" पीड़ित मानवता की सेवा ही सच्चा
धर्म है ।" : डा. राज कुमार नाहर
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कुष्ठ रोगियों से प्यार करें , उन्हें कुष्ठ
रोगी कहकर संबोधित ना करें । वो
भी हमारे परिवार का हिस्सा हैं। ये
रोग लाईलाज अब नहीं है। इनका सम्मान करें । डा. सच्चिदानंद सिंह साथी सच में "कुष्ठ रोगी - प्रहरी " थे
उन्होनें संपूर्ण जीवन शिक्षोथान के साथ ही कुष्ठ रोगियों की सेवा में बिता
दी . होली पर्व के अवसर पर उन्हें पुआ ,पुरी देना , गालों पर गुलाल लगाना , उनके जख़्म पर मरहमपट्टी
करना इस बात का प्रमाण है कि वास्तव में डा . साथी सामाजिक व
सांस्कृतिक प्रहरी थे ये बातें आज
कुष्ठ नियंत्रण इकाई , गुलज़ार बाग़,
पटना 7 के सभागार में डा. साथी जी
** की प्रथम पुण्य स्मृति ** दिवस पर
स्वराँजलि द्वारा आयोजित श्रधांजलि
सभा में कही ।
महासचिव डा. ध्रुव कुमार नें डा . साथी को सदी का सच्चा संत ,कुष्ठ सेवक व महान शिक्षाविद बताया .
उन्होनें कहा सच्चे अर्थो में सिर्फ़
वो नव समाज के निर्माता ही नहीं
थे बल्कि विद्यार्थिओं के निर्माता थे,
"युवाओं के हमकदम " साथी थे।
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कुष्ठ रोगी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा . पीयूष कुमार ,
डा . सुनीति सिन्हा नें समवेत
स्वर में डा. साथी को महान चिंतक
लोकशिक्षक की संज्ञा दी।
कुष्ठ रोग पर्यवेक्षक व कुष्ठ सेवक
मोहम्मद अली जो 35 वर्षों से कुष्ठ
रोगियों की सेवा कर रहें हैं ,नें कहा
सेवा - भाव मैनें बचपन से डा. साथी
से सीखा और कुष्ठ रोग की पहचान
व निदान पर विस्तार से चर्चा की .
डा. साथी के आत्मीय मित्र व लघुकथाकार अहमद रज़ा हाशमी नें
आचार्य साथी को "सर्व धर्म प्रहरी "
व इंसानियत का मसीहा कहा । साथ ही इन्होनें कहा की वो युगपुरुष थे ,ऐसा संत सदियों में एकबार ही
धरती पर अवतरित होते हैं। हम सभी
उन्हें नमन करते हैं।
** दूरभाष पर डा . साथी की पत्नी
डा. किरण सिन्हा , पारिजात सौरभ
पीक्की , मोनी , सोनी सहित पुरे परिवार नें समवेत स्वर में कहा डा.
साथी एक अच्छे पिता , पति के साथ
ही बहुत ईमानदार " लोकसेवक " थे.
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** इस पुनीत अवसर पर कुष्ठ रोगियों
भोजन कराने के साथ ही उन्हें एक थाली , गिलास उन्हें दानस्वरूप भेंट
दिया गया ।
** प्रारंभ में उनके तैल चित्र पर
"प्रेम - पुष्प श्रधालूओ नें अर्पित
किया । संयोजक अनिल रश्मि
नें " रघुपति राघव रजा राम गाकर
व डा . साथी पर लिखी उनकी पुत्री
प्रिया कमल रचित कविता : " मेरे पिता " .....का पाठ किया .
धन्यवाद ज्ञापन :आलोक चोपड़ा नें
किया ,मंच संचालन अनिल रश्मि नें
मौके़ पर प्रोफेसर बाला लखेंद्र , प्रोफेसर डा . सूर्य प्रताप , शिवू शर्मा ,
ओम प्रकाश चौबे , डा. करुणा निधि , डा. दिलिप कुमार , रोहन ,अभिषेक ,
प्रिंस , डा. शीला कुमारी ,सुनीता रानी , नेक आलम नें भी उनके प्रति श्रधांजलि अर्पित की . कार्यक्रम का
समापन सर्वधर्म प्रार्थना से हुआ ।


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