हिमाचल प्रदेश
जगत सिंह तोमर
’’मुख्यमंत्री नूतन पाॅलीहाउस योजना’’ प्रदेश के किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। किसानों को अपने खुले खेतों में बहुत मेहनत करने के बावजूद तथा मौसम की स्थिति प्रतिकूल रहने पर उन्हें उनके द्वारा की गई मेहनत का उचित लाभ नहीं मिल पाता है जिसके कारण किसान मायूस व निराश होते हैं। प्रदेश के किसानों को उनकी मेहनत का फल मिले, इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार किसानों को पाॅलीहाउस स्थापित करने के लिए 85 प्रतिशत अनुदान दे रही है ताकि पाॅलीहाउस में फल व सब्जियां तैयार कर उन्हें रोजगार उपलब्ध हो सके और वह
अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें।
सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल के ग्राम पंचायत शिलांजी के गांव जरोग चमेची के सचिन भारद्वाज ने बताया कि कड़ी मेहनत के बावजूद खुले खेतों में लगाई गई कुछ फसल व सब्जियां मौसम की बेरुखी के चलते खराब हो जाती और समय पर तैयार न होने के कारण बाजार में इन उत्पादों के अच्छे दाम नहीं मिलने से उन्हें निराश होना पड़ता था। वह सोचने लगे कि कोई ऐसा दूसरा विकल्प ढूंढा जाए जिससे कि बाजार की मांग के अनुसार सब्जियां व फल तैयार किया जा सके।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से पांच दिन का निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस प्रशिक्षण के दौरान पाॅलीहाउस के संचालन, रखरखाव तथा इसमें तैयार किए जाने वाले फसलों के बारे में कृषि विशेषज्ञों से विस्तृत जानकारी हासिल करने के उपरान्त उन्होंने पाॅलीहाउस के लिए कृषि विभाग कार्यालय राजगढ़ में आवेदन किया। विषय वाद विशेषज्ञ कृषि ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा आरम्भ की गई इस योजना के तहत किसानों को पाॅलीहाउस लगाने के लिए 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है जिसमें किसान को केवल 15 प्रतिशत का शेयर ही देना पड़ता है और ग्रीनहाउस के क्षेत्रफल के हिसाब से अनुदान दिया जाता है। कृषि विशेषज्ञ से जानकारी मिलने के बाद उन्होंने इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर अपना आवेदन कृषि विभाग राजगढ़ को प्रस्तुत किया, जिसके उपरान्त कृषि विभाग द्वारा 420 वर्ग मीटर क्षेत्र में पाॅलीहाउस लगाने के लिए 4 लाख 64 हजार 999 रूपये की राशि स्वीकृत की गई। इस योजना के तहत उन्हें कृषि विभाग द्वारा 3 लाख 95 हजार 249 रूपये का अनुदान दिया गया, जबकि सचिन भारद्वाज ने पाॅलीहाउस स्थापित करने के लिए अपनी जेब से मात्र 69 हजार 750 रूपये ही व्यय किए।
सचिन भारद्वाज का कहना है कि पाॅलीहाउस में उगाई जाने वाली सब्जी, फल व पौधों को देखभाल करने में आसानी होती है और इन्हें कम पानी, सीमित सूरज की किरणों, कम कीटनाशकों और न्यूनतम उर्वरक के साथ नियंत्रित वातावरण में उगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, फसलों को पूरे साल उगाया जा सकता है और कीट व कीड़े भी कम होते हैं जिससे कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव भी बार-बार करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। किसी भी मौसम में फसलों के लिए सही वातावरण होने से किसान अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि ’’मुख्यमंत्री नूतन पाॅलीहाउस योजना’’ से उन्हें स्थाई रूप से घर पर ही रोजगार मिला है। इस योजना से प्रदेश के किसानों व ग्रामीण बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार का बेहतर विकल्प उनके घर-द्वार पर ही उपलब्ध हो रहा है।
सचिन भारद्वाज का कहना है कि इस योजना से उन्हें भरपूर लाभ मिला है। पाॅलीहाउस में खुले खेत के मुकाबले फसल उत्पादन ज्यादा होता है। पाॅलीहाउस में टमाटर, गाजर, पालक, शिमला मिर्च आदि नकदी फसलें तैयार कि जा सकती हैं और बेमौसमी सब्जियों को लगाने से बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं। ग्रीनहाउस में तैयार किए गए टमाटर से उन्हें लगभग एक लाख रूपये आमदनी हुई है। उन्होंने प्रदेश के किसानों को 85 प्रतिशत अनुदान पर पाॅलीहाउस उपलब्ध करवा कर उनकी अर्थिकी को और सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।


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