प्रकाश, धीरज गुप्ता
गया में159 वीं वाहिनी, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल "दशकूपसमा वापी, दशवापीसमो हदः। दशहृदसमो पुत्रो,दधपुत्रसमो दुम।।" अर्थात एक जलकुंख दस कुएँ के समान है। एक तालाब दरा जलकुंड के बराबर है। एक पुत्र का दस तालाब जितना महत्व है और एक वृक्ष का दस पुत्रों जितना महत्व है, को चरितार्थ करते हुए गया जिला में 25000 पौधे लगाने जा रही है। इसी क्रम में सीआरपीएफ कमांडेंट डा.निशीत कुमार 159 बटालियन के नेतृत्व में मुख्यालय-159 में वृक्षारोपण किया गया जिसमें अवधेश कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी, सोहन सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी, मोती लाल, उप कमाण्डेन्ट एवं अंबर घोष, उप कमाण्डेन्ट के साथ साथ 159 वाहिनी के अन्य जवानों ने भाग लिया। वृक्ष के महत्व को समझाते हुए डा0 निशीत कुमार, कमाण्डेन्ट ने बताया कि वृक्ष का मानव जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, वृक्ष पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ साथ पानी को संरक्षित करते हैं, जलवायु नियंत्रण में मदद करते हैं, मिट्टी की शक्ति को बरकरार रखते है तथा जीवन प्रदान करने वाली ऑक्सीजन को प्रदान करतें हैं जिसके बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव है। 159 वीं वाहिनी, केरिपुबल द्वारा गया जिला के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों जैसे कि लुटुआ, इमामगंज, सेवरा, चकरबन्धा, डोभी, सलैया में 25000 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें से वर्ष 2020 के दौरान लगलग 6000 पौधे रोपण कर भी चुकी है। इसके अतिरिक्त 159 वी वाहिनी केरिपुबल द्वारा गया जिला के प्रमुख स्थल जैसे बोधगया, मंगला गौरी मन्दिर, विष्णुपद गन्दिर तथा प्रमुख शैक्षणिक संस्थान जैसे मगध विश्वविद्यालय, साउथ बिहार विश्वविद्यालय में स्थानीय लोगों के सहयोग से इस अभियान को सफल बनाने जा रही है।





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