केवल डिग्री बांटना ही नहीं बल्कि छात्रों को स्किल और रोजगार के लिए तैयार करना भी जिम्मेवारी -कुलपति प्रो. हनुमान पाण्डेय!
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पाण्डेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को विश्वविद्यालय के सिंडीकेट हॉल में सभी संकायों के डीन और पीजी विभागों के विभागाध्यक्षों की एक बैठक आयोजित हुई।
बैठक में प्रभारी कुलपति ने सबसे पहले सभी संकायों के डीन और पीजी हेड से परिचय प्राप्त किया। कुलपति ने खुद भी अपना परिचय दिया।
प्रभारी कुलपति के टीएमबीयू में योगदान के बाद पीजी हेड और डीन के साथ यह पहली बैठक थी।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय की मूलभत समस्याओं का समाधान किया जाएगा। विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था और गतिविधियों को सुदृढ किया जाएगा। एकेडमिक एटमॉस्फियर को और भी बेहतर बनाया जाएगा। सबके सहयोग और टीम भावना से विश्वविद्यालय का विकास किया जाएगा।
कुलपति प्रो. पाण्डेय ने कहा कि हम बदलती हुई परिस्थितियों में कैसे बेहतर सुधार कर सके, इस पर ध्यान देना है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान का आधार नहीं है। बल्कि उसका सामंजस्य और जुड़ाव रोजगार परक भी होना चाहिए। पठन-पाठन के साथ-साथ रोजगार के अवसर तलाशने होंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया गया है। साथ ही ज्ञान के साथ कलात्मक, सृजनात्मक और रोजगारपरक पर बल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जो ट्रेडिशनल कोर्स पहले से चलते आ रहे हैं उसमें समय की जरूरत के मुताबिक कुछ नए आयामों को जोड़कर उसे रोजगारपरक बनाया जा सकता है।
कई विश्वविद्यालयों में हिंदी विषय के साथ भाषा विज्ञान को भी जोड़ा जा रहा है। इस दिशा में थोड़े ही प्रयास से छात्रों को रोजगार के लिए तैयार करने की दिशा में पहल की जा सकती है। छात्र जब पास आउट (उतीर्ण) होते हैं तो उनके सामने रोजगार के विकल्प होने चाहिए। पास आउट होने के बाद छात्र दिशाहीन न हो, बल्कि रोजगार के लिए एक टारगेट होनी चाहिए।
वीसी ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में डिप्लोमा स्तर पर फार्मेसी, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी, नैचुरोपैथी, माइक्रोबायोलॉजी, रेडियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री आदि कोर्स चलाये जा सकते हैं। ये सभी कोर्स रोजगारपरक हैं। पढ़ाई के साथ ही कैम्पस सेलेक्शन की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
बैठक में वीसी को कई विभागाध्यक्षों ने बताया कि फैकल्टी और संसाधन की कमी से पीजी विभाग जूझ रहा है।
कुलपति ने बैठक के दौरान कहा कि यदि सभी पीजी हेड सहमत हैं तो विभागों की छोटी -मोटी आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए संबंधित संकाय के डीन को जिम्मा या अधिकृत किया जा सकता है।
डीन साइंस प्रो. अशोक कुमार ठाकुर ने कुलपति को बताया की टीएमबीयू ने अबतक चार संस्थानों के साथ एमओयू किया है।
बैठक में टीएमबीयू के प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार, डीन एकेडमिक्स डॉ अशोक कुमार ठाकुर, सभी संकायों के डीन और पीजी विभागों के अध्यक्ष के अलावे रजिस्ट्रार डॉ निरंजन प्रसाद यादव, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह, जनसम्पर्क पदाधिकारी डॉ दीपक कुमार दिनकर भी उपस्थित थे।


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