और निवेश के कागजात कार्यपालक अभियंता के पद पर कार्य टीम को छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये पिता किराना का दुकान चलाते थे छापेमारी हुई थी। पूल निर्माण निगम के दरअसल, अभियंता संजीव कुमार गुप्ता ससुराल से ही एक चमचमाती नवी फ्रेंचाइजी व्यवस्था खत्म होने के साथ जमीन संबंधित कागजात भी मिले काफी सालों तक भागलपुर में असिस्टेंट इंजीनियर व एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के
ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने हाल में छापेमारी की तो दंग करने वाले एक स्कूटी भी बरामद की गयी। अभियंता के पास से डेढ़ करोड़ रुपए से पद पर रहे थे। इस कारण यहां के भागलपुर में ही बिजली एसडीओ से हुआ था। यहां उन्होंने बतौर असिस्टेंट इंजीनियर व उनकी पत्नी के नाम पर है। यहां रहते हुए ही उनकी शादी हुई और अभियंता के ससुराल से करीब 27.5 लाख रुपये नकद, लाखों रुपये के आभूषण, आधा दर्जन प्रोपर्टी के लग्जरी कार, एक मोटरसाइकिल और घर से करोड़ों कैश व जेवरात मिले इससे पहले जुलाई महीने में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड, भागलपुर के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर सह पथ निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालक अभियंता श्रीकांत शर्मा के घर पर छापेमारी की गयी थी। विजिलेंस विभाग की टीम ने जब अभियंता के जोगसर थाना क्षेत्र के आदमपुर हनुमान नगर गृहप्रवेश में कर्मचारी से लेकर 2012 ई में उनकी नौकरी लगी आठ थी, तो तीन ट्रॉली बैग में बंद करीब 98 अधिकारी तक शामिल हुए थे। वर्ष पूर्व संजीव कुमार गुप्ता बिजली लाख रुपये नकद, दो ट्रॉली बैग भर कर सोना और चांदी के जेवरात मिले थे, जिनकी मूल्य करीब साढ़े 67 लाख रुपये बतायी गयी थी। इसके अलावा बरामद किये गये। इसके अलावा कर रहे थे। भागलपुर में बिजली की मूल्य के बिहार और दूसरे राज्यों के थे. बिहार और दूसरे राज्यों के जमीन संबंधित कागजात भी मिले थे, जो
भागलपुर में इंजीनियर के घर छापेमारी
अधिकारी उन्हें करीब से जान रहे हैं। एग्जीक्यूटिव में हुई थी पदोन्नति
अभियंता ने मधेपुरा स्थित नाना-नानी के विभाग में कनीय अभियंता के रूप में योगदान दिया था। इसके बाद एसडीओ बने कुछ वर्ष पूर्व प्रोन्नति के बाद संजीव कुमार गुप्ता का ट्रांसफर तिलकामांझी विद्युत सब डिवीजन में
इंजीनियर के रूप में योगदान दिया था। कुछ महीनों के बाद ही उनका प्रोन्नति कार्यपालक अभियंता में हुई और उन्हें विद्युत डिवीजन, भागलपुर (पूर्वी) की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। यहां भी वह करीब तीन साल तक मोजाहिदपुर बिजली ऑफिस में रहे। वहाँ से स्थानांतरण के बाद उनको बांका भेजा गया था। वहां उन्हें सप्लाई के साथ प्रोजेक्ट का भी प्रभार मिला हुआ था। पुल निर्माण विभाग के इंजीनियर केका भी यही हाल था।


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