आदित्यपुर में ड्रग्स का धंधा काफी जोरो से फल फूल रहा है और यह पूरे झारखंड में एक अलग पहचान बनाते जा रहा है। औऱ सबसे आश्चर्य की बात ये है कि ये सारे धंधे आदित्यपुर थाने के नाक के नीचे हो रहे है पर पुलिस प्रशासन का इस ओर कोई भी ध्यान नही है। आदित्यपुर की जिस बस्ती में यह धंधा जोरो से चल रहा है वह आदित्यपुर थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर है। पुलिस सबकुछ जान कर भी अनजान बनी हुई है। कई बड़े सफेदपोश इसके नियमित ग्राहक भी है जिस कारण इस धंधे को संरक्षण भी मिल रहा है। एक समय था जब धतकीडीह और जुगसलाई से ड्रग्स की सप्लाई होती थी परंतु अब आदित्यपुर इसका गढ़ बन चुका है। आदित्यपुर थाने के पास मुस्लिम बस्ती से इसका संचालन होता है।
कोर्ड वर्ड में होता है धंधा
यह पूरा धंधा का संचालन कोर्ड वर्ड के ज़रिए होता है। यदि आपको ब्राउन शुगर चाहिए तो आपको बीएस बोलना है यदि भांग चाहिये तो गोला और यदि गांजा खरीद रहे है तो आपको धुंआ बोलना होगा। यहाँ नशीले पदार्थों की बिक्री से लेकर उसके सेवन तक के लिए जगह भी उपलब्ध करवाई जाती है। चूंकि कई सफेदपोश और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण पौलुस द्वारा भी इनके खिलाफ न कोई शिकायत ली जाती है और न ही कोई कार्यवाही की जाती है।
जमशेदपुर से राजीव कुमार मिश्रा की रिपोर्ट


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