भागलपुर बिहार
शैलेन्द्र कुमार गुप्ता
दिनांक: - 01.10.2023
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, शाखा भागलपुर , के सभागार में अंतर्राष्ट्रीय संस्थान मुख्यालय
माउंट आबू के मेडिकल विंग के द्वारा स्वस्थ जीवन एवम खुशनुमा जीवन रहने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । मंच संचालन बी के रुपाली ने किया।
* कार्यक्रम में मुख्य वक्ता -
1.डॉक्टर सुनील कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर ,मेडिकल कॉलेज धनबाद ।
2.डॉक्टर अवंतिका , एमबीबीएस , एमडी , धनबाद ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।
बी के निर्मला , बी के मनीषा ने फूलों के गुदस्ता से अतिथियों का स्वागत किया।
* इस अवसर पर डॉक्टर सुनील कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिकल कॉलेज, धनबाद, ने कार्यक्रम में बताया कि वर्तमान समय हर व्यक्ति अपने क्षमता के आधार पर जीवन की आवश्यकता की पूर्ति कर रहे हैं और उसको करने की दौड़ लगा रहे हैं । मानव जीवन को सुख और शांति चाहिए , परंतु सुख और शांति के लिए भौतिक साधन प्राप्त हो रही है पर सुख और शांति से दूर होते जा रहे हैं । अक्सर देखा जाता है सुख पाने के लिए सुख का साधन प्राप्त कर लेते हैं परंतु जीवन में सुख का अनुभव नहीं कर पा रहे है। इसका परिणाम मानव जीवन कलह, द्वेष , निराशा , उदास, मन में भय, चिंता, असुरक्षा आदि की भावना से दिन पर दिन जीवन में वृद्धि होते जा रहा है । इसका कारण मानव स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करते जा रहे हैं ।आज दिन प्रतिदिन डिप्रेशन और अनिंद्रा का शिकार होते जा रहे हैं। इसका परिणाम शरीर के मांसपेशियों , शरीर के ब्लड संचार, हार्ट , ब्रेन आदि कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होते जा रहा है । इससे मुक्ति पाने के लिए मानव अपने जीवन शैली को सुधारना होगा । ऐसा देखा जाता है देर से प्रातः कालीन जगना और रात्रि में देर से सोना ।जिसके कारण शरीर की प्रकृति के द्वारा जो व्यवस्था की गई इसका विपरीत दुष्परिणाम परता है। इसलिए हमारे पूर्वज ने बताया था कि प्रातः कालीन प्रकृति के द्वारा एक अमृतवेला है। इस समय में शक्ति , ऊर्जा प्राप्त होती है , जो भी मानव जीवन शैली को अपने आप परिवर्तन कर स्वस्थ और सुख प्राप्त कर सकते हैं।
* इस अवसर पर डॉक्टर अवंतिका, एम एम बी एस, एम डी , धनबाद,ने कार्यक्रम में उदगार व्यक्त किए कि जब प्रकृति के साथ हम अपने जीवन की दिनचर्या शुरुआत करते हैं तब जीवन शैली में ऊर्जा का प्रवाह शरीर मे होता है, जिससे जीवन में आलस्य से मुक्ति मिलती है। मन शक्ति शाली हो जाता है। मन स्वस्थ हो जाता है, जब मन स्वस्थ रहता है तब शरीर स्वस्थ रहता है। ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय में राजयोग के माध्यम से जीवन शैली में परिवर्तन लाने के लिए प्रेरणा दी जाति है। यह मार्ग सरल, सुगम है । राजयोग कर्मयोग शिखलाती है जो की मानव जीवन के अंदर में शक्ति दिलाने का एक मार्ग है। राजयोग के माध्यम से मन की चेतन को जाग्रत करती है । मन को शक्तिशाली बनती है और जिसका परिणाम स्वरुप मन में धैर्य, विश्वास विकसित होता है । जिसके कारण जीवन के विपरीत स्थिति आने पर भी उसका सामना सरलता से कर लेते हैं । राजयोग का अभ्यास नित्य प्रतिदिन सेवन करने से जीवन खुशनुमा बन जाता है। आपसे भी यह उम्मीद करते हैं कि आप राजयोग का प्रयोग कर इसका अनुभव जीवन में लाभ प्राप्त करे।इस अवसर पर डॉक्टर ज्योत्षना, भागलपुर ने कार्यक्रम में बताई कि राजयोग के प्रयोग से
मन मस्तिष्क को शक्ति मिलती है। जैसे शरीर को स्वस्थ करने के लिए मेडिसिन की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार जीवन शैली सुधारने के लिए मेडिटेशन का आवश्यक होती है। मेडिटेशन के अभ्यास से समाज एवं शरीर स्वस्थ का निर्माण करने में सहायक होगा । डॉक्टर एस के पंजीकार इस अवसर पर संस्था के संचालिका के द्वारा मानव हित का कार्य करने के लिए सराहनीय कदम है।डॉक्टर रूबी ने कहा कि वर्तमान समय इस प्रकार मेडिटेशन का दिन प्रतिदिन जीवन में आवश्यकता होती है , जैसे मन बुद्धि को शक्ति प्रदान करने का माध्यम राजयोग ही है।
* इस अवसर पर डॉक्टर महेश राय ने सभी अतिथियों का धन्यवाद और सभागार में सभी लोगों का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किए। इस अवसर पर बी के मनीषा, बी के पूजा, बी के आरती, बी के अनिल, संतोष, प्रवीर, बद्री , आनंद एवम संस्था से जुड़े सैकड़ो लोग उपस्थित थे।


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