गोड्डा में पत्रकार को माफियाओं के खिलाफ लिखना पड़ा महंगा,पत्रकार समेत परिवार
को जान मारने की कोशिश
अगर आप पत्रकार हैं तो हो आपके साथ कुछ भी हो सकता है| क्योंकि देश का चौथा स्तंभ खतरे में प्रशासन से बेखौफ अपराधी
गोड्डा : मेहरमा थाना क्षेत्र में बीते दिनों से लगातार पत्रकार पर हमला जारी है | स्वतंत्र प्रभात के ब्यूरो को माफिया के खिलाफ खबर लिखना पड़ा महंगा| अपराधी बेखौफ, अपराधी को ना ही कानून का डर ,ना ही प्रशासन का भय |आपको बताते चलें कि पत्रकार मो अली हुसैन के द्वारा बालू माफिया गांजा तस्करी करने वाले माफिया के कई मामलों का खबर प्रकाशन किया था|वही खबर प्रकाशन के बाद से बालू माफिया गांजा तस्करी करने वाले मो रियाज को इस प्रकार का खबर गवारा ना हुआ| मो रियाज अवैध रूप से बालू का डिपो चलाते है| गांजा तस्करी का धंधा करते हैं| आखिरकार पत्रकार को जान मारने की योजना बना ली|जब बालू माफिया मो रियाज को मौका नहीं मिल पाया तो उन्होंने जमीन विवाद का मामला उठा पत्रकार के घर आ धमके| और जब पत्रकार ने पूछा क्या मामला है तो मो रियाज , मो गुलफाम मो इमरान, मो गुलफराज , मोटे -मोटे लोहे के रड से मारना शुरू कर दिए| इसी बीच परिवार वालों ने पत्रकारों को किसी तरह बचाया| लेकिन बीच बचाओ करने आए भाई मो फैयाज के ऊपर रड मारने से सर फट गया| इसके बाद पत्रकार मो अली ने प्रभारी थाना प्रभारी जितेंद्र वर्मा को इसकी सूचना दी |कि उन लोगों का मंसूबा जान मारने की है |जबकि हमारे भाई का सर रड से फाड़ दिया है |थाना प्रभारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि पहले आप थाना लेकर आइए| इसी बीच अपने भाई का इलाज कराने अस्पताल आ रहे पत्रकार पर बीच रास्ते में माफिया मो रियाज ने रिवाल्वर तान दी पत्रकार मो अली सहम गए|इसके बाद सभी ने मिलकर रड से मारना शुरू कर दिया| जिससे कि पत्रकार मो अली का दोनों हाथ फैक्चर हो गया| इसके बाद पत्रकार वहीं बेहोश हो गिर पड़े|इसके बाद पत्रकार का (लोगो )लगे बाइक पर भी रड बरसाना शुरू कर दिया |इसके बाद प्रशासन पहुंची और प्रशासन ने आनन-फानन में अस्पताल मे भर्ती कराया |जिसके बाद हालात को देखते हुए समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहरमा ने गोड्डा रेफर कर दिया |इसके बाद गोड्डा अस्पताल के डॉक्टर ने स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए मायागंज अस्पताल भागलपुर रेफर कर दिया|इस बात से साफ पता लगाया जा सकता है कि किस प्रकार माफिया समेत सभी लोगों ने पत्रकार पर हमला किया होगा|
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केस को नया मोड़ देने के लिए अपने ही परिवार की एक महिला को सर में ईट मारकर थाना ले आए| अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या पत्रकार सच्चाई नहीं लिख सकता है| क्या माफिया तस्करों के खिलाफ लिखना गलत है|खबर लिखने के बाद पत्रकार के साथ इस तरह का बर्ताव कहां तक सही है|या फिर प्रशासन को माफिया ,बेखौफ अपराधी दे रहा चुनौती |आए दिन पत्रकार के साथ मेहरमा थाना क्षेत्र में हो रहे हमले|अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जिला प्रशासन इस मामले मे किस प्रकार कार्रवाई करती है| या फिर केस में नया मोड़ आता है |अगर इसी तरह केस में नया- नया मोड़ आने लगा तो पत्रकार के साथ माफियाओं का खेलना आम बात हो जाएगा|


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