*कानपुर बिग ब्रेकिंग......*
*कानपुर कवरेज करने गए पत्रकार पर हुआ हमला।*
*सूबे के मुखिया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पत्रकारों के प्रति बताए गए सारे दावे फेल,उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन की कमान राजनीतिक दबंगों एवं माफियाओं के हाथ में*
*पत्रकार पर हुआ जानलेवा हमला पुलिस प्रशासन एवं क्षेत्रीय नेता बना रहे दबाव,पनकी पुलिस ने आत्मघाती जानलेवा हमले को बताया एक्सीडेंटल*
थाना पनकी के अंतर्गत कपली हाईवे मोड़ पर अज्ञात छह हमलावरों ने किया पत्रकार पर आत्मघाती जानलेवा हमला।
पत्रकार लगातार अनेकों खुलासे करते हुए क्षेत्रीय दबंगों एवं भू माफियाओं की चला रहा था खबर।
अभी कुछ दिनों पहले सत्य खबर चलाने के एवज में क्षेत्रीय राजनीतिक एवं दबंगों के द्वारा पत्रकार को दी गई थी जान से मारने की की धमकी एवं गाली गलौज जिसका ऑडियो पत्रकार के पास है मौजूद
आखिर क्यों पनकी पुलिस को ऑडियो एवं जानलेवा आत्मघाती हमले को देखते हुए निष्पक्ष जांच नहीं की गई क्यों पनकी पुलिस सत्ता पक्ष के राजनीतिक नेताओं दबंगों के दबाव में है तो फिर पत्रकार और आम जनता कैसे रहेगी सुरक्षित
हमला से पहले पत्रकार को कई बार दी जा चुकी है जान से मारने की धमकी।
क्षेत्रीय बीजेपी के पार्षद गण बना रहे हैं पत्रकार पर दबाव।
भारत ए टू जेड न्यूज़ चैनल के पत्रकार श्याम दुबे पर हुआ जानलेवा हमला।
पत्रकार कवरेज के लिए जा रहा था भोति हाईवे।
तभी पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने अकेला पाकर किया जानलेवा हमला।
राहगीरों एवं स्वयं की सूझबूझ से बचाई पत्रकार ने अपनी जान।
आखिर कब तक कुछ क्षेत्रीय नेताओं दबंगों के इशारे पर चलेगा कानपुर पुलिस प्रशासन और क्षेत्र में आए दिन होता रहेगा अपराध।
पत्रकारों पर हमला होने की वारदातें क्यों नहीं हो रही कम।
उत्तर प्रदेश सरकार अनेकों वादे कर रही पत्रकारों के हित में लेकिन क्या यह सिर्फ एक छलावा है। सच दिखाने के एवज में कब तक जान गावाएंगे पत्रकार।
प्रशासन क्यों नहीं कर रहा पत्रकारों पर हमला करने वालों पर कठोर कार्रवाई।
क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलने वालों का मुंह बंद कराने का यही एक तरीका बचा है।
2 दिन पहले हुए पत्रकार पर जानलेवा हमले पर अभी तक क्यों नहीं हुई कोई उचित कार्रवाई।
पुलिस प्रशासन क्यों बैठा है मौन।
पुलिस प्रशासन से पूछने पर घटना का स्तर ही बदल दिया जाता है।
पुलिस के द्वारा आत्मघाती हमले को एक्सीडेंट का रूप दिखाया जाता है।
आखिर पुलिस का यह रवैया की वजह क्या है।
क्या रुपए के दम पर घटना को बदला जा सकता है या फिर पुलिस पर बना रहे हैं कोई नेता दबाव।
आखिर क्या वजह है जो पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले को एक्सीडेंट दिखाया जा रहा है।
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मामला पनकी थाना क्षेत्र रतनपुर चौकी रतनपुर पनकी*
*इंडियन न्यूज़ नेटवर्क विवेक शुक्ला की रिपोर्ट पनकी कानपुर नगर*


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