कुलपति ने किया आईक्यूएसी सेल के ऑफिस का उदघाटन।
भागलपुर से शैलेँद्र कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
एंकर व्यू:-तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सेकेण्ड फ्लोर पर आईक्यूएसी सेल के ऑफिस का उदघाटन बुधवार को कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने फीता काटकर किया।
मौके पर आईक्यूएसी सेल के सदस्यों को संबोधित करती हुई कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन के लिए आईक्यूएसी सेल तैयारी करती है। आईक्यूएसी सेल एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में होता है। उन्होंने कहा कि आईक्यूएसी कार्यालय शिफ्ट होने से नैक तैयारी में गति आएगी। टीएमबीयू को नैक मूल्यांकन से 'ए' ग्रेडिंग दिलाने के लिए सभी स्तरों पर पहल जारी है। इसके लिए सभी आवश्यक तैयारी शुरू कर दी गई है।
कुलपति ने आईक्यूएसी के कॉर्डिनेटर से अविलम्ब सभी पेंडिंग एक्यूआर को एक साथ अपलोड करने का निर्देश दिया है। ज्ञात हो कि 2016 से लेकर अबतक विश्वविद्यालय का एक्यूआर नैक मूल्यांकन के लिए पेंडिंग है।
उन्होंने कहा कि सेल के सदस्यों की अलग-अलग उप कमिटी बनाकर उन्हें काम का जिम्मा दिया जाय। नैक मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया को भरने हेतु छोटी-छोटी कमिटी बनाकर सदस्यों को जिम्मेवारी दें। इससे काम में तेजी आएगी।
कुलपति ने कहा कि 10 जुलाई तक सभी विभागों से डेटा लें। ताकि 31 जुलाई तक उसे पूर्णरूपेण नैक के वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके। उन्होंने इसके लिए सभी विभागों का डेटा बेस भी बनाने का निर्देश दिया।
वीसी ने कहा कि नैक मूल्यांकन में टीएमबीयू को बेहतर ग्रेडिंग दिलाना हमारा मुख्य फोकस है। नैक तैयारी के लिए वर्कशॉप का भी आयोजन किया जाएगा। आईक्यूएसी विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण 'की' है। नैक के लिए डेटा बेस आज से ही बनाना शुरू कर दें। सेल के सभी सदस्य अपने आइडिया और अनुभव से नैक मूल्यांकन कार्य में भूमिका निभाएं।
आईक्यूएसी कार्यालय को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। ऑफिस को हमेशा अपडेट रखें। आईक्यूएसी कॉर्डिनेटर कार्यालय के लिए आवश्यक संसाधनों को लेकर एक प्रोपोजल दें।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में काफी कुछ चीजें काम की हैं केवल उसे सुचारू रूप से संचालित करने की जरूरत है। टीएमबीयू में वर्मीकम्पोस्ट, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सोलर प्लांट, बायो गैस आदि को बेहतर तरीके से संचालित कराया जाएगा। विश्वविद्यालय एलुमिनाई को सशक्त बनाया जाएगा। क्वालिटी पैरामीटर को मजबूत किया जाएगा। स्थानीय प्रोडक्टों को बढ़ावा देने में टीएमबीयू उद्यमियों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी।
कुलपति प्रो. गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय का काम केवल छात्रों को डिग्री देना नहीं है बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन भी करना है। विश्वविद्यालय को अपना परिवार समझकर इसे आगे बढ़ाएं। राष्ट्रीय फलक पर टीएमबीयू को स्थापित करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। सप्ताह में एक बार सेल के सदस्यों के साथ जरूर बैठक करके कार्यों की समीक्षा करें।
टीएमबीयू के प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार ने कहा कि नैक से मूल्यांकन कराना विश्वविद्यालय के विकास के लिए काफी जरूरी है। अच्छी ग्रेडिंग मिलने पर विश्वविद्यालय और भी तरक्की करेगा। सबों के समेकित प्रयास से ही टीएमबीयू को अच्छी ग्रेडिंग मिल सकती है। सेकंड सायकिल के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्यों को गति दी जाएगी। उन्होंने जल्द से जल्द एक्यूआर भेजने का सुझाव दिया। प्रोवीसी ने कहा कि सत्तर प्रतिशत ऑनलाइन प्रोसेस से एक्सपर्ट जांच करती हैं शेष तीस फीसदी ही भौतिक जांच होती है। लिहाजा मूल्याकंन में ऑनलाइन प्रोसेस काफी महत्वपूर्ण है।
आईक्यूएसी सेल के कॉर्डिनेटर प्रो. यूके मिश्रा ने कहा कि सेल का कार्यालय शिफ्ट होने से नैक मूल्यांकन कार्यों में तेजी आएगी। सभी पेंडिंग एक्यूआर को जल्द ही अपलोड किया जाएगा। सेल के सदस्यों के साथ निरन्तर बैठक आयोजित कर कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। नैक के लिए सभी प्रोसेस ऑनलाइन ही किया जाना है। टीएमबीयू के में नैक का पहला मूल्यांकन पूर्व कुलपति प्रो. रामाश्रय यादव के कार्यकाल में हुआ था जबकि दूसरी बार मूल्यांकन पूर्व वीसी प्रो. आरएस दुबे के समय हुआ था। सौभाग्य की बात है कि अब वर्तमान कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के नेतृत्व और मार्गदर्शन में इस बार नैक मूल्यांकन कार्य शुरू किया गया है। सबों के सहयोग से विश्वविद्यालय को अच्छी ग्रेडिंग दिलाने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार डॉ निरंजन प्रसाद यादव ने किया।
मौके पर प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार, डीएसडब्लू प्रो. रामप्रवेश सिंह, प्रॉक्टर प्रो. रतन कुमार मंडल, सीसीडीसी डॉ केएम सिंह, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, आईक्यूएसी के कॉर्डिनेटर प्रो. यूके मिश्रा, को-कॉर्डिनेटर प्रो. एचके चौरसिया, प्रो. पवन पोद्दार, प्रो. कमल प्रसाद, डॉ प्रभात चन्द्रा, डॉ नवोदिता प्रियदर्शी, डॉ गरिमा त्रिपाठी, डॉ जनक श्रीवास्तव सहित सेल के कई सदस्य और विश्वविद्यालय के अधिकारी उपस्थित थे।
यह जानकारी पीआरओ ने दी।


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