भागलपुर
*मनुष्य के व्यक्तित्व में मुस्कान, मधुरता, पवित्रता, शालीनता होनी चाहिए! जिस व्यक्ति में यह 4 गुण होते हैं उसके आत्म कल्याण से उसे कोई नहीं रोक सकता है*- *विशल्य सागर जी मुनिराज*
श्री दिगंबर जैन मंदिर,भागलपुर में आज परम पूज्य संत श्री विशल्य सागर जी मुनिराज ससंघ में सानिध्य में आज श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान के पांचवा वलय के अर्घ मंत्रोच्चार के साथ 128 अर्थ कर्म दहन विधान के अजीत जी शास्त्री और कमलेश जैन जी के माध्यम से चढ़ाये गये। संगीत एवं धुन मिनी जैन जी ने गाया! सबसे पहले आदि तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान के जिनबिम्ब की अभिषेक क्रिया की गयी। विश्व में शांति एवं आत्मीय कल्याण के लिये शांतिधारा के माध्यम से मंगलकामना श्री संदीप पायल जैन गोहाटी द्वारा की गई । जिनश्रुत मनीषी गुरुदेव का पाद प्रक्षालन एवं जिनवाणी भेंट करने का सौभाग्य विधान में श्री शांतिलाल जी जय कुमार जी काला परिवार को प्राप्त हुआ।आज श्री जिनेन्द्र प्रभु की महाआरती का सौभाग्य श्री शांतिलाल जी जय कुमार जी काला परिवार को प्राप्त हुआ ! श्रीपाल मैना सुंदरी की भूमिका में श्री अभिनंदन कुमार सुमित कुमार रीना बड़जात्या परिवार ने पुण्यार्जन किया। अभिषेक एवं पूजन विभाग का संचालन प्रकाश जी बड़जात्या, राजीव पाटनी, छोटू उत्तम पाटनी, सज्जन विनायका, सूरज जैन आदि लोगों ने अच्छी तरह किया! देश के कोने से आए हुए यात्रियों का (गया कोलकाता दिल्ली सूरत) का स्वागत संयोजक जय कुमार जी काला एवं उप संयोजक सुमंत पाटनी ने किया! भारती दीदी एवं अलका दीदी ने सिद्धचक्र विधान की बहुत-बहुत अनंत अनुमोदना की और बताया यह विधान विश्व शांति एवं आत्म कल्याण के लिए तो बहुत जरूरी है! उपरोक्त जानकारी मीडिया प्रभारी सुनील जैन एवं अशोक जैन ने दी!


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