टाटा स्टील के क्वार्टर नंबर ‘65’ स्वास्थ्य विभाग के अलावा जिला प्रशासन के लिए भी मुसीबत बन गया है। इस क्वार्टर को खाली कराने को लेकर डीसी सूरज कुमार से लेकर सिविल सर्जन डॉ. आरएन झा तक निर्देश दे चुके हैं लेकिन इसमें रह रहा कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है।
कर्मचारी का नाम है पद्मुन कुमार, जो जिला सर्विलांस विभाग के भंडारपाल है। कोरोना जैसे महामारी में इतने महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए इस तरह की मनमानी को जिला प्रशासन बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। दरअसल, कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला सर्विलांस विभाग ने कुछ ही दूरी पर खाली पड़ी टाटा स्टील के क्वार्टर नंबर 65 को कैंप कार्यालय बनाने का निर्णय लिया था।
सर्विलांस विभाग ने लिया था कैंप कार्यालय बनाने का निर्णय, अचानक कर्मचारी के नाम हुआ आवंटित
कुछ दिनों तक यह कर्यालय ठीक ठाक चला। लेकिन, उसके कुछ ही दिन के बाद पता चला कि यह क्वार्टर अब कार्यालय न रहकर पद्मुन कुमार के नाम से आवंटित हो चुका है। जिसका विरोध भी हुआ। लेकिन, उनकी बातों को नहीं सुुना गया। नतीजा हुआ कि कैंप कार्यालय बंद हो गया। अब जिला सर्विलांस विभाग में खूब भीड़ उमड़ रही है। रोजाना सैकड़ों लोग जांच कराने से लेकर रिपोर्ट लेने पहुंच रहे हैं। यहां सिर्फ दो ही कमरा है जिसमें पदाधिकारी, चिकित्सक, टेक्नीशियन व आने वाले संदिग्ध लोगों से खचाखच भरा रहता है। ऐसे में महामारी से निपटने की प्लानिंग क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
राजीव मिश्रा की रिपोर्ट


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