बाँका। दक्षिणी बिहार का सबसे बड़ा मेला बाँका जिला के बौंसी प्रखंड मुख्यालय के समीप मधुसूदन भगवान मंदिर और समुद्र मंथन में मथनी के रूप में काम करने वाले मंदार पर्वत के तरायी में स्थित पापहरणी के समीप लगता है। यहां लाखों की संख्या में बंगाल, उड़ीसा,झारखंड और बिहार आदि के धरमांवलंवी आते हैं और पुरे नियम-निष्ठा के साथ पूजा -पाठ करते हैं। वैसे वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर प्रशासन द्वारा मेला पर रोक लगा दी गयी है। इसलिए बौंसी मेला में सर्कस, थिएटर या मनोरंजन के लिए आने वाले तारा माची आदि भी नजर नहीं आ रहा है। हाँ खिलौने, लकड़ी के फर्नीचर, चकला-बेलना, दलघटनी, बच्चों के लिए तीन पहिया गाड़ी आदि लोहे का बना गड़ासा, टेंगारी, हंसुआ, छोलनी, कलछुल, ताबा, कढ़ाई आदि की दुकानें जरूर खुले हैं। लेकिन वो भीड़ नदारद है जो भीड़ प्रत्येक वर्ष जुटा करता था।
हाँ मंदार पर्वत के तरायी में पापहरणी सरोवर के समीप हजारों की संख्या में सफा धर्मावलंवियों की भीड़ देखी जा सकती है, जो बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, बिहार आदि के विभिन्न क्षेत्रों से एक दिन पहले ही आ जाते हैं और बहुत ही नियम-निष्ठा के साथ पूजा -पाठ करते हैं। कड़ाके की ठंड भी उनके आस्था को डिगा नहीं पाता है। वैसे प्रशासन के द्वारा सफा धर्मावलम्बियों के लिए बेहतर व्यवस्था किया गया है। टेंट, सामिआना, दरी आदि का तो व्यवस्था किया ही गया है, सुरक्षा का भी बेहतर इंतजाम किया गया है। आज भी कयी प्रशासनिक पदाधिकारी अपने-अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए नजर आ रहे थे। * के पी चौहान, बाँका।

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