छात्र-छात्राओं ने सीखे रेशम कीट पालन से लेकर वस्त्र बनाने के गुर
दुमका। आदित्य नारायण महाविद्यालय दुमका के "जंतु
विज्ञान" के छात्र-छात्राओं ने बुधवार को दुमका स्थित क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र व आत्मा के परिसर में प्रशिक्षण प्राप्त किया। रेशम वैज्ञानिक डॉक्टर शांताकार गिरि ने विभिन्न स्तरों पर रेशम कीट विकसित होने के बारे में उन्हें विस्तृत जानकारी दी। कैसे रेशम कीटों का पालन किया जाता है, कैसे उन्हें विकसित किया जाता है और कैसे उनसे रेशम के धागे निकालकर वस्त्र तैयार किए जाते हैं, इनके बारे में उन्होंने सुरुचिपूर्ण ढंग से जानकारी दीं। कृषि वैज्ञानिकों ने मधुमक्खी पालन और स्वायल टेस्टिंग का प्रशिक्षण दिया। आत्मा कार्यालय में छात्र-छात्राओं को पेस्ट मैनेजमेंट के तरीके प्रत्यक्षण द्वारा बताए।
प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिंह के निर्देश पर कालेज के जंतु विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ रवि उल इस्लाम के मार्गदर्शन में 80 छात्र-छात्राएं परिभ्रमण पर थे। डॉ रवि उल ने बताया कि आदित्य नारायण महाविद्यालय की ओर से अक्सर छात्र-छात्राओं को परिभ्रमण पर ले जाया जाता है, ताकि उनका कौशल विकास हो। परिभ्रमण से लौटे छात्र-छात्राएं काफी उत्साहित थे। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों से उन्हें बहुत ही उपयोगी जानकारियां हासिल हुईं।


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