भागलपुर मलयाली एसोसिएशन ने भागलपुर के माउंट असीसि स्कूल जूनियर सेक्शन में रविवार को ओणम मनाया। यह पर्व ओणम 8 सितंबर 2022 से ही प्रारंभ है। 10 दिवसीय पर्व के चौथे दिन भागलपुर में काफी संख्या में लोग आए। यह केरल का राजकीय पर्व है। अब यह पर्व पूरे देश में मनाया जाना लगा है। केरल के लोग जिस-जिस राज्य में रहते हैं, वहां उन्होंने यह पर्व स्थापित किया। इस पर्व की खासबात है कि इसे हर धर्म, मत और संप्रदाय के लोग मनाते हैं। भागलपुर के कई निजी स्कूलों में प्रधानाचार्य सहित शिक्षक, ऑफिस स्टाफ व कर्मचारी केरल के हैं। भागलपुर शहर में करीब ढाई लोग केरल में रहने वाले हैं।
इस पर्व के आयोजन में सम्ज एसएस, जॉनसन पीके, रोविन वर्गीश, अगस्टिन कारापल्ली, शालिनी झा, चाको पीडी, मिनी अगस्टिन, की काफी भूमिका रही। मुख्य अतिथि फादर थॉमस चिट्टूकलाम थे। महावेली के स्वागत गान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। फूलों से बनी आकर्षक रंगोली पर दीपक जलाया गया। मलीयाली परिवारों ने नृत्य नाटिका, गीत-संगीत का आयोजन किया। ओणम गीत गाए। फादर सीवी भी मौजूद थे। इस दौरान रस्साकसी सहित कई खेल हुए। राजा महाबली पर आधारित नाटिका का आयोजन किया गया। अगस्टिन कारापल्ली ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
अगस्टिन कारापल्ली ने बताया कि यह सफाई कटाई के बाद उल्लास के रूप में यह पर्व मनाया जाता है। यह पर्व हमें सामाजिक सद्भाव, समरसता का पाठ पढ़ाता है। इसका पर्व का मुख्य उद्देश्य यह है कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। किसी को कोई कष्ट ना हो। यह पर्व राजा महाबली की घर-वापसी के रूप में मनाया जाता है। लोगों ने केले के पत्ते पर 13 प्रकार की सब्जियां, चावल, दाल, खीर व पापड़ का प्रसाद ग्रहण किया।
अगस्टिन कारापल्ली ने कहा कि जहां एकता है, वहां ओणम है। जहां मेल है, वहां ओणम है। जहां अमीर और गरीब के बीच कोई अंतर नहीं हो, न जाति का भेद हो, वहां ओणम है। जहां एकात्मकता हो, वहां ओणम है। ओणम मलयाली संस्कृति और परंपरा का उत्सव है।


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