टीएमबीयू और बीएयू सबौर ने एमओयू पर किया हस्ताक्षर।
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने बिहार एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी सबौर (बीएयू) के साथ एमओयू पर गुरुवार को हस्ताक्षर किया।
दोनों विश्ववविद्यालयों के कुलपति और रजिस्ट्रार सहित अधिकारियों की मौजूदगी में करार पर हस्ताक्षर हुआ।
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता और बीएयू के कुलपति प्रो. अरुण कुमार ने इस महत्वपूर्ण एमओयू पर अपनी सहमति दी।
दोनों ही विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू के माध्यम से फैकल्टी टीचिंग, रिसर्च और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर जोर दिया गया। इसके तहत दोनों ही यूनिवर्सिटी के बीच सामान्य शिक्षण, रिसर्च इंटेरेस्ट और अलाइड गतिविधियों पर बल देने की बात हुई। साथ ही स्टूडेंट्स टीचिंग और क्वालिटी पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च पर सहमति बनी।
इसके माध्यम से कृषि अनुसंधान पर जोर और किसानों को तकनीक का हस्तांतरण किया जाएगा। दोनों ही विश्वविद्यालयों के बीच संयुक्त रूप से टीचिंग और रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा।
एमओयू के तहत कुल 8 अनुच्छेदों (आर्टिकल) पर दोनों ही विश्वविद्यालयों के बीच सहमति बनी। जिनमें रिसर्च कॉलोबोरेशन, लेबोरेटरी फैसिलिटी को साझा करना, फैकल्टी कॉलोबोरेशन, मैनेजमेंट, सूचना का आदान-प्रदान, सामान्य प्रावधान, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, नामांकन और शुल्क सम्बन्धी कॉलोबोरेशन और टेक्नोलॉजी का हस्तांतरण शामिल है।
एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद दोनों विश्वविद्यालयों से आये शिक्षकों और अधिकारियों ने करतल ध्वनि से इसका स्वागत किया।
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों के बीच हुए एमओयू पर हस्ताक्षर से टीचिंग और रिसर्च को प्रोत्साहन मिलेगा। क्वालिटी एडुकेशन के मामले में यह एमओयू मील का पत्थर साबित होगा। आज का दिन दोनों ही विश्वविद्यालयों के लिए काफी ऐतिहासिक साबित होगा। जब दो स्थानीय उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच एमओयू की दिशा में सार्थक पहल हुई है। टीएमबीयू के लिए यह गौरव का दिन है। एमओयू पर हस्ताक्षर होने से शिक्षण और शोध को नए आयाम का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस पहल से रिसर्च की गुणवत्ता बढ़ेगी।
दोनों ही विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार ने एमओयू से सम्बंधित कागजी कार्रवाई पूरी की।
इस मौके पर टीएमबीयू की ओर से कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, रजिस्ट्रार डॉ निरंजन प्रसाद यादव, डीन साइंस सह डीन एकेडमिक्स प्रो. अशोक कुमार ठाकुर, पीजी बॉटनी विभाग के शिक्षक डॉ एचके चौरसिया, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर आदि उपस्थित रहे।


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