●आपातकाल के खिलाफ लोकतंत्र,संविधान और मजदूर अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष का आह्वान।
● ऐक्टू का न्याय अभियान की समाप्ति।
पटना,26 जून 20
आपातकाल विरोध दिवस पर आपातकाल के खिलाफ संविधान -लोकतंत्र की रक्षा करो, मोदी राज में लोकतांत्रिक अधिकारों ,मजदूर अधिकारों,श्रम क़ानूनों, पर जारी हमले खासकर 44 श्रम कानून को समाप्त कर गुलामी के 4 कोड़ों व भाजपा शाषित राज्य में श्रम कनूनों का निलंबन ,12 घण्टा कार्य आदेश वापस लेने तथा लॉक डाउन जनित कष्टों से मजदूरों को न्याय,सम्मान व अधिकारों की रक्षा को लेकर 10 जून से ऐक्टू का जारी देशव्यापी न्याय अभियान की समाप्ति आज आपातकाल विरोध दिवस पर ऐक्टू -माले का संयुक्त प्रदर्शन के तौर पर हुआ।
आपातकाल विरोध दिवस पर मजदूर अधिकारों की रक्षा करो, निजीकरण आत्मनिर्भरता का नहीं गुलामी का रास्ता है,,प्रवासी,असंगठित, निर्माण सहित सभी मजदूरों को लॉक डाउन जनित कष्टों से न्याय दो, 10 हजार रु लॉक डाउन भत्ता व 6 माह तक मुफ्त राशन दो,मृतक प्रवासी मजदूर के परिजनों को 20 लाख मुआवजा व घर लौटे प्रवासी मजदूरों को घर पर काम व यात्रा खर्च का पूरा भुगतान करो,मनरेगा मजदूरों को 500 रु मजदूरी व सालों भर काम दो की मांग पर आज ऐक्टू व भाकपा (माले) ने संयुक्त रूप से पटना के भविष्य निधि कार्यालय के समीप ऐक्टू राज्य कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर आपातकाल विरोध दिवस के तहत ज्मकर नारेबाजी किया।
इस अवसर पर ऐक्टू राज्य महासचिव आरएन ठाकुर,माले नेता अभ्युदय,ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, जितेंद्र कुमार,मुर्तजा अली ,किसान नेता उमेश सिंह ,महासंघ गोप गुट नेता रामबली प्रसाद,इंनौस नेता विनय व पुनीत आदि खास तौर से हिस्सा लिया।
नेताओं ने पूर्व के आपातकाल से आज मोदी राज में अघोषित आपातकाल थोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज ज्यादा घातक आपातकाल देश मे लागू है।नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी राज मे आज तमाम तरह के लोकतंत्रिक अधिकार कुचला व छीना जा रहा है,श्रम कनूनों को समाप्त कर गुलामी का 12 घण्टा कार्य आदेश व निजीकरण को आत्मनिर्भरता के नाम पर थोपा जा रहा है,मीडिया - न्यायलय से लेकर तमाम लोकतांत्रिक संस्था में डर और भय का माहौल कायम कर दिया गया है,नेताओं ने यह भी कहा कि देश के करोड़ों प्रवासी मजदूरों को लॉक डाउन में मरने के लिए बेसहारा छोड़ दिया गया,और लॉक डाउन के दौरान उनके लिये आजादी दौर में बने श्रम कनूनों को मजदूरों से छीना जा रहा है और सीएए आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
नेताओं ने संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिये आंदोलन तेज करने का आह्वान किया।





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