बाढ़ ने फेरा बच्चों की उम्मीद पर पानी
स्कूल खुलने के बावजूद घर बैठने पर हुए मजबूर।
संवाददाता
अरेराज,पूर्वी चम्पारण
अरेराज प्रखंड में विद्यार्थियों के लिए कोरोना के बाद बाढ़ का पानी अब नयी मुसीबत बनकर आयी है।प्रखंड के लगभग आधा दर्जन विद्यालयों में बाढ़ का पानी बढ़ता चला जा रहा है। इन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षक भी पहुंच नही पा रहे हैं। प्रखंड में इन विद्यालयों का संचालन किस तरह से किया जाएगा। ये शिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।क्योंकि अधिकतर विद्यालयों में बाढ़ का पानी गुजरने के बाद कचरे व गंदगी का अंबार लग जायेगा जिसको निकालना एक मुश्किल भरा कार्य है। पिछले साल जब कोरोना ने दस्तक दी थी तो उसके बाद लॉकडाउन में लगातार विद्यालय बन्द थे। मुश्किल दौर गुजरने के बाद जब विद्यालय खुले तो फिर से लॉकडाउन लग गया। अब जब विद्यालय खुलने की बारी आई तो अब विद्यालयों में बाढ़ के पानी ने अपना डेरा जमा लिया है। हालांकि सरकार द्वारा स्कूल खुलने की सूचना पर छात्र-छात्राओं में विद्यालय जाने की एक बेचैनी थी। लेकिन बाढ़ ने उन सभी के अरमानों पर पानी फेर दिया। बीआरसी से मिंटू कुमार मिश्र ने बताया कि प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय नवादा अनुसूचित जाति, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नवादा अहिर टोली, उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोविंदगंज कन्या ,उत्क्रमित मध्य विद्यालय मलाही टोला खांड पर,प्राथमिक विद्यालय सिकटिया, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय सखवा टोक,नवसृजित प्राथमिक विद्यालय चटिया दियर बिन टोली में बाढ़ का पानी आ जाने के कारण पठन-पाठन बाधित है।इस बाबत पूछे जाने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बालकृष्ण यादव ने बताया कि विद्यालयों से सूचना मिलने पर अग्रेतर कार्यवाही हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को सूचना भेजी जाएगी तब तक छात्र हित में शिक्षक बच्चों को विद्यालय ना बुलाएं।नदी का जलस्तर बढ़ना जारी है।लोगों के खेत-खलिहान, मकान तक बाढ़ में डूब चुके है। ऐसे हालात में प्रशासन द्वारा हालात संभालने में कमर कस चुकी
एवं स्वास्थ्य विभाग भी मेडिकल टीम बनाकर लगाकर बीमार लोगों को चिकित्सीय सहायता करने में लगी हुई है।सभी आशा कार्यकर्ताओं को भी अलर्ट पर रखा गया है।कोविड टीकाकरण जारी है और सभी समुचित दवाएं वितरित की जा रही है।
डब्लूएचओ के नरोत्तम कुमार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार मोनिटरिंग कर रहे हैं।


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