"रामायण की चौपाईयों " में सदैव ज़िन्दा रहेंगे मुकेश : डा. ध्रुव कुमार
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सदी के महान गायक मुकेश चंद्र माथुर
आज भी सर्वप्रिय : डा.राज कु.नाहर
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दर्द-गायकी के शहंशाह थे मुकेश :अनिल रश्मि .
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पटना सिटी । सम्पूर्ण रामायण में अपनी आवाज़ देकर मुकेश साहेब
अमर हो गए । उन्होनें इतना कर्णप्रिय
आवाज़ में रामायण की चौपाईयों को
गाया .. वो सीधे आत्मा में उतरती है ।
उनका शरीर तो पंचतत्व में समाहित
हो गया ,लेकिन वो "रामायण की चौपाईयों " में सदैव अमर रहेंगे । ये
बातें आज ( वर्चुअल ) मानस पथ स्थित स्वराँजलि सभागार में मुकेश
साहेब के जन्मदिन पर आयोजित
कार्यक्रम में ,कार्यक्रम की अध्यक्षता
करते हुए संगीत मर्मज्ञ डा.ध्रुव कुमार
नें कही ।
दूरदर्शन निदेशक (हिसार ) डा. राज कुमार नाहर नें कहा दो सदी के महान
गायक आज भी सभी उम्र के लोगों के
बीच सर्वप्रिय हैं। उनकी आवाज क़ा
जादू सर चढ़कर बोलता है।
दर्द-गायकी के शहंशाह थे मुकेश ।
उनकी आवाज़ में जो दर्द था ,वो
दर्द औरों में नहीं दिखा । दर्द भरे
आवाज़ के वो शहंशाह थे ,अनिल रश्मि नें कहा ।
.... सजनवा बैरी हो गए हमार इस गाने में अतीव दर्द क़ा अहसास किया
जा सकता है ।
** मुकेश साहेब पर पुष्पांजलि व
केक काटने के बाद गाने क़ा दौड़
(वर्चुअल ) चला .
संगीतमय स्वराँजलि अर्पित की गई ...
वरीय गायक शिवू शर्मा नें .....
1. भूले से मोहब्बत कर बैठा ...
चाँद सी मेहबूबा हो मेरी ...
2. संगीतकार पप्पू गुप्ता नें ...
तेरी याद दिल से भुलाने चला ....
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...
3. आलोक चौबे नें .....
डम डम डिगा डिगा ......
तुम अगर मुझको ना चाहो ...
4. अनिल रश्मि ....
हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों ..
मैं तो हर मोड़ पर तुझको ....
गाकर मुकेश साहेब की याद ताजा
कर दी ।
** सभी वरीय गायकों नें राज्य सरकार से पटना के हृदय स्थल
पर मुकेश साहेब की आदम कद
प्रतिमा स्थापित करने की पुरानी
माँग को फिर से दोहराया है।
मौके़ पर राजा पुट्टु , रोहन कुमार ,
नितिन कुमार वर्मा , अभिनेता जितेंद्र
कुमार पाल ,डा. शीला कुमारी ,सुनीता
रानी मौजूद थीं ।


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