एमडीएम योजना के एनजीओकरण के खिलाफ रसोइयों की हड़ताल 24 सितम्बर को
*रसोइयों ने बैठक कर बनायी योजना, चलेगा सम्पर्क अभियान, 24 सितम्बर को होगा जुलूस-प्रदर्शन*
11 सितम्बर 2021, नाथनगर, भागलपुर
एमडीएम योजना के एनजीओकरण के खिलाफ एवं विद्यालय रसोइयों को सरकारी कर्मी का दर्जा व तत्काल प्रतिमाह 21 हजार रुपये मानदेय आदि के लिए आज बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) के संयोजन समिति की बैठक स्थानीय रामवती कन्या मध्यविद्यालय परिसर, रामपुर, नाथनगर में हुई। बैठक का संचालन संघ की संयोजक पुनम देवी ने की।
बैठक में ऑल इण्डिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन (ऐक्टू) की ओर से शामिल ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने विद्यालय रसोइया सहित तमाम स्कीम वर्करों की 24 सितम्बर 2021 को होने वाली राष्ट्रीय हड़ताल की जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र-राज्य की सरकारें विद्यालय रसोइयों को सरकारी कर्मी का दर्जा देने के बजाय इसके काम को खत्म कर देने की ओर बढ़ रही है। विद्यालय मध्याह्न भोजन योजना को एनजीओ के हवाले कर इसे बर्बाद कर देना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना से अपना हाथ खींच कर इसके शुरुआत की मूल भावना पर ही कुठाराघात कर रही है। इस योजना की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के कुपोषण को दूर करने, उन्हें असमय विद्यालय छोड़ने से रोकने आदि के लिए की गई थी। इस उद्देश्य की पूर्ति में सफलता भी मिली शुरु हुई थी लेकिन एनडीए सरकार आते ही इस तरह के गरीब पक्षीय योजनाओं को खत्म करने की तरफ कदम बढ़ाने लगी। सरकार को बताना चाहिए कि मध्यान्ह भोजन योजना को एनजीओ के हवाले करने के बाद इसमें कार्यरत ढ़ाई लाख रसोइयों का क्या होगा?
बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) की संयोजक पुनम देवी ने बताया कि रसोइयों की टीम बना कर विद्यालयों व घरों में जाकर व्यापक रसोइयों से सम्पर्क कर 24 सितम्बर के हड़ताल को सफल बनाया जाएगा। 24 सितम्बर को रसोइया हड़ताल करते हुए जुलूस-प्रदर्शन निकालेगी।
24 सितंबर की राष्ट्रीय हड़ताल के जरिये रसोइया निम्न मांगे बुलंद करेगी : –
1. एमडीएम योजना के एनजीओकरण पर तुरंत रोक लगायी जाए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अक्षरशः पालन करते हुए विद्यालय में ही पका हुआ भोजन बच्चों को देने के लिए आधुनिक किचन की व्यवस्था की जाए।
2. रसोइयों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। जब तक सरकारी नहीं होती हैं मानदेय 21 हजार रूपया किया जाए। इससे पूर्व रसोइयों को कुशल कामगार की श्रेणी में रखते हुए न्यूनतम मजदूरी कानून से आच्छादित किया जाए।
3. विद्यालयों का मर्जर बंद किया जाए।
4. कोरेन्टाइन सेंटरो में काम करने वाली रसोइयों के मेहनताने का भुगतान किया जाए।
5. कोरोना काल में मृत रसोइयों को कोविड मुवावजा का भुगतान किया जाए।
6. रसोइयों को इपीएफ , ईएसआई व सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान किया जाए।
7. दस महीने की बजाय 12 महीने मानदेय का भुगतान किया जाए।
8. रसोइयों के मानदेय का नियमित भुगतान किया जाए।
9. जिस विद्यालय में किचन शेड व गैस चूल्हा नहीं है वहां इसकी व्यवस्था किया जाए।
10. विद्यालयों में अविलंब मध्यान्ह भोजन योजना शुरू किया जाए ताकि बच्चों को ताजा खाना मुहैया कराया जा सके।
11. चार श्रम कोडों को खारिज किया जाए।
बैठक में ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) के संयोजक पूनम देवी, रानी देवी, रेखा देवी, कौशल्या देवी,, आशा देवी, मुन्नी देवी, मीरा देवी, गुड़िया देवी, सुनैना देवी, चंदना देवी व रीना देवी शामिल हुई।


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