केस से नाम हटाने को लेकर वड़ीय पदाधिकारी को दिया आवेदन।
सुल्तानगंज भागलपुर संवाददाता। थाना कांड सं 211/2021 दिनांक 18/09/2021 जो पिड़िता प्रीति कुमारी उर्फ लक्ष्मी द्वारा दिए गए फर्द व्यान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी जो व्यान पुरी तरह असत्य है।फर्द व्यान में सर्व प्रथम उत्म कुमार का नाम लिया गया है।इस सम्बन्ध में उत्तम कुमार आलोक कुमार का समवंधी है और जमालपुर रेल कारखाना में कार्यरत है और उत्तम कुमार 18/09/2 021तिथि को घटना के समय से पुर्व अपने घर से रेलवे कारखाना के लिए चला गया था। 6:51AM में वायोमैट्रीक दर्ज कर रेल कारखाना जमालपुर में अपने वर्कशॉप में गया जहां 5 से 6 घंटा अपना कार्य सम्पादित कर 11 :57 AM में पुनः वायोमैट्रीक एटेन्डेन्स दर्ज कर कारखाना से बाहर आया। और अपना घर सुल्तानगंज मसदी पहुँचा तो फिर उत्तम कुमार घटना स्थल पर कैसे आया।फर्द व्यान में दुसरा नाम सुभाष पोद्दार लिया गया है। जबकि 2002 से लगातार 2012 तक वार्ड संख्या 15 का जनप्रतिनिधि (पार्षद ) रहा जिस कारण गांव के छोटी बड़ी पारिवारिक या अन्य विवाद होने पर लोग उन्हें बुलाते हैं।उस घटना में भी उन्हें जाना पड़ा।वादी प्रतिवादी का घर आमने सामने है इस घटना से पुर्व दोनों के बीच मारपीट होने पर दिनांक 07/07/2021 को पंचायत में दोनों को बुलाया गया था।घटना स्थल से वार्ड पार्षद का घर महज 150 मीटर दुरी पर है। घटना के समय सुभाष पोद्दार मुख्य चौंक बाजार सुलतानगंज स्थित अपनी बहन डा. नन्दनी कुमारी के घर पर था। सुभाष पोद्दार के मोबाइल पर अनिता कुमारी द्वारा फोन कर बताया गया कि मुकेश कुमार राय व उसके सभी अन्य परिजनों द्वारा हमलोगों के साथ मार पीट कर घर में आग लगा दिया है।अपने बाईक से लगभग 9:45 बजे घटना स्थल पर पहुंचा तो देखा की उनके आने से पहले स्थानीय पुलिस गली के सामने खड़ी थी और घटना स्थल पर एक महिला पुलिस अधिकारी किरण सोनी घटना स्थल पर पहुंच कर लोगों से पुछताछ कर रहीं थी।मुकेश कुमार राय की पत्नी तीनों बेटी द्वितीय पक्ष आलोक कुमार के बरामदे पर रखे चौकी पर बैठी हुई थी।मुकेश कुमार की पत्नी नवीता कुमारी, प्रिति कुमारी उर्फ लक्ष्मी को चौंकी पर धकेल कर बैठा रही थी , संगीता कुमारी और आलोक कुमार कब खींच कर अपने घर ले गया और पलीता लगाकर उसके शरीर पर फेंका। जबकि सुभाष पोद्दार पुलिस अधिकारी किरण सोनी के समक्ष पहुँचा घटना स्थल पर गांव के अन्य कई लोग पहले से मौजूद थे जिसने सुभाष पोद्दार को आते देखा है। घटना स्थल पर वादी प्रतिवादी दोनों पक्ष के घरों में सीसीटीवी कैमरा लगा है।सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि सुभाष पोद्दार प्रशासन के पहुंचने के बाद घटना स्थल पर पहुंचा है। इससे साफ जाहिर होता है कि इन लोगों को षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। तीसरा नाम गुड्डू कुमार पिता सुबोध शर्मा का लिया गया है । सीसीटीवी के जांच में पिड़िता का ब्यान पुरी तरह गलत साबित होता है। गुड्डू कुमार का घर घटना स्थल से मात्र दो घर बाद है , झंझट के उपरांत हल्ला होने पर वह वहां पर पहुँचा है। घटना के दो दिन बाद जब सुभाष पोद्दार को पता चला कि षड्यंत्र के तहत उसका तथा अन्य दो व्यक्ति का नाम दिया गया है तो जांच हेतु निवेदन दिया गया पर सीसीटीवी फुटेज की जांच नहीं किया गया।इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वड़ीय पदाधिकारी ने घटना के जांच की जिम्मेदारी अंचल इंस्पेक्टर रतन लाल ठाकुर को सौंपा गया। घटना स्थल पर रतन लाल ठाकुर दल बल के साथ पहुंच कर घटना की जानकारी ली। तथा निर्दोश लोगों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

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