आखिरकार डिमांड को लेकर पति ने पत्नी को फतवा के साथ दिया तीन तलाक
बांका - (धोरैया) थाना - धनकुंड, ग्राम पंचायत मकैता साकिन बबूरा सबरून 29 वर्ष पति नसरुल पिता मोहम्मद इलियास की पुत्री को दो लाख रुपैया न देने पर एक 3 साल की बच्ची के साथ फतवा वाली कागज के साथ तीन तलाक देकर घर से धक्का देकर भगा दिया और अपनी दूसरी शादी के लिए भी फरमान जारी कर दिया।
पीड़िता सबरुन की शादी बहुत ही धूमधाम से अपने हैसियत के मुताबिक तोहफे के तौर पर लाखों रुपए का सारो सामान बेटी की खुशी के लिए पिता ने दिया जबकि मुस्लिम रीति रिवाज के मुताबिक 26 जुलाई 2017 पति नसरुल उम्र 35 वर्ष पिता स्वर्गीय साकिर पता-ढाईहरना बुजुर्ग हरना थाना- नवादा जिला बांका में हुई थी और ससुराल वाले पति के साथ मिलकर अपने डिमांड को लेकर पीड़िता को जीवन भर के लिए मां और बच्ची को फुर्सत दे आजाद कर दिया।
पति और ससुराल वाले पीड़िता को तरह तरह का इल्जाम लगाकर मानसिक शारीरिक एवं आर्थिक प्रताड़ना करना कोई मामूली बात नहीं थी इस संबंध में दर्जनों पंचायत की गई लेकिन गरीब मजबूर पीड़िता का सुन्ने वाला कौन है
पीड़िता थक हार कर अपनी समस्या को लेकर पंचायत, थाना, महिला थाना, डीआईजी, एसपी के पास अपने इंसाफ के लिए आवेदन ससुराल वाले के विरुद्ध मैसूर मकसूद नंदोषी आजम देवरा असरार गोतनी बीबी तनुजा चचिया ससुर मोहम्मद जाकिर सास रसीना के संबंध में लिखित आवेदन दे चुकी है
जब के पति के परिवार वालों के पैरवी पैगाम को लेकर प्रशासन भी कमजोर पड़ गई है और अब तक कोई इंसाफ नहीं मिला
इस महंगाई के दौर में अपना भरण-पोषण देखें या बच्ची के भरण-पोषण को दाने दाने के लिए मोहताज हो रही है पर इंसाफ कोसों दूर चला गया है
जानबूझकर इन्हें तलाक दिया है पीड़िता का कहना है तलाक का मुझे कोई जानकारी नहीं और ना ही उनके माता-पिता को है सवाल ये उठता है की जब इन्हें तलाक 22 माह पहले दे चुका था किस रिश्ते के मुताबिक पति उसके साथ इसका इज्जत लूटता रहा पति द्वारा जो नीच हरकत किया है मुस्लिम विवाह तलाक अधिनियम के तहत पति एवं उनके परिवार वालों के विरुद्ध केस दर्ज होनी चाहिए थी और जेल के सलाखों में डाल देना चाहिए था.


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