स्कीम वर्करों के राष्ट्रीय हड़ताल पर रसोइयों ने किया प्रदर्शन,
*एम डी एम का एनजीओकरण बन्द हो, रसोइयों को मिले सरकारी कर्मी का दर्जा*
24 सितम्बर 2021, नाथनगर, भागलपुर
स्कीम वर्करों के राष्ट्रीय हड़ताल के मौके पर आज बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) के बैनर तले विद्यालय रसोइयों ने नाथनगर स्टेशन परिसर में प्रदर्शन किया। इसके पूर्व एमडीएम योजना के एनजीओकरण पर रोक लगाओ, विद्यालय रसोइयों सहित सभी स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मी का दर्जा दो, तत्काल प्रतिमाह 21 हजार रुपये मानदेय दो, मजदूरों की गुलामी के 4 लेबर कोड रद्द करो आदि मांगो को बुलंद करते हुए रसोइया अपने-अपने विद्यालय से स्टेशन परिसर स्थित महावीर पार्क में जमा हुई और सभा की। सभा का संचालन व प्रदर्शन का नेतृत्व संघ के संयोजक पुनम देवी ने किया।
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने कहा कि केंद्र-राज्य की सरकारें विद्यालय रसोइयों को सरकारी कर्मी का दर्जा देने के बजाय इसके काम को खत्म कर देने की ओर बढ़ रही है। विद्यालय मध्याह्न भोजन योजना को एनजीओ के हवाले कर इसे बर्बाद कर देना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना से अपना हाथ खींच कर इसके शुरुआत की मूल भावना पर ही कुठाराघात कर रही है। इस योजना की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के कुपोषण को दूर करने, उन्हें असमय विद्यालय छोड़ने से रोकने आदि के लिए की गई थी। इस उद्देश्य की पूर्ति में सफलता भी मिली शुरु हुई थी लेकिन एनडीए सरकार आते ही इस तरह के गरीब पक्षीय योजनाओं को खत्म करने की तरफ कदम बढ़ाने लगी। सरकार को बताना चाहिए कि मध्यान्ह भोजन योजना को एनजीओ के हवाले करने के बाद इसमें कार्यरत ढ़ाई लाख रसोइयों का क्या होगा?
बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) की संयोजक पुनम देवी ने कहा कि रसोइयों को महीने में सिर्फ 1500/- प्रोत्साहन राशि मिलती है, वो भी साल में 10 महीने। लॉक डाउन में वह भी नहीं मिला। स्कूल खुल गया है लेकिन बच्चों के लिए भोजन बनना शुरु नहीं हुआ। आखिर सरकार की नीयत क्या है? 27 सितम्बर के भारत बन्द में रसोइया बढ़-चढ़ कर भाग लेंगी और अपनी मांगों को बुलंद करते हुए देश के मजदूरों-किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करेगी।
प्रदर्शन में ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) के संयोजक पूनम देवी, रानी देवी, रेखा देवी, कौशल्या देवी, आशा देवी, मुन्नी देवी, मीरा देवी, सुनैना देवी, तारा देवी, वीणा देवी, अनिता देवी, सुनीता देवी, ललिता देवी, समोखा देवी, लक्ष्मी देवी, मकुलया देवी व कुन्ता देवी आदि शामिल हुई।


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